- – यह गीत भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी में लिखा गया है, जिसमें यशोदा माता के लाल के जन्म की बधाई दी जा रही है।
- – भक्ति और उत्साह के साथ भक्तगण नाच-गाना कर कृष्ण जन्म की खुशियाँ मना रहे हैं।
- – गीत में होलिया (होली) के रंगों और गुलाल उड़ाने का वर्णन है, जो उत्सव की रौनक बढ़ाता है।
- – यशोदा माता के आंगन में कृष्ण के झूले और उनकी ममता का सुंदर चित्रण किया गया है।
- – भक्तों को पूजा थाल सजाने और भगवान कृष्ण का स्वागत करने का आह्वान किया गया है।
- – गीत का स्वर सौरभ मधुकर ने दिया है, जो भक्ति भाव को और भी प्रगाढ़ बनाता है।

यशोदा माँ के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
बधाई सारे भक्ता ने,
बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने।।
तर्ज – होलिया में उड़े रे गुलाल।
आज यो अँगणो धन्य हुयो है,
कृष्ण लला को जन्म हुयो है,
नाचो रे नाचो नौ नौ ताल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने।।
खुशखबरी या सबने सुणावा,
झूमा रे नाचा मैं तो मौज मनावा,
गोपालो लियो अवतार,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने।।
महला में अंगणो अंगणा में पलणों,
पलणे में झूल रह्यो यशोदा को ललनो,
नजरा उतारा बारम्बार,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने।।
चालो जी चालो यशोदा माता के चाला,
बालक निरखस्या लुनराई वारा,
आवो सजावा पूजन थाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने।।
यशोदा माँ के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
बधाई सारे भक्ता ने,
बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने।।
स्वर – सौरभ मधुकर।
