- – यह कविता माँ के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम व्यक्त करती है।
- – माँ के दर पर आकर जीवन में खुशियाँ और संतोष प्राप्त होता है।
- – जीवन की कठिनाइयों और दुखों से उबरने में माँ का सहारा महत्वपूर्ण होता है।
- – माँ के पास आकर मन की तमन्नाएँ पूरी होती हैं और आशा की किरण मिलती है।
- – माँ के बिना जीवन अधूरा और अंधकारमय लगता है, लेकिन उनके साथ सब कुछ संभव है।
तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है।।
तर्ज – नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का।
जमाने से जो ना मिला,
तुमसे पाया,
भटकता हुआ जब मै,
तेरे दर पे आया,
जो दिल में थी हसरत,
वही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
दुखो का शिकंजा,
कसा जा रहा था,
अंधेरो में जीवन,
फसा जा रहा था,
यही राह फिर से,
सही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
ये चर्चे है तीनो,
जहाँ में तुम्हारे,
अगर कोई दर पे,
झोली पसारे,
कहो चीज क्या जो,
नहीं मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।