- – भजन में राधा कान्हा से वादा निभाने की गुहार करती है और उनसे वादा न तोड़ने की अपील करती है।
- – राधा कान्हा को अपना बनाने और छोड़कर न जाने का निवेदन करती है।
- – भजन में कान्हा की अनुपस्थिति से राधा की नींद उड़ने और उनकी पुकार का वर्णन है।
- – राधा अपने और कान्हा के बीच गहरे प्रेम और भक्ति का इजहार करती है।
- – भजन में मोहन (कान्हा) से वादा निभाने और चरणों से लगाकर तार देने की प्रार्थना की गई है।
- – यह भजन रचनाकार की अपनी रचना है और इसे भजन डायरी वेबसाइट पर प्रस्तुत किया गया है।
वादा ना तोड़ कान्हा, वादा ना तोड़,
तेरी राधे पुकारे कान्हा, हो ओ ओ……
जल्दी तू दौड़ कान्हा, वादा ना तोड़।।
तर्ज – वादा ना तोड़
अपना बना के कान्हा, छोड़ ना जाना,
वादा किया है कान्हा, वादा निभाना,
तेरी राधे पुकारे कान्हा, हो ओ ओ……
जल्दी तू दौड़ कान्हा, वादा ना तोड़।।
नींद हमारी कान्हा, तुने चूराई,
कहाँ छुपा है कान्हा, तू है हरजाई,
तेरी राधे पुकारे कान्हा, हो ओ ओ……
यूँ मुह ना मोड़ कान्हा, वादा ना तोड़।।
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कोई नहीं है मेरा, तुझ बिन मोहन,
मैं तेरी राधा, तू मेरा मोहन,
तेरी राधे पुकारे कान्हा, हो ओ ओ……
जल्दी तू दौड़ कान्हा, वादा ना तोड़।।
वादा निभाना होगा, मोहन तुझको,
चरणों से लगा के, तार दे मुझको,
तेरी राधे पुकारे कान्हा, हो ओ ओ……
यूँ मुह ना मोड़ कान्हा, वादा ना तोड़।।
वादा ना तोड़ कान्हा, वादा ना तोड़,
तेरी राधे पुकारे कान्हा, हो ओ ओ……
जल्दी तू दौड़ कान्हा, वादा ना तोड़।।
This Bhajan is my own Creation Hope you Like it.
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