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- – यह गीत कृष्ण की लीलाओं और उनके प्रेम की अनोखी और “टेढ़ी” (अलग) दृष्टि को दर्शाता है।
- – मथुरा, वृंदावन, गोकुल जैसे पवित्र स्थानों की विशेषता और उनकी “टेढ़ी” (अलग) प्रकृति का उल्लेख किया गया है।
- – राधा, बलदाऊ, यशोदा जैसे प्रमुख पात्रों की “टेढ़ी” (अलग) भावनाओं और व्यवहारों को उजागर किया गया है।
- – कृष्ण की मुरली की धुन पर नृत्य और प्रेम की राह को “टेढ़ी” (अलग) बताया गया है, जो भक्तों के लिए मार्गदर्शक है।
- – गीत में रूप, रस, माखन, नवनित जैसे प्रतीकों के माध्यम से कृष्ण और उनकी लीलाओं की अनूठी छवि प्रस्तुत की गई है।
- – समग्र रूप से यह गीत कृष्ण भक्ति की जटिलताओं और उनकी दिव्य प्रेम यात्रा की विशेषताओं को सरल और भावपूर्ण भाषा में व्यक्त करता है।

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,
मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,
तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया।।
मथुरा तेरो टेढ़ो,
वृन्दावन तेरो टेढ़ो,
टेढ़ी रे तेरी गोकुल नगरिया।।
राधा तेरी टेढ़ी,
बलदाऊ तेरे टेढ़े,
टेढ़ी रे तेरी यशोदा डुकरिया।।
मुकुट तेरो टेढो,
लकुट तेरी टेढ़ी,
टेढ़ी रे श्याम तेरे मुख की मुरलिया।।
ओ टेढ़े तेरी,
मुरली की धुन पे,
नाच नाच भई टेढ़ी रे कमरिया।।
गोपी सब टेढ़ी,
ग्वाल सब टेढ़े,
टेढ़ी रे तेरे प्रेम की डगरिया।।
भक्त सब टेढ़े,
भक्तानी सब टेढ़ी,
सीधी रे श्याम राधा गुजरिया।।
रूप के रसिया ते,
रूप छिपाओ,
माखन मांगू तो आँखे दिखाओ,
टेढ़ो नवनितो का करूँ जे बताओ,
घी निकरे ना बिन टेढ़ी उँगरिया,
सीधे को नाए गुजारो री गुजरिया।।
तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,
मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,
तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
