- – यह भजन राधा की कृष्ण से गहरी प्रेम और तड़प को दर्शाता है, जिसमें वह कृष्ण से बार-बार मिलने और उनके साथ समय बिताने की इच्छा व्यक्त करती है।
- – भजन में राधा कृष्ण को अपने मधुवन, वृंदावन, और यमुना के बिना सूना और खाली महसूस करती है।
- – गोपियों और ग्वालों की भी कृष्ण के प्रति व्याकुलता और उनकी यादों का वर्णन किया गया है।
- – भजन के माध्यम से भक्ति और प्रेम की भावना प्रकट होती है, जिसमें कृष्ण की वापसी की तीव्र कामना व्यक्त की गई है।
- – लेखक मोहित चौधरी ने इस भजन के माध्यम से कृष्ण-राधा की प्रेम कथा को भावपूर्ण शब्दों में प्रस्तुत किया है।
यो पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु,
आके गाय चराजा,
वंशी की धुन तु सुनाजा,
तु माखन फिर से खाजा,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
तर्ज – तेरी ऑखया का यौ काजल।
ना तुझ बिन कोई मधुवन मै,
अब गाय चराता है,
ना वृन्दावन मै तुझ बिन कोई,
रास रचाता है,
है सुना पनघट तुझ बिन,
है सुनी यमुना तुझ बिन,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
गोपी ग्वाल ये सारे,
रो रो तरस रहे,
कल की कह गये मोहन,
और वर्षों बीत गऐ,
जब छोडके तुझे जाना था,
क्यों पीरीत मे हमै फसाया,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
ये ‘मोहित’ तेरा दिवाना,
तुझे याद करता है,
रहै मस्त तेरी भगती में,
यु फरियाद करता है,
तु कब आऐगा पयारे,
जरा ईतना मुझे बता रे,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
ओ मेरे कान्हा आजा तु,
आके गाय चराजा,
वंशी की धुन तु सुनाजा,
तु माखन फिर से खाजा,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
यह भजन मोहित चौधरी,
8800739908, द्वारा भजन डायरी ऍप,
से जोड़ा गया।
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