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- – यह गीत भगवान शिव की महिमा और भक्ति को समर्पित है, जहाँ उन्हें “शंकर का राज दुलारा” और “गौरा माँ की आँख का तारा” कहा गया है।
- – गीत में भगवान शिव से सभी भक्तों की समस्याओं और बिगड़ी हुई परिस्थितियों को सुधारने की प्रार्थना की गई है।
- – भक्तों की सेवा में खड़े होकर, उनकी मन की एकता और भक्ति की भावना को व्यक्त किया गया है।
- – रिद्धि-सिद्धि के दाता शिव की महिमा का वर्णन करते हुए, कवि कमल किशोर ने अपने समर्पण और श्रद्धा को व्यक्त किया है।
- – बार-बार “तुमको आना होगा” का दोहराव भगवान शिव के आगमन और कृपा की अपेक्षा को दर्शाता है।

तू शंकर का राज दुलारा,
गौरा माँ की आँख का तारा,
तुमको आना होगा,
तुमको आना होगा।।
तर्ज – नदियाँ चले चले रे धारा।
हो करते है पहले,
तेरी हम तो पूजा,
होता है दुनिया में,
हर काम दूजा,
सबकी की बिगड़ी को,
तू ही बनाए,
सबके भाग्यो को,
तू ही जगाये,
तुमको आना होगा,
तुमको आना होगा।।
सेवा में तेरी खड़े,
हम सभी तो,
भक्तो के प्यारे,
पधारो अभी तो,
भक्तो के मन की,
है इक तार बोले,
नैया है मजधार,
खाए जो डोले,
तुमको आना होगा,
तुमको आना होगा।।
रिद्धि और सिद्दी का,
तू ही है दाता,
चरणों में ‘शर्मा’,
है शीश झुकाता,
कर्मा रो पढ़ वाला,
गुण तेरे गाए,
‘कमल किशोर’ कवी,
तुमको बुलाए,
तुमको आना होगा,
तुमको आना होगा।।
तू शंकर का राज दुलारा,
गौरा माँ की आँख का तारा,
तुमको आना होगा,
तुमको आना होगा।।
स्वर – कमल किशोर जी कवी।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
