- – कविता में आत्मविश्वास और भरोसे की भावना प्रमुख है, जहाँ कवि अपने साथी के साथ होने का भरोसा जताता है।
- – जीवन की कठिनाइयों और भय के बीच भी साथी का सहारा मिलने का विश्वास कवि को साहस देता है।
- – कवि ने अपने मन की उदासी और आशंका को साथी के धीरज और सहारे से दूर करने की बात कही है।
- – कविता में भगवान या किसी उच्च शक्ति से सहारा और मदद की प्रार्थना भी की गई है।
- – यह कविता प्रेम, विश्वास और समर्थन की भावना को उजागर करती है, जो जीवन के संघर्षों में सहारा बनती है।

तू मेरे साथ है,
डर की क्या बात है,
देगा सहारा मुझको,
पूरा विश्वास है,
तू मेरे साथ हैं।।
तर्ज – मेरी जो लाज है।
विश्वास है बिलकुल पक्का,
तू साथ नहीं छोड़ेगा,
नैया है बीच भवर में,
पतवार नहीं छोड़ेगा,
दिल ये उदास है,
तुझसे ही आस है,
देगा सहारा मुझको,
पूरा विश्वास है,
तू मेरे साथ हैं।।
जब जब भी मन घबराया,
तू धीर बंधाने आया,
ऊँची ऊँची लहरों से,
तू ही तो बचाने आया,
करुणा निधान है,
बेटा नादान है,
देगा सहारा मुझको,
पूरा विश्वास है,
तू मेरे साथ हैं।।
अब दोनों हाथ उठाकर,
तुझको है श्याम पुकारा,
विश्वास है मुझको पक्का,
अब मिलेगा मुझे सहारा,
तेरे इस दास ‘उदित’ की,
तुझसे अरदास है,
देगा सहारा मुझको,
पूरा विश्वास है,
तू मेरे साथ हैं।।
तू मेरे साथ है,
डर की क्या बात है,
देगा सहारा मुझको,
पूरा विश्वास है,
तू मेरे साथ हैं।।
Singer – Shivam Sharma
