- – यह गीत भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम को समर्पित है, जिसमें उनके प्रति गहरा स्नेह व्यक्त किया गया है।
- – गीत में कृष्ण की दयालुता और भक्तों के प्रति उनकी ममता का वर्णन है, जो दुखों को दूर करते हैं।
- – कृष्ण के चमत्कारों और उनकी कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि आने की बात कही गई है।
- – गीत में कृष्ण के नाम का उच्चारण और उनकी महिमा का गुणगान बार-बार किया गया है, जो भक्ति भाव को प्रकट करता है।
- – यह गीत नेलिमा और सिमरात द्वारा गाया गया है, जो इसकी मधुरता को और बढ़ाता है।

तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा,
कृष्ण कन्हैया कृष्ण कन्हैया,
तुझ संग प्रित लगाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा।।
तर्ज – तुझ संग प्रीत लगाई सजना।
श्यामा तूने दुखियों को,
गले से लगाया,
भोले भोले भक्तो को,
अपना बनाया,
दुख और कष्टों को,
पल में भगाया,
इसलिए हमको तू भाए कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा,
तुझ संग प्रित लगाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा।।
कान्हा तेरे दर पे जो,
माँगा मिला है,
सुनी सुनी गोद में,
फूल खिला है,
यहाँ चमत्कारों का,
अजब सिलसिला है,
तेरे लिए माखन मैं लाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा,
तुझ संग प्रित लगाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा।।
तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा,
कृष्ण कन्हैया कृष्ण कन्हैया,
तुझ संग प्रित लगाई कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा ओ कान्हा।।
Singer : Neelima, Simrat
