- – यह गीत सालासर बाबा के उत्सव और भक्ति को समर्पित है, जिसमें भक्तों की खुशी और उत्साह व्यक्त किया गया है।
- – गीत में फूलों से थाल सजाने, चूरमे का भोग लगाने और बाबा की आरती करने का वर्णन है।
- – भक्त बाबा के गुणगान करते हैं, सिंदूर और नारियल चढ़ाते हैं, और उनकी भक्ति को अपने दिल में बसाते हैं।
- – सजाए गए दरबार और भक्तों के प्यार का उल्लेख है, जो बाबा के प्रति श्रद्धा और सम्मान दर्शाता है।
- – बाबा द्वारा लाया गया माल-खजाना और समाज में उसकी महत्ता का भी उल्लेख गीत में किया गया है।
- – समापन में सभी भक्त मिलकर बाबा के प्रति मनुहार करते हैं और उत्सव की खुशी मनाते हैं।

उत्सव बाबा को है आयो,
मनड़ो भक्ता को हर्षयो,
हो हो हो ओ ssss…..,
उत्सव बाबा को है आयो,
मनड़ो भक्ता को हर्षयो,
आओ सालासर सरकार,
सभी मिल थारी करा मनुहार,
सभी मिल थारी करा मनुहार।।
तर्ज – मैने पायल है छनकाई।
फूलों से थाल सजावा,
चूरमे को भोग लगावा,
थारी मै आरती गावा,
ओ बाबा sss…
फुला से थाल सजावा,
चूरमे को भोग लगावा,
थारी मै आरती गावा,
ओ बाबा sss…
थारी जय जयकार लगावा,
मैं तो झूमा नाचा गांवा,
म्हारी अर्जी करो स्वीकार,
सभी मिल थारी करा मनुहार,
सभी मिल थारी करा मनुहार।।
थारे सिंदूर लगावा,
नारियल भेंट चढ़ावा,
थारा गुणगान मैं गांवा,
ओ बाबा sss…
थारे सिंदूर लगावा,
नारियल भेंट चढ़ावा,
थारा गुणगान मैं गांवा,
ओ बाबा sss…
थारी सूरत मन में बसाई,
थारी भक्ति दिल में समाई,
म्हारी नैया ने कर दीजो पार,
सभी मिल थारी करा मनुहार,
सभी मिल थारी करा मनुहार।।
सज्यो दरबार है थारो,
बड़ो सुन्दर है नजारो,
लागे भक्ता ने प्यारो,
ओ बाबा sss…
सज्यो दरबार है थारो,
बड़ो सुन्दर है नजारो,
लागे भक्ता ने प्यारो,
ओ बाबा sss…
बाबो ल्यायो माल खजानो,
लूट रह्यो है सारो जमानो,
लुटावे सालासर सरकार,
सभी मिल थारी करा मनुहार,
सभी मिल थारी करा मनुहार।।
उत्सव बाबा को है आयो,
मनड़ो भक्ता को हर्षयो,
हो हो हो ओ ssss…..,
उत्सव बाबा को है आयो,
मनड़ो भक्ता को हर्षयो,
आओ सालासर सरकार,
सभी मिल थारी करा मनुहार,
सभी मिल थारी करा मनुहार।।
