- – गीत में प्रेमी अपने प्रिय मोहन को मनााने की कोशिश कर रहा है, चाहे वह कितना भी रूठ जाए।
- – प्रेमी मधुबन, राधा, माखन जैसे सुंदर और प्रेमपूर्ण प्रतीकों का उपयोग कर मोहन को वापस बुलाने का आग्रह करता है।
- – गीत में प्रेम की गहराई और समर्पण की भावना स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई है।
- – प्रेमी का विश्वास है कि वह मोहन को अपने प्यार और वादों के माध्यम से फिर से अपना बना लेगा।
- – जुदाई और दूरी के बावजूद, प्रेमी का दिल मोहन के लिए हमेशा खुला और तैयार है।
- – गीत में भावनात्मक अपील और प्रेम की मिठास दोनों का समावेश है, जो सुनने वाले को भावुक कर देता है।

तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,
आहों मे असर होगा,
घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम कहते हो मोहन,
हमें मधुबन प्यारा है,
इक बार तो आ जाओ,
मधुबन ही बना देंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम कहते हो मोहन,
हमें राधा प्यारी है,
इक बार तो आ जाओ,
राधा से मिला देंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम कहते हो मोहन,
हमें माखन प्यारा है,
इक बार तो आ जाओ,
माखन ही खिला देंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम कहते हो मोहन,
हमें कहाँ बिठाओगे,
इस दिल में तो आ जाओ,
पलकों पे बिठा लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम हमको ना चाहो,
इसकी हमें परवाह नही,
हम वादे के पक्के है,
तुम्हे अपना बना लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,
आहों मे असर होगा,
घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
लगी आग जो सीने में,
तेरी प्रेम जुदाई की,
हम प्रेम की धारा से,
लगी दिल की बुझा लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,
आहों मे असर होगा,
घर बैठे बुला लेंगे,
तुम रूठे रहों मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे।।
Singer : Alka Goyal
