- – यह गीत एक भक्त की श्याम (भगवान) से प्रार्थना और आस की अभिव्यक्ति है, जो संकट और दुखों में फंसा हुआ है।
- – गीत में जीवन को नाव से तुलना की गई है जो भंवर (संकट) में फंसी हुई है और वह रक्षक की शरण चाहता है।
- – भक्त अपनी कमजोरियों और थकान को दर्शाता है, और भगवान से दया, सहारा और मार्गदर्शन की मांग करता है।
- – गीत में यह भी बताया गया है कि भगवान प्रेमियों को कभी खाली हाथ नहीं लौटाते, इसलिए भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने की आशा रखता है।
- – अंत में, भक्त भगवान से दुखों की रात के बाद खुशियों की भोर लाने की विनती करता है और अपनी टूटती आशा की डोर को फिर से जोड़ने की प्रार्थना करता है।

टूट रही मेरी आस की डोर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर,
अपनी दया की एक नजर अब,
कर दो बाबा मेरी ओर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर।।
तर्ज – और इस दिल में।
जीवन नाव मेरी,
फसी है बीच भवर में,
बचा लो मुझको आके,
ले लो अपनी शरण में,
दुखो के घेरे भवर में,
मैं बाबा अटक गया हूँ,
सम्हलो मुझको आके,
मैं रस्ता भटक गया हूँ,
पतवार चलने की ताकत,
अब और नहीं मुझ में,
अब और नहीं मुझ में,
थाम लो बाबा आकर अपने,
थाम लो बाबा आकर अपने,
प्रेमी की ये टूटती डोर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर।।
कहते है लोग तुझको,
तू हारे का सहारा,
पुकारा मैने तुझको,
दिखे क्यों ना किनारा,
मैं दुनिया का सताया,
मुफलिसी का हूँ मारा,
दया करके बाबा,
दे दो थोडा सहारा,
देर तुम्हारी दया की बाबा,
मुझको नहीं मंजूर,
मुझको नहीं मंजूर,
माफ़ करो मेरे श्याम धनि अब,
मुझ बालक का हो जो कसूर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर।।
सुना है मैंने बाबा,
तूने रोतो को हसाया,
ऐसा क्या मैंने किया जो,
मुझे इतना रुलाया,
पाया है उसने सब कुछ,
तेरी चौखट पे आया,
किसी प्रेमी को दर से,
खाली ना लौटाया,
‘चेतन’ तेरे दर पे आया,
अर्जी करो मंजूर,
अर्जी करो मंजूर,
गम की आई रात अँधेरी,
कर दो अब खुशियों की भोर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर।।
टूट रही मेरी आस की डोर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर,
अपनी दया की एक नजर अब,
कर दो बाबा मेरी ओर,
कब देखोगे श्याम मेरी ओर।।
Singer : Chaitanya Dadhich
