- – यह गीत बाबा (ईश्वर या गुरु) के प्रति श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है, जिसमें जीवन की डोर बाबा के हाथों में सौंपने की बात कही गई है।
- – मनुष्य की कमजोर डोर को बाबा के हाथों में कसकर पकड़ने का निवेदन किया गया है, जो जीवन की कठिनाइयों में सहारा बनता है।
- – बाबा के दर्शन से कलयुग के दुख दूर होते हैं और शरणागतों को शांति और सुरक्षा मिलती है।
- – जीवन की नाव को तेज लहरों और अंधकार से बचाने के लिए बाबा के भरोसे छोड़ने की बात कही गई है।
- – यह गीत भक्ति, समर्पण और आध्यात्मिक विश्वास की भावना को प्रकट करता है, जो जीवन की अनिश्चितताओं में आश्रय प्रदान करता है।

थारे हाथा में ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में,
कस के रखियो डोर पकड़के,
कस के रखियो डोर पकड़के,
डोर बड़ी कमजोर,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
थे ही जानो से के मन की,
म्हारी भी कुछ जानो जी,
म्हारे मनड़े पे सांवरिया,
म्हारे मनड़े पे सांवरिया,
जी चाले थारो जोर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
दुनिया को तो घणो सहारो,
म्हारा सबकुछ थे ही थे,
किस विध करा बड़ाई थारी,
किस विध करा बड़ाई,
थे तो कालजिये री कोर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
कलयुग में थारा दर्शन करके,
‘चोखानी’ दुःख टल जावे,
‘लख्खा’ शरणागत होकर बेठ्यो,
‘लख्खा’ शरणागत होकर बेठ्यो,
निरखे थारी ओर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
जीवन री म्हारी नईया बाबा,
थारे भरोसे छोड़ी रे,
तेज लहर है घणो बवंडर,
अन्धकार घनघोर,
थारे हाथां में,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
थारे हाथा में ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में,
कस के रखियो डोर पकड़के,
कस के रखियो डोर पकड़के,
डोर बड़ी कमजोर,
थारे हाथा मे ओ बाबा,
म्हारे मनड़े री डोर,
थारे हाथा में।।
