- – गीत में परदेसी (विदेशी या प्रवासी) की जिंदगी और उसकी अस्थिरता को दर्शाया गया है, जहाँ समय का महत्व बताया गया है।
- – यह गीत जीवन के अनमोल समय को व्यर्थ न गवाने और जागरूक रहने का संदेश देता है।
- – रिश्ते, धन-दौलत और सांसारिक वस्तुएं अंततः साथ नहीं रहतीं, इसलिए आत्मा की सुध लेने की प्रेरणा दी गई है।
- – परदेसी की पहचान और उसकी यात्रा को जीवन की एक अनिवार्य सच्चाई के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
- – गीत में बार-बार “उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया” कहकर समय की नसीहत और जागरूकता का आवाहन किया गया है।
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया,
अभी तो जगाया तुझे फिर सो गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हों गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया।।
हम परदेसियों की यही है निशानी,
आए और चले गए ख़तम कहानी,
आए और चले गए ख़तम कहानी,
कोई गया हसते हसते कोई रो गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हों गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया।।
बार बार पहले भी आया है जहाँ में,
देख आँखे खोल तेरा ध्यान है कहाँ पर,
देख आँखे खोल तेरा ध्यान है कहाँ पर,
अनमोल जीवन तेरा व्यर्थ हो गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हों गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया।।
सारे रिश्ते नाते तेरे यहीं रह जाएंगे,
हिरे और मोती तेरे काम नहीं आएँगे,
हिरे और मोती तेरे काम नहीं आएँगे,
बोझ पाप वाला क्यों यूँ व्यर्थ ढो रहा,
उठ परदेसी तेरा वक्त हों गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया।।
इस दुनिया में तेरा अपना नहीं है,
यहाँ परदेसी कोई ठहरा नहीं है,
यहाँ परदेसी कोई ठहरा नहीं है,
वापस ना आया एक बार जो गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हों गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया।।
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया,
अभी तो जगाया तुझे फिर सो गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हों गया,
उठ परदेसी तेरा वक्त हो गया।।
Singer : Shri Devakinandan Ji
https://youtu.be/4m7RT4rRwXA
