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श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि in Hindi/Sanskrit

गजानन- ॐ गजाननाय नमः ।
गणाध्यक्ष- ॐ गणाध्यक्षाय नमः ।
विघ्नराज- ॐ विघ्नराजाय नमः ।
विनायक- ॐ विनायकाय नमः ।
द्वैमातुर- ॐ द्वैमातुराय नमः ।
द्विमुख- ॐ द्विमुखाय नमः ।
प्रमुख- ॐ प्रमुखाय नमः ।
सुमुख-ॐ सुमुखाय नमः ।
कृति- ॐ कृतिने नमः ।
सुप्रदीप- ॐ सुप्रदीपाय नमः ॥ 10 ॥

सुखनिधी- ॐ सुखनिधये नमः ।
सुराध्यक्ष- ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।
सुरारिघ्न- ॐ सुरारिघ्नाय नमः ।
महागणपति- ॐ महागणपतये नमः ।
मान्या- ॐ मान्याय नमः ।
महाकाल- ॐ महाकालाय नमः ।
महाबला- ॐ महाबलाय नमः ।
हेरम्ब- ॐ हेरम्बाय नमः ।
लम्बजठर- ॐ लम्बजठरायै नमः ।
ह्रस्वग्रीव- ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः ॥ 20 ॥

महोदरा- ॐ महोदराय नमः ।
मदोत्कट- ॐ मदोत्कटाय नमः ।
महावीर- ॐ महावीराय नमः ।
मन्त्रिणे- ॐ मन्त्रिणे नमः ।
मङ्गल स्वरा- ॐ मङ्गल स्वराय नमः ।
प्रमधा- ॐ प्रमधाय नमः ।
प्रथम- ॐ प्रथमाय नमः ।
प्रज्ञा- ॐ प्राज्ञाय नमः ।
विघ्नकर्ता- ॐ विघ्नकर्त्रे नमः ।
विघ्नहर्ता- ॐ विघ्नहर्त्रे नमः ॥ 30 ॥

विश्वनेत्र- ॐ विश्वनेत्रे नमः ।
विराट्पति- ॐ विराट्पतये नमः ।
श्रीपति- ॐ श्रीपतये नमः ।
वाक्पति- ॐ वाक्पतये नमः ।
शृङ्गारिण- ॐ शृङ्गारिणे नमः ।
अश्रितवत्सल- ॐ अश्रितवत्सलाय नमः ।
शिवप्रिय- ॐ शिवप्रियाय नमः ।
शीघ्रकारिण- ॐ शीघ्रकारिणे नमः ।
शाश्वत – ॐ शाश्वताय नमः ।
बल- ॐ बल नमः ॥ 40 ॥

बलोत्थिताय- ॐ बलोत्थिताय नमः ।
भवात्मजाय- ॐ भवात्मजाय नमः ।
पुराण पुरुष- ॐ पुराण पुरुषाय नमः ।
पूष्णे- ॐ पूष्णे नमः ।
पुष्करोत्षिप्त वारिणे- ॐ पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः ।
अग्रगण्याय- ॐ अग्रगण्याय नमः ।
अग्रपूज्याय- ॐ अग्रपूज्याय नमः ।
अग्रगामिने- ॐ अग्रगामिने नमः ।
मन्त्रकृते- ॐ मन्त्रकृते नमः ।
चामीकरप्रभाय- ॐ चामीकरप्रभाय नमः ॥ 50 ॥

सर्वाय- ॐ सर्वाय नमः ।
सर्वोपास्याय- ॐ सर्वोपास्याय नमः ।
सर्व कर्त्रे- ॐ सर्व कर्त्रे नमः ।
सर्वनेत्रे- ॐ सर्वनेत्रे नमः ।
सर्वसिद्धिप्रदाय- ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः ।
सिद्धये- ॐ सिद्धये नमः ।
पञ्चहस्ताय- ॐ पञ्चहस्ताय नमः ।
पार्वतीनन्दनाय- ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः ।
प्रभवे- ॐ प्रभवे नमः ।
कुमारगुरवे- ॐ कुमारगुरवे नमः ॥ 60 ॥

अक्षोभ्याय- ॐ अक्षोभ्याय नमः ।
कुञ्जरासुर भञ्जनाय- ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः ।
प्रमोदाय- ॐ प्रमोदाय नमः ।
मोदकप्रियाय- ॐ मोदकप्रियाय नमः ।
कान्तिमते- ॐ कान्तिमते नमः ।
धृतिमते- ॐ धृतिमते नमः ।
कामिने- ॐ कामिने नमः ।
कपित्थपनसप्रियाय- ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः ।
ब्रह्मचारिणे- ॐ ब्रह्मचारिणे नमः ।
ब्रह्मरूपिणे- ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः ॥ 70 ॥

ब्रह्मविद्यादि दानभुवे- ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः ।
जिष्णवे- ॐ जिष्णवे नमः ।
विष्णुप्रियाय- ॐ विष्णुप्रियाय नमः ।
भक्त जीविताय- ॐ भक्त जीविताय नमः ।
जितमन्मधाय- ॐ जितमन्मधाय नमः ।
ऐश्वर्यकारणाय- ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः ।
ज्यायसे- ॐ ज्यायसे नमः ।
यक्षकिन्नेर सेविताय- ॐ यक्षकिन्नेर सेविताय नमः।
गङ्गा सुताय- ॐ गङ्गा सुताय नमः ।
गणाधीशाय- ॐ गणाधीशाय नमः ॥ 80 ॥

