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वो भोलानाथ कैलाशी ज़माने से निराला है लिरिक्स – Wo Bholanath Kailashi Zamane Se Nirala Hai Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – भोलानाथ कैलाशी एक अनोखे और निराले देवता हैं, जिनके गले में फूलों की जगह नागों की माला होती है।
  • – उनका दरबार ऐसा है जहाँ कोई खाली हाथ नहीं जाता, और वे दुश्मनों को त्रिशूल से नष्ट करते हैं।
  • – भोला नाथ बिना सोचे-समझे भस्मासुर को भस्म कंगन दे देते हैं, जो उनकी भोली और सरल स्वभाव को दर्शाता है।
  • – उनके माथे पर त्रिपुंड, हाथ में डमरू, जटाओं में गंगा की धारा और मुकुट में चंद्रमा का उजाला होता है।
  • – गौरा उनकी संगिनी हैं, जो दानी और अविनाशी हैं, और भोला नाथ बेसहारों को सहारा देते हैं।
  • – यह कविता भोलानाथ की महिमा और उनकी विशेषताओं को सुंदरता से प्रस्तुत करती है।

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वो भोलानाथ कैलाशी,
ज़माने से निराला है,
गले में हार फूलों की जगह,
नागों की माला है।।



तेरे दरबार से शंकर,

कोई खाली नहीं जाता,
है दुश्मन को मिटाने के लिए,
त्रिशूल आला है,
वो भोला नाथ कैलाशी,
ज़माने से निराला है।।



बिना सोचे भसम कंगन,

भस्मासुर को दे डाला,
वह जिसका नाम है भोला,
बड़ा ही भोला भाला है,
वो भोला नाथ कैलाशी,
ज़माने से निराला है।।



लगा त्रिपुंड माथे पर,

सजा है हाथ में डमरू,
जटों में गंग की धारा
मुकुट चंदा उजाला है,
वो भोला नाथ कैलाशी,
ज़माने से निराला है।।



है गौरा साथ में उनके,

बड़े दानी है अविनाशी,
‘पदम्’ वह बेसहारों को,
सहारा देने वाला है,
वो भोला नाथ कैलाशी,
ज़माने से निराला है।।



वो भोलानाथ कैलाशी,

ज़माने से निराला है,
गले में हार फूलों की जगह,
नागों की माला है।।

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लेखक / प्रेषक – डालचंद कुशवाह “पदम”
9827624524


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