- – यह गीत भगवान गणेश की स्तुति और वंदना करता है, जिनका रूप गजरूप (हाथी के सिर वाला) अत्यंत प्रिय है।
- – गीत में गणेश को मंगलमय, शुभकारी और विघ्न हरने वाला बताया गया है, जो सभी कार्यों में आवश्यक हैं।
- – भगवान गणेश को ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी पूजते हैं, और वे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- – लड्डू, मोदक, फल-फूल और मेवा चढ़ाने की परंपरा का उल्लेख है, जो गणेश जी को प्रिय हैं।
- – गीत का स्वर राकेश काला ने दिया है और यह भक्ति भाव से परिपूर्ण है।
तेरी वंदना करे हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी जय जय हो गौरी गणेश,
तेरी जय जय हो गौरी गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी वंदना करें हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे।।
तर्ज – मैं तो भूल चली बाबुल का।
मंगलमय शुभकारी मूरत तुम्हारी,
हर कार्यो के है जरुरत तुम्हारी,
तुम्ही हरते हो विघ्न कलेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी वंदना करें हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे।।
माथे पर सोहे है तिलक सिंदूरी,
भक्तो की मनोकामना करते पूरी,
तुम्हे पूजे ब्रम्हा विष्णु महेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी वंदना करें हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे।।
लाडू और मोदक का भोग तुम्हे भाए,
फल फुल मेवा पान तुमको चढ़ाए,
मेरे ह्रदय में कर लो प्रवेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी वंदना करें हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे।।
तेरी वंदना करे हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी जय जय हो गौरी गणेश,
तेरी जय जय हो गौरी गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे,
तेरी वंदना करें हम गणेश,
गजरूप तेरा प्यारा लगे।।
स्वर – राकेश काला।
https://youtu.be/A1nXhAo8-9I