गम्भीर निनदाय- ॐ गम्भीर निनदाय नमः ।
वटवे- ॐ वटवे नमः ।
अभीष्टवरदाय- ॐ अभीष्टवरदाय नमः ।
ज्योतिषे- ॐ ज्योतिषे नमः ।
भक्तनिधये- ॐ भक्तनिधये नमः ।
भावगम्याय- ॐ भावगम्याय नमः ।
मङ्गलप्रदाय- ॐ मङ्गलप्रदाय नमः ।
अव्यक्ताय- ॐ अव्यक्ताय नमः ।
अप्राकृत पराक्रमाय- ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः ।
सत्यधर्मिणे- ॐ सत्यधर्मिणे नमः ॥ 90 ॥

सखये- ॐ सखये नमः ।
सरसाम्बुनिधये- ॐ सरसाम्बुनिधये नमः ।
महेशाय- ॐ महेशाय नमः ।
दिव्याङ्गाय- ॐ दिव्याङ्गाय नमः ।
मणिकिङ्किणी मेखालाय- ॐ मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः ।
समस्त देवता मूर्तये- ॐ समस्त देवता मूर्तये नमः ।
सहिष्णवे- ॐ सहिष्णवे नमः ।
सततोत्थिताय- ॐ सततोत्थिताय नमः ।
विघातकारिणे- ॐ विघातकारिणे नमः ।
विश्वग्दृशे- ॐ विश्वग्दृशे नमः ॥ 100 ॥

विश्वरक्षाकृते- ॐ विश्वरक्षाकृते नमः ।
कल्याणगुरवे- ॐ कल्याणगुरवे नमः ।
उन्मत्तवेषाय- ॐ उन्मत्तवेषाय नमः ।
अपराजिते- ॐ अपराजिते नमः ।
समस्त जगदाधाराय- ॐ समस्त जगदाधाराय नमः ।
सर्वैश्वर्यप्रदाय- ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः ।
आक्रान्त चिद चित्प्रभवे- ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः ।
श्री विघ्नेश्वराय- ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः ॥ 108 ॥

108 Shri Ganesh Ji Names in English

Gajanan – Om Gajananaya Namah.
Ganadhyaksh – Om Ganadhyakshaya Namah.
Vighnaraj – Om Vighnarajaya Namah.
Vinayak – Om Vinayakaya Namah.
Dvaimatur – Om Dvaimaturaya Namah.
Dvimukh – Om Dvimukhaya Namah.
Pramukh – Om Pramukhaya Namah.
Sumukh – Om Sumukhaya Namah.
Kriti – Om Kritine Namah.
Supradeep – Om Supradeepaya Namah.

Sukhnidhi – Om Sukhnidhaye Namah.
Suradhyaksh – Om Suradhyakshaya Namah.
Surarighn – Om Surarighnaya Namah.
Mahaganapati – Om Mahaganapataye Namah.
Manya – Om Manyaya Namah.
Mahakal – Om Mahakalaya Namah.
Mahabala – Om Mahabalaya Namah.
Heramb – Om Herambaya Namah.
Lambajathar – Om Lambajatharaya Namah.
Hrasvagriva – Om Hrasva Grivaya Namah.

Mahodara – Om Mahodaraya Namah.
Madotkata – Om Madotkataya Namah.
Mahaveer – Om Mahaveeraya Namah.
Mantrine – Om Mantrine Namah.
Mangalswara – Om Mangalswaraya Namah.
Pramadha – Om Pramadhaya Namah.
Pratham – Om Prathamaya Namah.
Prajna – Om Prajnaya Namah.
Vighnakarta – Om Vighnakartre Namah.
Vighnaharta – Om Vighnahartre Namah.

Vishwanetra – Om Vishwanetre Namah.
Viratpati – Om Viratpataye Namah.
Shripati – Om Shripataye Namah.
Vakpati – Om Vakpataye Namah.
Shringarina – Om Shringarine Namah.
Ashritvatsala – Om Ashritvatsalaya Namah.
Shivapriya – Om Shivapriyaya Namah.
Shighrakarina – Om Shighrakarine Namah.
Shashwat – Om Shashwataya Namah.
Bala – Om Bala Namah.

Balotthitaya – Om Balotthitaya Namah.
Bhavatmajaya – Om Bhavatmajaya Namah.
Puran Purush – Om Puran Purushaya Namah.
Pushne – Om Pushne Namah.
Pushkarotsipta Varine – Om Pushkarotsipta Varine Namah.
Agraganya – Om Agraganyaya Namah.
Agrapujya – Om Agrapujyaya Namah.
Agragamina – Om Agragamaya Namah.
Mantrakrite – Om Mantrakrite Namah.
Chamikaraprabha – Om Chamikaraprabha Namah.

Sarvaya – Om Sarvaya Namah.
Sarvopasyaya – Om Sarvopasyaya Namah.
Sarvakartre – Om Sarvakartre Namah.
Sarvanetre – Om Sarvanetre Namah.
Sarvasiddhipradaya – Om Sarvasiddhipradaya Namah.
Siddhaye – Om Siddhaye Namah.
Panchahastaya – Om Panchahastaya Namah.
Parvatinandana – Om Parvatinandana Namah.
Prabhave – Om Prabhave Namah.
Kumarguruve – Om Kumarguruve Namah.

