तुकाराम आरती in Hindi/Sanskrit
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
राघवे सागरात ।
पाषाण तारीले ॥
तैसे हें तुकोबाचे ।
अभंग उदकी रक्षिले ॥
आरती तुकाराम ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
तुकिता तुलनेसी ।
ब्रह्म तुकासी आले ॥
म्हणोनि रामेश्वरे ।
चरणी मस्तक ठेविले ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
Tukaram Aarti in English
Aarti Tukaram
Swami Sadguru Dham
Sachidanand Moorti
Paay Dakhavi Amha
Aarti Tukaram
Swami Sadguru Dham
Sachidanand Moorti
Paay Dakhavi Amha
Raghave Sagarat
Paashan Taarile
Taise He Tukobache
Abhang Udaki Rakshile
Aarti Tukaram
Aarti Tukaram
Swami Sadguru Dham
Sachidanand Moorti
Paay Dakhavi Amha
Tukita Tulanesi
Brahma Tukas Aale
Mhanoni Rameshware
Charani Mastak Thevile
Aarti Tukaram
Swami Sadguru Dham
Sachidanand Moorti
Paay Dakhavi Amha
Aarti Tukaram
Swami Sadguru Dham
Sachidanand Moorti
Paay Dakhavi Amha
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आरती तुकाराम: एक आध्यात्मिक स्तुति का हिंदी अर्थ
आरती तुकाराम – भगवान तुकाराम की स्तुति
आरती तुकाराम, स्वामी सद्गुरु धाम
यह पंक्ति भगवान तुकाराम की स्तुति है। यहाँ पर आरती का मतलब पूजा या स्तुति करना है। तुकाराम महाराज को ‘स्वामी’ और ‘सद्गुरु’ कहा गया है, जिसका अर्थ है कि वे सर्वोच्च गुरु और सच्चे शिक्षक हैं, जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं।
हिंदी अर्थ:
“हम तुकाराम महाराज की आरती कर रहे हैं, जो एक सद्गुरु और धाम (आध्यात्मिक स्थान) हैं।”
सच्चिदानंद मूर्ती, पाय दाखवी आम्हा
‘सच्चिदानंद’ शब्द का अर्थ है सत्य (सत्), चेतना (चित्) और आनंद (आनंद)। यह तुकाराम को एक ऐसे रूप में प्रस्तुत करता है, जो सत्य, ज्ञान और परम आनंद का प्रतीक हैं।
‘पाय दाखवी आम्हा’ का अर्थ है कि हमें अपने चरणों का दर्शन दें। चरणों का अर्थ यहां भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से है, जो शरण में आने का प्रतीक है।
हिंदी अर्थ:
“सच्चिदानंद रूपी तुकाराम महाराज, हमें अपने पवित्र चरणों का दर्शन कराइए।”
राघवे सागरात, पाषाण तारीले
यह पंक्ति भगवान राम के चरित्र का वर्णन करती है। यहां ‘राघव’ का अर्थ है भगवान राम, जिन्होंने समुद्र में तैरते हुए पत्थरों का उपयोग करके रामसेतु का निर्माण किया था, जिससे वह लंका तक पहुँच सके।
हिंदी अर्थ:
“जैसे भगवान राम ने समुद्र में पत्थरों को तैराया था (रामसेतु बनाया था)।”
तैसे हें तुकोबाचे, अभंग उदकी रक्षिले
यहाँ भगवान तुकाराम के अभंगों (उनकी भक्ति रचनाओं) का जिक्र है। जैसे राम ने पत्थरों को तैराया, वैसे ही तुकाराम के अभंगों ने भक्तों को संसार रूपी सागर से सुरक्षित पार उतारा।
हिंदी अर्थ:
“वैसे ही तुकाराम महाराज ने अपने अभंगों से भक्तों की रक्षा की है।”
तुकिता तुलनेसी, ब्रह्म तुकासी आले
‘तुकिता तुलनेसी’ का मतलब है कि तुकाराम महाराज की तुलना कोई नहीं कर सकता। ‘ब्रह्म तुकासी आले’ का अर्थ है कि तुकाराम को स्वयं ब्रह्म का साक्षात्कार हो चुका है।
हिंदी अर्थ:
“तुकाराम की तुलना किसी से नहीं की जा सकती, और उन्होंने ब्रह्म का साक्षात्कार कर लिया है।”
म्हणोनि रामेश्वरे, चरणी मस्तक ठेविले
इस पंक्ति में ‘रामेश्वरे’ का अर्थ है भगवान राम के प्रति समर्पण। ‘चरणी मस्तक ठेविले’ का अर्थ है कि उन्होंने अपने मस्तक को भगवान के चरणों में झुका दिया है।
हिंदी अर्थ:
“इसलिए रामेश्वर ने तुकाराम के चरणों में अपना सिर झुका दिया।”
आरती तुकाराम, स्वामी सद्गुरु धाम
यह पुनः दोहराव है, जहाँ हम तुकाराम महाराज की महिमा का गान करते हैं, जो हमारे सद्गुरु हैं और जिनका धाम (स्थान) पवित्र है।
हिंदी अर्थ:
“हम तुकाराम महाराज की आरती कर रहे हैं, जो एक सच्चे गुरु हैं और उनका स्थान पवित्र है।”
सच्चिदानंद मूर्ती, पाय दाखवी आम्हा
यह भी दोहराव है, जिसमें भगवान तुकाराम के सच्चिदानंद स्वरूप की स्तुति की जा रही है, और उनके चरणों का दर्शन माँगा जा रहा है।
हिंदी अर्थ:
“हे सच्चिदानंद रूपी तुकाराम, हमें अपने चरणों का दर्शन कराइए।”
इस आरती के माध्यम से तुकाराम महाराज की महिमा का गान किया गया है। इसमें भगवान राम और रामेश्वर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और पौराणिक पात्रों का उल्लेख भी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि तुकाराम महाराज का स्थान आध्यात्मिकता में सर्वोच्च है। उनके अभंग और उनके उपदेश भक्तों के लिए मार्गदर्शन का स्रोत हैं।