- – यह भजन योगी शांतिनाथ जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करता है, जो जालौर नगरी में विराजमान हैं।
- – भजन में गुरूजी के चरणों में चलने और उनके दर्शन करने का महत्व बताया गया है, जिससे दुख और भाग्य में सुधार होता है।
- – योगी शांतिनाथ जी को एक बड़े तपस्वी और उपकारी संत के रूप में सम्मानित किया गया है।
- – गुरू के चरणों की महिमा और उनके द्वारा दिखाए गए मुक्ति के मार्ग की प्रशंसा की गई है।
- – भजन में भक्तों को ज्ञान और मुक्ति का पथ दिखाने वाले गुरू के प्रति आस्था और भक्ति का संदेश दिया गया है।
- – यह भजन राजस्थान के पाली जिले के रायपुर क्षेत्र से मनीष सीरवी द्वारा प्रेषित है और प्रकाश माली जी द्वारा गाया गया है।

योगी शांतिनाथ जी साँचा रे,
चालो गुरूजी रा चरना में,
योगी शांतिनाथ जी साचा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
भाया भाग आपरा जागा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
भाया भाग आपरा जागा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे।।
बाबा जालौर नगरी बिराजे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
बाबा जालौर नगरी बिराजे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
ज्यारे दर्शन सु दुखडा भागे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
ज्यारे दर्शन सु दुखडा भागे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे।।
गुरू शांतिनाथ जी उपकारी रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
गुरू शांतिनाथ जी उपकारी रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
एतो संत बडा़ तपधारी रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
एतो संत बडा़ तपधारी रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे।।
सिरे मिन्दर मे दर्शन पावा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
सिरे मिन्दर मे दर्शन पावा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
गुरू चरना री महिमा गावा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
गुरू चरना री महिमा गावा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे।।
एतो भगता ने ज्ञान बतावे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
एतो भगता ने ज्ञान बतावे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
एतो मुक्ति रो पंथ दिखावे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
एतो मुक्ति रो पंथ दिखावे रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे।।
योगी शांतिनाथ जी साँचा रे,
चालो गुरूजी रा चरना में,
योगी शांतिनाथ जी साचा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
भाया भाग आपरा जागा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे,
भाया भाग आपरा जागा रे,
चालो गुरूजी रा चरना मे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818