Akshobhyaya – Om Akshobhyaya Namah.
Kunjara Surabhanjana – Om Kunjara Surabhanjana Namah.
Promodaya – Om Promodaya Namah.
Modakpriyaya – Om Modakpriyaya Namah.
Kantimate – Om Kantimate Namah.
Dhritimate – Om Dhritimate Namah.
Kamine – Om Kamine Namah.
Kapittapanasapriya – Om Kapittapanasapriya Namah.
Brahmacharine – Om Brahmacharine Namah.
Brahmarupine – Om Brahmarupine Namah.

Brahmavidyadidanabhava – Om Brahmavidyadidanabhava Namah.
Jishnave – Om Jishnave Namah.
Vishnupriya – Om Vishnupriyaya Namah.
Bhaktajeevita – Om Bhaktajeevita Namah.
Jitmanmadha – Om Jitmanmadha Namah.
Aishwaryakarana – Om Aishwaryakarana Namah.
Jyayase – Om Jyayase Namah.
Yakshakinner Sevita – Om Yakshakinner Sevita Namah.
Gangasutaya – Om Gangasutaya Namah.
Ganadhisha – Om Ganadhisha Namah.

Gambhiranina – Om Gambhiranina Namah.
Vatave – Om Vatave Namah.
Abhishtavarada – Om Abhishtavarada Namah.
Jyotish – Om Jyotish Namah.
Bhaktanidhi – Om Bhaktanidhi Namah.
Bhavagamya – Om Bhavagamya Namah.
Manglaprada – Om Manglaprada Namah.
Avyakta – Om Avyakta Namah.
Aprakrit Parakrama – Om Aprakrit Parakrama Namah.
Satyadharmi – Om Satyadharmi Namah.

Sakhe – Om Sakhe Namah.
Sarasambunidhi – Om Sarasambunidhi Namah.
Mahesha – Om Mahesha Namah.
Divyang – Om Divyang Namah.
Manikinkini Mekhala – Om Manikinkini Mekhala Namah.
Samasta Devta Murti – Om Samasta Devta Murti Namah.
Sahishnu – Om Sahishnu Namah.
Satatotthita – Om Satatotthita Namah.
Vighatakari – Om Vighatakari Namah.
Vishwagdrisha – Om Vishwagdrisha Namah.

Vishwarakshakrita – Om Vishwarakshakrita Namah.
Kalyanaguru – Om Kalyanaguru Namah.
Unmattavesha – Om Unmattavesha Namah.
Aparajita – Om Aparajita Namah.
Samasta Jagadadhara – Om Samasta Jagadadhara Namah.
Sarvaishwaryaprada – Om Sarvaishwaryaprada Namah.
Akrantachid Chitprabha – Om Akrantachid Chitprabha Namah.
Shri Vighneshwara – Om Shri Vighneshwara Namah.

श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि PDF Download

गणेश जी के 108 नामों की महिमा

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है, ताकि कार्य में कोई विघ्न न आए। भगवान गणेश के कई नाम हैं, जो उनकी विभिन्न शक्तियों और रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां उनके 108 पवित्र नामों का विवरण दिया गया है, जो प्रत्येक नाम की गहराई को समझाते हैं।

गजानन (ॐ गजाननाय नमः)

गजानन का अर्थ है “हाथी के मुख वाले देवता।” गजानन भगवान गणेश का वह स्वरूप है जिसमें उनका सिर हाथी का है। हाथी ज्ञान और विवेक का प्रतीक माना जाता है, और गजानन इसी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह नाम हमें सिखाता है कि कठिन से कठिन समस्याओं को भी विवेकपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है।

गणाध्यक्ष (ॐ गणाध्यक्षाय नमः)

गणाध्यक्ष का अर्थ है “गणों के अध्यक्ष।” भगवान गणेश को सभी देवताओं और गणों का प्रमुख माना जाता है। यह नाम हमें उनकी नेतृत्व क्षमता और संगठन कौशल की महिमा का स्मरण कराता है। उनके नेतृत्व में सभी कार्य सफल होते हैं, इसलिए किसी भी नए कार्य की शुरुआत में उनकी पूजा आवश्यक मानी जाती है।

विघ्नराज (ॐ विघ्नराजाय नमः)

विघ्नराज का अर्थ है “विघ्नों के राजा।” भगवान गणेश विघ्नों को दूर करने वाले देवता हैं। उनका यह नाम हमें बताता है कि वह हमारे जीवन के सभी प्रकार के विघ्नों को समाप्त करने की क्षमता रखते हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी संकट दूर हो सकते हैं।

विनायक (ॐ विनायकाय नमः)

विनायक का अर्थ है “सभी के नेता।” भगवान गणेश को सभी का मार्गदर्शक माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि वह सही दिशा दिखाने वाले और हर कार्य में सफलता दिलाने वाले देवता हैं। विनायक का पूजन करने से जीवन में सही मार्ग मिलता है और बाधाएं दूर होती हैं।

द्वैमातुर (ॐ द्वैमातुराय नमः)

द्वैमातुर का अर्थ है “दो माताओं से उत्पन्न।” यह नाम भगवान गणेश के जन्म की उस कथा से जुड़ा है जिसमें कहा गया है कि उनकी दो माताएं हैं- पार्वती और गौरी। यह नाम हमें सिखाता है कि भगवान गणेश समस्त सृष्टि के माता-पिता के प्रतिनिधि हैं और वह माता-पिता के प्रति भक्ति और आदर का प्रतीक हैं।

द्विमुख (ॐ द्विमुखाय नमः)

