- – गीत में हनुमान जी और राम जी के बीच के गहरे संबंध और पहचान पर प्रश्न उठाया गया है।
- – यह गीत रामायण की घटनाओं और हनुमान जी के राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
- – गढ़ लंका में हनुमान जी की बहादुरी और राम के लिए उनकी भक्ति का उल्लेख है।
- – गीत में राम और हनुमान के बीच विश्वास और कभी-कभी धोखे की अनुभूति का भी जिक्र है।
- – यह भावुक गीत भक्तों को राम और हनुमान के प्रति अपनी आस्था और प्रेम को समझने और महसूस करने के लिए प्रेरित करता है।

तेरी राम जी से क्या पहचान,
पहले नही देखा कैसे हो भरोसा,
इतना बता हनूमान,
तेरी राम जी से क्या पेहचान,
तेरी राम जी से क्या पहचान।।
कौन सी घड़ी में,
कौन सी जगह पे,
हुई तेरी मुलाकात,
किस कारण से मेरे प्रभु ने,
रखा तुमको साथ,
नर वानर का साथ हुआ कैसे,
कौन सा किया तुमने काम,
तेरी राम जी से क्या पेहचान,
तेरी राम जी से क्या पहचान।।
गढ़ लंका में आया कैसे,
राक्षस है बलवान,
तुमको भेजा पास में मेरे,
आये क्यों नहीं राम,
हाथ कैसे आई इनकी निशानी,
ये है असम्भव काम,
तेरी राम जी से क्या पेहचान,
तेरी राम जी से क्या पहचान।।
करके भरोसा देखा मैंने,
और धोखा खाया,
बात ना मानी लक्ष्मण जी की,
ऐसा दिन है आया,
भूल हुई मुझसे ‘बनवारी’ तबसे,
बिछुड़ गए मेरे राम,
तेरी राम जी से क्या पेहचान,
तेरी राम जी से क्या पहचान।।
पहले नही देखा कैसे हो भरोसा,
इतना बता हनूमान,
तेरी राम जी से क्या पेहचान,
तेरी राम जी से क्या पहचान।।
Singer : Jaya Kishori Ji
