भजन

ये सारे खेल तुम्हारे है जग कहता खेल नसीबों का भजन: Ye Sare Khel Tumhare Hain Jag Kahta Khel Naseebo Ka

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now

ये सारे खेल तुम्हारे है,
जग कहता खेल नसीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का ॥
तेरी दीन सुदामा से यारी,
हमको ये सबक सिखाती है,
धनवानों की ये दुनिया है,
पर तू निर्धन का साथी है,
दौलत के दीवाने क्या जाने,
तू आशिक सदा गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का ॥

नरसी ने दौलत ठुकराकर,
तेरे सा बेटा पाया था,
तुने कदम कदम पर कान्हा,
बेटे का धर्म निभाया था,
कोई माने या प्रभु ना माने,
पर तू करतार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का ॥

प्रभु छमा करो ‘रोमी’ सबको,
तेरे राज की बात बताता है,
तु सिक्के चांदी के देकर,
हमे खुद से दूर भगाता है,
तेरी इसी अदा से जान गया,
तुझको ऐतबार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का ॥

ये सारे खेल तुम्हारे है,
जग कहता खेल नसीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का ॥

ये सारे खेल तुम्हारे है जग कहता खेल नसीबों का: भजन का अर्थ और व्याख्या

परिचय

इस भजन में भक्त ने ईश्वर से दौलत या भौतिक वस्तुओं की मांग न करते हुए अपनी प्रार्थना में गरीबों के प्रति उनके प्रेम, स्नेह और करुणा को स्वीकारा है। यह भजन ईश्वर के उन रूपों की व्याख्या करता है, जो सामान्य जन के बीच उनके महत्व को स्थापित करते हैं।

यह भी जानें:  आज्या री देबी माई महारे मकान में भजन लिरिक्स - Aajya Ri Debi Mai Mahare Makaan Mein Bhajan Lyrics - Hinduism FAQ

पहला पद: ये सारे खेल तुम्हारे हैं, जग कहता खेल नसीबों का

ये सारे खेल तुम्हारे हैं,
यहां, भक्त इस संसार के हर अनुभव को ईश्वर का खेल मानता है, जिसमें हर घटना और परिस्थिति ईश्वर की योजना का हिस्सा होती है। भक्त यह कह रहा है कि इस संसार में जो कुछ भी घटित होता है, वो सब ईश्वर के ही खेल हैं।

जग कहता खेल नसीबों का,
संसार इसे ‘नसीब’ या भाग्य का खेल कहता है, परंतु भक्त के अनुसार, यह सब ईश्वर के खेल का हिस्सा है। इस पंक्ति में नसीब या भाग्य की धारणा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इसे ईश्वर की मर्जी कहा गया है।


दूसरा पद: मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू

मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तू यार गरीबों का
यहां, भक्त ने यह स्वीकार किया है कि उसे भौतिक संपत्ति की कोई इच्छा नहीं है। भक्त का विश्वास है कि ईश्वर गरीबों के सच्चे मित्र हैं, और वह दौलत की जगह आध्यात्मिक प्रेम और स्नेह को महत्व देता है।


तीसरा पद: तेरी दीन सुदामा से यारी

तेरी दीन सुदामा से यारी, हमको ये सबक सिखाती है
इस पंक्ति में भगवान श्रीकृष्ण और उनके मित्र सुदामा की कहानी का उल्लेख है। सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे, और उनकी मित्रता कृष्ण के साथ सच्ची और पवित्र थी। भक्त इस मित्रता से यह सिखता है कि सच्ची मित्रता में भौतिक स्थिति का कोई महत्व नहीं होता।

धनवानों की ये दुनिया है, पर तू निर्धन का साथी है
यह पंक्ति इस बात पर प्रकाश डालती है कि भौतिक संपदा से भरी इस दुनिया में भी भगवान गरीबों के साथी हैं। वह निर्धनों के लिए आश्रयदाता हैं और उनकी सच्चे मित्र हैं।

यह भी जानें:  राम भजन - अवध में राम आए हैं - Ram Bhajan: Awadh Mein Ram Aaye Hain - Bhajan: Ram Bhajan - Awadh Mein Ram Aaye Hain - Ram Bhajan: Awadh Mein Ram Aaye Hain - Hinduism FAQ

दौलत के दीवाने क्या जाने, तू आशिक सदा गरीबों का
धन-दौलत के पीछे भागने वाले लोग इस सच्चे प्रेम और मित्रता को नहीं समझ सकते। भगवान के प्रति यह भक्ति गरीबों के प्रति उनकी करुणा को और भी खास बनाती है।


चौथा पद: नरसी ने दौलत ठुकराकर

नरसी ने दौलत ठुकराकर, तेरे सा बेटा पाया था
यहां भक्त नरसी मेहता का उदाहरण देता है, जिन्होंने भौतिक संपत्ति को ठुकरा दिया था और भगवान को अपने पुत्र के समान अपनाया।

तुने कदम कदम पर कान्हा, बेटे का धर्म निभाया था
भगवान ने नरसी के प्रति एक पुत्र का कर्तव्य निभाया और उनकी सहायता की, जिससे भक्त भगवान की करुणा और स्नेह को समझता है।

कोई माने या प्रभु ना माने, पर तू करतार गरीबों का
इस पंक्ति में भक्त कहता है कि भले ही लोग माने या ना माने, भगवान गरीबों के लिए संरक्षक हैं। वह गरीबों के मसीहा हैं।


पाँचवां पद: प्रभु छमा करो ‘रोमी’ सबको

प्रभु छमा करो ‘रोमी’ सबको, तेरे राज की बात बताता है
यहां भक्त ‘रोमी’ के रूप में स्वयं को संबोधित करता है और भगवान से क्षमा माँगता है। भक्त का यह विनम्र स्वभाव दर्शाता है कि वह खुद को भगवान के सामने अत्यंत तुच्छ मानता है।

तु सिक्के चांदी के देकर, हमें खुद से दूर भगाता है
यह पंक्ति कहती है कि भगवान चांदी या दौलत देकर मनुष्य को अपने आध्यात्मिक लक्ष्य से दूर करते हैं। भक्त इसे एक संकेत मानता है कि भौतिक चीजों में उलझना व्यक्ति को भगवान से दूर ले जाता है।

यह भी जानें:  घर आये राम लखन और सीता अयोध्या सुन्दर सज गई रे - Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita Ayodhya Sundar Saj Gayi Re - Hinduism FAQ

तेरी इसी अदा से जान गया, तुझको ऐतबार गरीबों का
भगवान के इस प्रेमपूर्ण परिहास से भक्त समझता है कि सच्चा प्रेम भौतिक वस्तुओं में नहीं बल्कि भगवान की भक्ति में है। गरीबों को उन पर सबसे ज्यादा भरोसा है, क्योंकि वे भौतिक मोह से दूर रहते हैं।


निष्कर्ष

ये सारे खेल तुम्हारे है, जग कहता खेल नसीबों का
यह भजन का अंतिम भाग है जो पहले पद की पुनरावृत्ति करते हुए हमें यह समझाता है कि इस संसार का हर कार्य और घटना भगवान की इच्छा का ही परिणाम है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like