द्विमुख का अर्थ है “दो मुखों वाला।” भगवान गणेश का यह नाम उनके सर्वज्ञ होने का प्रतीक है। वह सभी दिशाओं में देख सकते हैं और सभी समय की घटनाओं को जान सकते हैं। द्विमुख रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें जीवन के हर पक्ष को देखना और समझना चाहिए।

प्रमुख (ॐ प्रमुखाय नमः)

प्रमुख का अर्थ है “सबसे मुख्य।” भगवान गणेश को प्रमुख इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह सभी कार्यों में सबसे पहले पूजे जाते हैं। वह कार्यों की सफलता के प्रतीक हैं और उनकी पूजा से सभी कार्य सफल होते हैं। प्रमुख का पूजन हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की कृपा से सभी विघ्न दूर हो सकते हैं।

सुमुख (ॐ सुमुखाय नमः)

सुमुख का अर्थ है “सुंदर मुख वाले।” भगवान गणेश का मुख आकर्षक और सौम्य है। यह नाम हमें सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से मनुष्य के जीवन में सुंदरता और सौम्यता आती है। उनके सौम्य मुख को देखकर भक्तों के मन में शांति और सुख का संचार होता है।

कृति (ॐ कृतिने नमः)

कृति का अर्थ है “सफल कार्य करने वाला।” भगवान गणेश के इस नाम का महत्व यह है कि वह सभी कार्यों को सफल बनाने वाले देवता हैं। उनका आशीर्वाद मिलने पर जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं। यह नाम हमें जीवन में सफलता के लिए गणेश जी की भक्ति करने की प्रेरणा देता है।

सुप्रदीप (ॐ सुप्रदीपाय नमः)

सुप्रदीप का अर्थ है “ज्योतिर्मय।” भगवान गणेश को ज्ञान और प्रकाश का स्रोत माना जाता है। सुप्रदीप नाम यह दर्शाता है कि वह अज्ञान के अंधकार को मिटाने वाले हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में प्रकाश आता है। उनके इस रूप की पूजा से हमें जीवन में सद्बुद्धि और आत्मज्ञान प्राप्त होता है।

सुखनिधी (ॐ सुखनिधये नमः)

सुखनिधी का अर्थ है “सुखों का भंडार।” भगवान गणेश सभी प्रकार के सुख और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और शांति का संचार होता है। सुखनिधी नाम हमें याद दिलाता है कि गणेश जी की कृपा से जीवन में हर प्रकार का सुख प्राप्त किया जा सकता है।

सुराध्यक्ष (ॐ सुराध्यक्षाय नमः)

सुराध्यक्ष का अर्थ है “देवताओं के नेता।” भगवान गणेश देवताओं के भी अध्यक्ष माने जाते हैं। उनके इस नाम से यह स्पष्ट होता है कि वह संपूर्ण सृष्टि के प्रमुख देवता हैं। सुराध्यक्ष के रूप में उनकी पूजा हमें यह सिखाती है कि उनके नेतृत्व में जीवन का हर कार्य सफल होगा।

सुरारिघ्न (ॐ सुरारिघ्नाय नमः)

सुरारिघ्न का अर्थ है “देवताओं के शत्रुओं का नाश करने वाले।” भगवान गणेश देवताओं के रक्षक माने जाते हैं। वह असुरों और बुराई का नाश करने वाले देवता हैं। इस नाम से हमें यह सीख मिलती है कि भगवान गणेश की कृपा से जीवन के सभी शत्रुओं और विघ्नों का नाश होता है।

महागणपति (ॐ महागणपतये नमः)

महागणपति का अर्थ है “महान गणपति।” भगवान गणेश को गणों का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। उनके इस रूप की पूजा से व्यक्ति को महानता और शक्ति प्राप्त होती है। महागणपति नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से जीवन में अद्वितीय शक्तियां प्राप्त होती हैं।

मान्या (ॐ मान्याय नमः)

मान्या का अर्थ है “सम्मानित।” भगवान गणेश सभी देवताओं और मनुष्यों द्वारा सम्मानित होते हैं। उनका यह नाम हमें सिखाता है कि जीवन में सम्मान प्राप्त करने के लिए विनम्रता और सच्चाई आवश्यक है। मान्या रूप में भगवान गणेश हमें यह प्रेरणा देते हैं कि हम सभी के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखें।

महाकाल (ॐ महाकालाय नमः)

महाकाल का अर्थ है “समय के स्वामी।” भगवान गणेश को काल अर्थात समय का भी अधिपति माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि समय भी उनके अधीन है। महाकाल के रूप में गणेश जी हमें यह सिखाते हैं कि समय के साथ सही दिशा में कार्य करने पर सफलता अवश्य मिलती है।

महाबला (ॐ महाबलाय नमः)

महाबला का अर्थ है “महान शक्ति वाले।” भगवान गणेश को अपार शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों को असीम शक्ति प्रदान करते हैं, जिससे वे जीवन के हर संघर्ष का सामना कर सकते हैं। महाबला के रूप में, भगवान गणेश हमें सिखाते हैं कि कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और शक्ति का संचार करना चाहिए।

हेरम्ब (ॐ हेरम्बाय नमः)

हेरम्ब का अर्थ है “अभयदान देने वाले।” भगवान गणेश का यह स्वरूप उनके करुणामयी और रक्षक स्वरूप को दर्शाता है। हेरम्ब के रूप में वह अपने भक्तों को भय से मुक्त करते हैं और उन्हें अभयदान प्रदान करते हैं। यह नाम हमें सिखाता है कि भगवान गणेश की शरण में आने से जीवन के सभी भय समाप्त हो जाते हैं।

