- – यह भजन गुरु मुरारी से भक्ति और उनके दर्शन की प्रार्थना करता है, जिसमें उनकी एक झलक पाने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – भजन में जीवन की कठिनाइयों और दुखों से मुक्ति के लिए गुरु की सहायता और मार्गदर्शन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- – भक्त अपने दिल में गुरु की उपस्थिति महसूस करने और उनके चरणों में समर्पित होने की भावना व्यक्त करता है।
- – गुरु मुरारी को सतगुरु के रूप में सम्मानित किया गया है, जो मोक्ष और सच्चा सहारा प्रदान करते हैं।
- – भजन में गुरु के प्रति गहरा प्रेम और श्रद्धा व्यक्त की गई है, जो जीवन के हर संकट में सहारा बनते हैं।
टोहे जा तन्नै दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न,
सुना धाम पड़ा समचाणा,
एक ब झलक दिखा जा न,
टोहे जा तन्ने दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न।।
दुनिया टकर मारे जा स,
सतगुरू तन्नै पुकारे जा स,
रस्ता खुब निहारे जा स,
दिल के बीच समा जया न,
टोहे जा तन्ने दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न।।
तेरे बिना कुण कष्ट मिटावः,
बालाजी तं कुण मिलवावः,
और पास बिठा क कुण समझावः,
रस्ता मन्नै बता जा न,
टोहे जा तन्ने दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न।।
जब मैं बैठुं ध्यान लगा क,
तेरे बिना रोऊँ दुख पा क,
तेरे फोटु में ध्यान लगा क,
चरणां बीच समा जा न,
टोहे जा तन्ने दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न।।
राजपाल तेरा चैला प्यारा,
कौशिक ने भी तेरा सहारा,
तेरे में मोह सब तं न्यारा,
सतगुरू पार तिरा जा न,
टोहे जा तन्ने दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न।।
टोहे जा तन्नै दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न,
सुना धाम पड़ा समचाणा,
एक ब झलक दिखा जा न,
टोहे जा तन्ने दुनिया सारी,
गुरू मुरारी आ जा न।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
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