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- – यह भजन वृन्दावन के बांके बिहारी भगवान के प्रति भक्ति और सेवा की भावना व्यक्त करता है।
- – भक्ति करने वाला भगवान के चरणों की छाया में रहना चाहता है और जन्म-जन्मान्तर तक उनकी सेवा का वर मांगता है।
- – भजन में भगवान के नाम का निरंतर स्मरण और भजन गाने की इच्छा प्रकट की गई है।
- – भक्त भगवान की दया और कृपा की आशा करता है और उनके प्यार को धन्य मानता है।
- – भजन में भगवान से हमेशा संरक्षण और आशीर्वाद की प्रार्थना की गई है।
- – यह भजन हरिदासी पूनम जी द्वारा गाया गया है, जो भक्तिमय भावनाओं को सुंदरता से प्रस्तुत करता है।

वृन्दावन के बांके बिहारी,
हम दर तेरे आये है,
मुझे रख लो सेवादार,
सांवरे आस लगाए है।।
तेरे चरणों की छाया से,
दूर न करना मुझको,
जन्म जन्म तेरी सेवा करूँ मैं,
ऐसा वर दो मुझको,
खुशियां मिलती इस दर से,
झोली फैलाये है,
मुझे रख लो सेवादार,
सांवरे आस लगाए है।।
हर पल तेरा नाम पुकारूँ,
निष दिन तुम्हे ध्याऊँ,
तेरी सेवा काम ना दूजा,
तेरे भजन मैं गाऊं,
तेरी रेहमत हो जाए,
यही आस लगाए है,
मुझे रख लो सेवादार,
सांवरे आस लगाए है।।
धन्य हो गए ठाकुर जी हम,
पा के प्यार तुम्हारा,
सिर पर हाथ सदा ही रखना,
ये उपकार तुम्हारा,
‘शर्मा’ लिखता भजन तुम्हारे,
जिंदगी ये गुज़ारे है,
मुझे रख लो सेवादार,
सांवरे आस लगाए है।।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हम दर तेरे आये है,
मुझे रख लो सेवादार,
सांवरे आस लगाए है।।
Singer – Haridasi Poonam Ji
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