लम्बजठर (ॐ लम्बजठराय नमः)

लम्बजठर का अर्थ है “लम्बे पेट वाले।” भगवान गणेश का यह स्वरूप उनकी भव्यता और विशालता का प्रतीक है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश का ज्ञान और शक्ति भी असीमित और विशाल है। लम्बजठर रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती और इसे जितना अधिक प्राप्त किया जाए, उतना कम है।

ह्रस्वग्रीव (ॐ ह्रस्वग्रीवाय नमः)

ह्रस्वग्रीव का अर्थ है “छोटी गर्दन वाले।” भगवान गणेश का यह स्वरूप उनके सरल और विनम्र स्वभाव का प्रतीक है। ह्रस्वग्रीव नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश अपनी विनम्रता के कारण समस्त भक्तों के प्रिय हैं। यह हमें सिखाता है कि जीवन में सरलता और विनम्रता से सभी का दिल जीता जा सकता है।

महोदरा (ॐ महोदराय नमः)

महोदर का अर्थ है “विशाल पेट वाले।” भगवान गणेश के इस रूप का प्रतीकात्मक अर्थ है कि उनके पास असीमित ज्ञान, धैर्य और शक्ति है। यह नाम हमें यह भी सिखाता है कि हमें जीवन में सभी अनुभवों को अपने अंदर समाहित करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए, ताकि हम उन्हें सही तरीके से संभाल सकें।

मदोत्कट (ॐ मदोत्कटाय नमः)

मदोत्कट का अर्थ है “अहंकार से परे।” भगवान गणेश का यह नाम उनकी सादगी और विनम्रता को दर्शाता है। वह सभी प्रकार के अहंकार से मुक्त हैं और अपने भक्तों को भी यही सिखाते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए अहंकार को त्यागना चाहिए। मदोत्कट रूप में भगवान गणेश हमें आत्मसंयम का पाठ पढ़ाते हैं।

महावीर (ॐ महावीराय नमः)

महावीर का अर्थ है “महान योद्धा।” भगवान गणेश अपने भक्तों के रक्षक हैं और उन्हें हर प्रकार के संकट से बचाते हैं। महावीर नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति किसी भी कठिनाई का सामना साहस और धैर्य के साथ कर सकता है। इस नाम से यह संदेश मिलता है कि जीवन में वीरता और साहस महत्वपूर्ण हैं।

मन्त्रिणे (ॐ मन्त्रिणे नमः)

मन्त्रिणे का अर्थ है “सभी मंत्रों के ज्ञाता।” भगवान गणेश को सभी प्रकार के मंत्रों का ज्ञाता और अधिपति माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की भक्ति और उनके मंत्रों का जाप करने से जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान हो सकता है। मन्त्रिणे रूप में भगवान गणेश हमें मंत्र शक्ति का महत्व बताते हैं।

मङ्गल स्वरा (ॐ मङ्गल स्वराय नमः)

मङ्गल स्वरा का अर्थ है “मंगलमय आवाज़ वाले।” भगवान गणेश की आवाज़ में मंगलमय शक्ति होती है, जो उनके भक्तों को आशीर्वाद और शांति प्रदान करती है। इस नाम से यह संकेत मिलता है कि भगवान गणेश की पूजा से जीवन में शुभता और सकारात्मकता आती है। यह नाम हमें याद दिलाता है कि हमारी आवाज़ और शब्दों में भी सकारात्मकता होनी चाहिए।

प्रमधा (ॐ प्रमधाय नमः)

प्रमधा का अर्थ है “आनंदमय।” भगवान गणेश अपने भक्तों को आनंद और सुख का आशीर्वाद देते हैं। प्रमधा नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से जीवन में खुशियां और संतोष का संचार होता है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति से ही जीवन में वास्तविक सुख प्राप्त होता है।

प्रथम (ॐ प्रथमाय नमः)

प्रथम का अर्थ है “सबसे पहले।” भगवान गणेश को सभी कार्यों और पूजा में सबसे पहले पूजनीय माना जाता है। यह नाम हमें यह याद दिलाता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करनी चाहिए। प्रथम रूप में भगवान गणेश हमें सफलता के मार्ग पर सबसे पहले कदम बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं।

प्रज्ञा (ॐ प्राज्ञाय नमः)

प्रज्ञा का अर्थ है “ज्ञान और बुद्धिमत्ता वाले।” भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। प्रज्ञा नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें सही दिशा में सोचने और निर्णय लेने की शक्ति मिलती है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि जीवन में सफलता के लिए बुद्धिमत्ता और सही निर्णय लेना आवश्यक है।

विघ्नकर्ता (ॐ विघ्नकर्त्रे नमः)

विघ्नकर्ता का अर्थ है “विघ्नों को उत्पन्न करने वाले।” भगवान गणेश अपने भक्तों की परीक्षा लेने के लिए कभी-कभी विघ्न उत्पन्न करते हैं। यह नाम यह बताता है कि भगवान गणेश की कृपा से जीवन में कठिनाइयों का सामना करके हम और अधिक मजबूत और सक्षम बनते हैं। विघ्नकर्ता नाम हमें जीवन के संघर्षों को स्वीकारने और उनसे सीखने की प्रेरणा देता है।

विघ्नहर्ता (ॐ विघ्नहर्त्रे नमः)

