- – यह गीत प्रेम और भक्ति की भावना से ओतप्रोत है, जिसमें प्रेमी अपनी प्रिय की सुंदरता और आकर्षण की प्रशंसा करता है।
- – गीत में प्रिय के मोटे मोटे नैनों (बड़े और सुंदर आंखों) की विशेष रूप से बार-बार तारीफ की गई है।
- – प्रिय की अन्य सुंदर विशेषताओं जैसे मोर मुकुट, मकराकृत कुंडल, घुंघराली लटकन और मीठी बसुरियों का भी वर्णन है।
- – गीत में राधा रानी और गोविन्द के संदर्भ के माध्यम से आध्यात्मिक और धार्मिक भावनाओं का समावेश है।
- – प्रेमी अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हुए प्रिय के चरणों में अपना प्यार अर्पित करने की इच्छा जताता है।
- – यह गीत देवकीनंदन जी द्वारा गाया गया है, जो भावपूर्ण और मधुर गायन के लिए जाने जाते हैं।
तेरी बांकी अदा पे बलिहारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं।।
मोर मुकुट मकराकृत कुंडल,
गालों पे तेरी घुंघराली लटकन,
तेरी मीठी बसुरियां पे वारी जाऊ,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं।।
राधा रानी संग विराजे,
देख छवि मन नुपुर बाजे,
तेरी करुणा की मैं भी सौगात पाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं।।
सूरत तेरी नन्द दुलारे,
गोविन्द मन में बस गई हमारे,
तेरे चरणों का मैं भी थोडा प्यार पाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं।।
तेरी बांकी अदा पे बलिहारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं,
तेरे मोटे मोटे नैनो पे मैं वारी जाऊं।।
Singer : DevakiNandan Ji