- – यह गीत भगवान शिव की महिमा और उनकी भक्ति में रचा गया है, जिसमें भोलेनाथ की जयकार की गई है।
- – डमरू की धुन पर सारा संसार नाच रहा है, जो शिव के आध्यात्मिक प्रभाव और शक्ति का प्रतीक है।
- – शिव को नीलकंठ, त्रिपुरारी, और जटा गंग जैसे विभिन्न नामों से संबोधित किया गया है, जो उनकी विभिन्न रूपों और गुणों को दर्शाते हैं।
- – भगवान शिव की तपस्या, ध्यान और करामातों का वर्णन किया गया है, जो तीनों लोकों में उनकी महत्ता को दर्शाता है।
- – भक्त अपनी श्रद्धा और शरणागति प्रकट करते हुए शिव से आशीर्वाद और संरक्षण की प्रार्थना करते हैं।
- – पूरे गीत में शिव की भक्ति और उनकी दिव्यता का उत्सव मनाया गया है, जो भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।

तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
सारा जग डमरू पे नाच रहा,
तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
तर्ज – अनोखी थारी झांकी।
ओ नीलकंठ ओ त्रिपुरारी,
ओ शिवनन्दी के असवारी,
जटा गंग है, जटा गंग है,
जटा गंग है गंगा मात,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरी जय हो भोले नाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
तन भस्मी रमाए रहता तू,
बस ध्यान लगाए रहता तू,
तीनो लोको में, तीनो लोको में,
तीनो लोको में तेरी करामात,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरी जय हो भोले नाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
प्रभु ‘चोखानी’ तेरी शरण पड़ा,
कर जोड़ के ‘शर्मा’ द्वार खड़ा,
मेरे सर पे, मेरे सर पे,
मेरे सर पे रख दो हाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरी जय हो भोले नाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
सारा जग डमरू पे नाच रहा,
तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