विघ्नहर्ता का अर्थ है “विघ्नों को हरने वाले।” भगवान गणेश को विघ्नों को दूर करने वाला देवता माना जाता है। विघ्नहर्ता नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और हम सफलता की ओर अग्रसर होते हैं। उनका यह नाम हमें यह सिखाता है कि धैर्य और भक्ति से सभी विघ्नों को हराया जा सकता है।

विश्वनेत्र (ॐ विश्वनेत्रे नमः)

विश्वनेत्र का अर्थ है “संपूर्ण जगत के दृष्टा।” भगवान गणेश संपूर्ण विश्व को देखने वाले और समझने वाले देवता हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह समस्त जगत के कर्ता-धर्ता हैं और सब कुछ उनकी दृष्टि में है। विश्वनेत्र रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें हर परिस्थिति को समग्र दृष्टिकोण से देखना और समझना चाहिए।

विराट्पति (ॐ विराट्पतये नमः)

विराट्पति का अर्थ है “समस्त ब्रह्मांड के स्वामी।” भगवान गणेश को इस नाम से ब्रह्मांड के अधिपति के रूप में पूजा जाता है। यह नाम हमें सिखाता है कि भगवान गणेश की शक्ति असीमित है और वह संपूर्ण सृष्टि के स्वामी हैं। उनकी पूजा से हम भी जीवन में विराट दृष्टिकोण और अपार शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

श्रीपति (ॐ श्रीपतये नमः)

श्रीपति का अर्थ है “श्री अर्थात लक्ष्मी के पति।” भगवान गणेश को समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी के साथ जोड़ा जाता है। श्रीपति नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से जीवन में धन और समृद्धि प्राप्त होती है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आती है।

वाक्पति (ॐ वाक्पतये नमः)

वाक्पति का अर्थ है “वाणी के स्वामी।” भगवान गणेश को वाणी और संचार के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें सुस्पष्ट और प्रभावी वाणी मिलती है। वाक्पति रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमारी वाणी में मधुरता और सच्चाई होनी चाहिए।

शृङ्गारिण (ॐ शृङ्गारिणे नमः)

शृङ्गारिण का अर्थ है “शृंगार करने वाले।” भगवान गणेश का यह नाम उनके अलंकरण और सुशोभित रूप का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि वह सौंदर्य और सज्जा के प्रेमी हैं। शृङ्गारिण रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में सुंदरता और आंतरिक तथा बाहरी सज्जा का महत्व है। उनके इस रूप से हम यह प्रेरणा लेते हैं कि हमें अपने जीवन में संतुलन और सौंदर्य बनाए रखना चाहिए।

अश्रितवत्सल (ॐ अश्रितवत्सलाय नमः)

अश्रितवत्सल का अर्थ है “शरणागत का पालन करने वाले।” भगवान गणेश अपने भक्तों के प्रति अत्यधिक दयालु और वात्सल्यपूर्ण होते हैं। इस नाम से यह स्पष्ट होता है कि वह अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं और उनकी इच्छाओं को पूरा करते हैं। अश्रितवत्सल रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें भी दया, करुणा और सहानुभूति का भाव रखना चाहिए।

शिवप्रिय (ॐ शिवप्रियाय नमः)

शिवप्रिय का अर्थ है “भगवान शिव के प्रिय।” भगवान गणेश अपने पिता भगवान शिव के अत्यधिक प्रिय हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि गणेश जी शिव परिवार के अभिन्न अंग हैं और शिव की कृपा के साथ गणेश की भी पूजा करना आवश्यक है। शिवप्रिय नाम हमें यह सिखाता है कि माता-पिता का आदर और प्रेम हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए।

शीघ्रकारिण (ॐ शीघ्रकारिणे नमः)

शीघ्रकारिण का अर्थ है “शीघ्र कार्य करने वाले।” भगवान गणेश अपने भक्तों की मनोकामनाओं को शीघ्रता से पूरा करने वाले देवता हैं। इस नाम से यह संदेश मिलता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमारे सभी कार्य शीघ्र ही संपन्न होते हैं। शीघ्रकारिण नाम हमें यह सिखाता है कि हमें भी अपने जीवन में काम करने में तत्पर और कुशल होना चाहिए।

शाश्वत (ॐ शाश्वताय नमः)

शाश्वत का अर्थ है “अमर और स्थायी।” भगवान गणेश को शाश्वत रूप में पूजा जाता है क्योंकि उनकी महिमा और अस्तित्व अनंत और अटल हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश सदा रहने वाले हैं और उनकी कृपा कभी समाप्त नहीं होती। शाश्वत रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि सच्चाई और धर्म का पालन हमेशा अटल और स्थायी होता है।

बल (ॐ बलाय नमः)

बल का अर्थ है “शक्ति।” भगवान गणेश असीम शक्ति के प्रतीक हैं और अपने भक्तों को भी बल प्रदान करते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि वह हमारे सभी कार्यों में शक्ति और साहस का संचार करते हैं। बल रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें हर परिस्थिति में साहस और शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए और किसी भी कठिनाई से घबराना नहीं चाहिए।

बलोत्थित (ॐ बलोत्थिताय नमः)

बलोत्थित का अर्थ है “शक्ति से उत्पन्न।” भगवान गणेश की शक्ति उन्हें हर स्थिति से ऊपर उठाती है और उन्हें अजेय बनाती है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की शक्ति असीमित है और वह अपने भक्तों को भी कठिनाइयों से ऊपर उठने की शक्ति देते हैं। बलोत्थित नाम हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानकर हर चुनौती का सामना करना चाहिए।

