- – यह गीत कन्हैया (कृष्ण) से मिलने की तीव्र इच्छा और प्रेम की अभिव्यक्ति है।
- – गीत में जुदाई और टूटे हुए वादों का दर्द स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया है।
- – राधा की भावनाएं और उसकी कन्हैया के प्रति गहरी मोहब्बत गीत की मुख्य थीम है।
- – गीत में प्रेमी की आँखों से आंसू बरसने और मिलन की तड़प को दर्शाया गया है।
- – रवि बेरीवाल जी ने इस गीत को स्वरबद्ध किया है, जो भावनात्मक प्रभाव को और बढ़ाता है।
- – यह गीत प्रेम और विरह की भावनाओं को सुंदर और मार्मिक तरीके से प्रस्तुत करता है।
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना,
मिलन को तरस गई बैरी कन्हैया आया ना,
वादे सारे टूट गए हैं काहे कन्हैया रूठ गए हैं,
फिर भी प्यार तेरा मैंने ना भुलाया है,
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना।।
तर्ज – मोहब्बत बरसा देना तू।
क्यों ये जुदाई का गम सहा जाए ना,
क्यों एक पल भी चैन,
मुझको अब आए ना,
तेरे संग जो वक्त बिताया,
याद मुझे वो आता है,
अब तो आजा हरजाई,
तू कितना रुलाता है,
कैसे कलेजा तुझे चीर के दिखाऊ,
मैंने खुद से भी ज्यादा तुझे चाहा है,
पुकार रही राधा तेरी कन्हैया आया ना,
मिलन को तरस गई बैरी कन्हैया आया ना,
वादे सारे टूट गए हैं काहे कन्हैया रूठ गए हैं,
फिर भी प्यार तेरा मैंने ना भुलाया है,
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना।।
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना,
मिलन को तरस गई बैरी कन्हैया आया ना,
वादे सारे टूट गए हैं काहे कन्हैया रूठ गए हैं,
फिर भी प्यार तेरा मैंने ना भुलाया है,
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना।।
स्वर – रवि बेरीवाल जी।
https://youtu.be/hWObWNxFvg4