भवात्मज (ॐ भवात्मजाय नमः)

भवात्मज का अर्थ है “भगवान शिव का पुत्र।” भगवान गणेश भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, और उनका यह नाम इस रिश्ते को दर्शाता है। भवात्मज रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि परिवार के साथ जुड़ाव और सम्मान का महत्व है। यह नाम हमें माता-पिता के प्रति भक्ति और कर्तव्य का स्मरण कराता है।

पुराण पुरुष (ॐ पुराण पुरुषाय नमः)

पुराण पुरुष का अर्थ है “पुरातन और दिव्य पुरुष।” भगवान गणेश को पुराणों में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। वह अनादि और सनातन हैं, और उनका यह नाम उनकी दिव्यता और प्राचीनता को दर्शाता है। पुराण पुरुष रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें पुरातन ज्ञान और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए, जो समय की कसौटी पर खरा उतरा हो।

पूष्णे (ॐ पूष्णे नमः)

पूष्णे का अर्थ है “पोषण करने वाले।” भगवान गणेश अपने भक्तों को संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं, चाहे वह शारीरिक हो, मानसिक हो या आध्यात्मिक। पूष्णे नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में पूर्णता प्राप्त होती है। उनका यह नाम हमें यह सिखाता है कि जीवन में समृद्धि और संतुलन के लिए गणेश जी की पूजा आवश्यक है।

पुष्करोत्षिप्त वारिणे (ॐ पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः)

पुष्करोत्षिप्त वारिणे का अर्थ है “कमल से उत्पन्न जल के स्वामी।” भगवान गणेश का यह नाम उनकी शुद्धता और दिव्यता का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि वह संसार की अशुद्धियों से ऊपर हैं और उनके आशीर्वाद से सभी प्रकार की अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं। इस नाम से हमें यह सीख मिलती है कि हमें भी जीवन में शुद्धता और पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।

अग्रगण्य (ॐ अग्रगण्याय नमः)

अग्रगण्य का अर्थ है “सबसे पहले गिने जाने योग्य।” भगवान गणेश को सभी देवताओं में अग्र स्थान प्राप्त है। उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है ताकि सभी कार्य सफल हो सकें। अग्रगण्य नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से सभी कार्य सफल होते हैं और विघ्न दूर होते हैं। इस नाम से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सही दिशा में सबसे पहले कदम उठाना चाहिए।

अग्रपूज्य (ॐ अग्रपूज्याय नमः)

अग्रपूज्य का अर्थ है “सबसे पहले पूजे जाने योग्य।” भगवान गणेश को किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में सबसे पहले पूजा जाता है। अग्रपूज्य नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से सभी कार्य निर्विघ्न और सफल होते हैं। यह नाम हमें यह सिखाता है कि हर कार्य की सफलता के लिए गणेश जी की पूजा अनिवार्य है।

अग्रगामिन (ॐ अग्रगामिने नमः)

अग्रगामिन का अर्थ है “सबसे आगे चलने वाले।” भगवान गणेश को अग्रणी माना जाता है, जो अपने भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश हमारे जीवन की हर दिशा में सबसे आगे होते हैं और हमें सही मार्ग पर ले जाते हैं। अग्रगामिन रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने जीवन में साहस और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

मन्त्रकृते (ॐ मन्त्रकृते नमः)

मन्त्रकृते का अर्थ है “मंत्रों के रचयिता।” भगवान गणेश को सभी मंत्रों का ज्ञाता और रचयिता माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें जीवन में सही दिशा और मार्गदर्शन प्राप्त होता है। मंत्रकृते नाम से यह संकेत मिलता है कि भगवान गणेश की पूजा और मंत्र जाप से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति का संचार कर सकता है।

चामीकरप्रभ (ॐ चामीकरप्रभाय नमः)

चामीकरप्रभ का अर्थ है “सोने जैसी प्रभा वाले।” भगवान गणेश की आभा और चमक सोने के समान है, जो उनके दिव्य स्वरूप का प्रतीक है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों को भी अपने समान उज्जवल और आलोकित बनाते हैं। चामीकरप्रभ नाम से यह सिखने को मिलता है कि जीवन में आंतरिक और बाहरी उज्ज्वलता को बनाए रखना आवश्यक है।

सर्व (ॐ सर्वाय नमः)

सर्व का अर्थ है “सब कुछ।” भगवान गणेश को संपूर्ण सृष्टि का अधिपति माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह समस्त ब्रह्मांड के नियंत्रक हैं और सब कुछ उन्हीं से उत्पन्न हुआ है। सर्व रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें जीवन में हर परिस्थिति को व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए और समस्त सृष्टि का सम्मान करना चाहिए।

सर्वोपास्य (ॐ सर्वोपास्याय नमः)

सर्वोपास्य का अर्थ है “सबके द्वारा पूजनीय।” भगवान गणेश को सभी देवताओं और मानवों द्वारा पूजनीय माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से सभी विघ्न दूर होते हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। सर्वोपास्य नाम हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में विनम्रता और भक्ति के साथ पूजा करनी चाहिए।

सर्वकर्ता (ॐ सर्वकत्र्त्रे नमः)

सर्वकर्ता का अर्थ है “सभी कार्य करने वाले।” भगवान गणेश को समस्त कार्यों का कर्ता माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह संपूर्ण सृष्टि के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सर्वकर्ता नाम हमें यह सिखाता है कि हमें भगवान गणेश की कृपा से सभी कार्य सफलतापूर्वक करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

सर्वनेत्र (ॐ सर्वनेत्रे नमः)

सर्वनेत्र का अर्थ है “संपूर्ण दृष्टि वाले।” भगवान गणेश को सब कुछ देखने और जानने वाला माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की दृष्टि समस्त ब्रह्मांड पर है और वह सभी कार्यों और परिस्थितियों का अवलोकन करते हैं। सर्वनेत्र नाम हमें यह सिखाता है कि हमें जीवन की हर परिस्थिति को समग्र दृष्टिकोण से देखना और समझना चाहिए।

सर्वसिद्धिप्रद (ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः)

सर्वसिद्धिप्रद का अर्थ है “सभी सिद्धियों के दाता।” भगवान गणेश सभी प्रकार की सिद्धियों और सफलताओं के दाता माने जाते हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति जीवन में हर प्रकार की सफलता प्राप्त कर सकता है। सर्वसिद्धिप्रद नाम से यह प्रेरणा मिलती है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें जीवन में सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।

सिद्धि (ॐ सिद्धये नमः)

सिद्धि का अर्थ है “सफलता।” भगवान गणेश को सफलता का प्रतीक माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह अपने भक्तों को जीवन में सफलता दिलाते हैं। सिद्धि रूप में भगवान गणेश हमें यह सिखाते हैं कि हमें कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास करना चाहिए, ताकि हम जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

पञ्चहस्त (ॐ पञ्चहस्ताय नमः)

पञ्चहस्त का अर्थ है “पांच हाथ वाले।” भगवान गणेश का यह स्वरूप उनकी अलौकिक शक्ति और विशेषताओं का प्रतीक है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश के पास असीमित शक्तियां हैं, जो उन्हें विशिष्ट बनाती हैं। पञ्चहस्त नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें भी जीवन में असीमित शक्तियों और क्षमताओं का आशीर्वाद मिल सकता है।

पार्वतीनन्दन (ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः)

पार्वतीनन्दन का अर्थ है “माता पार्वती के प्रिय पुत्र।” भगवान गणेश को माता पार्वती का प्रिय पुत्र माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश माता-पिता के प्रति आदर और प्रेम का प्रतीक हैं। पार्वतीनन्दन नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने माता-पिता के प्रति सच्ची भक्ति और आदर भाव रखना चाहिए, क्योंकि उनका आशीर्वाद हमारे जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है।

प्रभु (ॐ प्रभवे नमः)

प्रभु का अर्थ है “स्वामी और मालिक।” भगवान गणेश को संपूर्ण सृष्टि के प्रभु और स्वामी माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह जीवन के हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान रखते हैं। प्रभु नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान गणेश की कृपा से जीवन में सभी कार्य सफल होते हैं और हमें सही मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

कुमारगुरु (ॐ कुमारगुरवे नमः)

कुमारगुरु का अर्थ है “युवा शिक्षक।” भगवान गणेश को ज्ञान और शिक्षा के देवता माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश अपने युवा स्वरूप में भी असीम ज्ञान और बुद्धि के धनी हैं। कुमारगुरु नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि ज्ञान की प्राप्ति के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता और हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए।

अक्षोभ्य (ॐ अक्षोभ्याय नमः)

अक्षोभ्य का अर्थ है “जिसे कोई हिला नहीं सकता।” भगवान गणेश को अडिग और स्थिर माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह किसी भी स्थिति में विचलित नहीं होते और अपने मार्ग पर दृढ़ रहते हैं। अक्षोभ्य नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें भी जीवन में धैर्य और स्थिरता के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए, चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं।

कुञ्जरासुर भञ्जन (ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः)

कुञ्जरासुर भञ्जन का अर्थ है “कुञ्जर नामक असुर का नाश करने वाले।” भगवान गणेश का यह रूप उनके रक्षक और विजयी स्वरूप को दर्शाता है। कुञ्जरासुर का वध करके उन्होंने अपने भक्तों को संकट से मुक्त किया। इस नाम से हमें यह सीखने को मिलता है कि भगवान गणेश की कृपा से जीवन के सभी शत्रु और विपत्तियों का नाश होता है, और हमें हमेशा उनकी भक्ति में लगे रहना चाहिए।

प्रमोद (ॐ प्रमोदाय नमः)

प्रमोद का अर्थ है “आनंद और प्रसन्नता के दाता।” भगवान गणेश अपने भक्तों को प्रसन्नता और आनंद प्रदान करते हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी पूजा से जीवन में खुशियों का संचार होता है। प्रमोद नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें जीवन में सच्ची प्रसन्नता और संतोष पाने के लिए भगवान गणेश की भक्ति करनी चाहिए।

मोदकप्रिय (ॐ मोदकप्रियाय नमः)

मोदकप्रिय का अर्थ है “मोदक के प्रिय।” भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय है और उनकी पूजा में मोदक का विशेष महत्व होता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से हमें जीवन में मिठास और प्रसन्नता प्राप्त होती है। मोदकप्रिय नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान गणेश की पूजा से जीवन के सभी आनंद और सुख प्राप्त होते हैं।

कान्तिमते (ॐ कान्तिमते नमः)

कान्तिमते का अर्थ है “ज्योतिर्मय।” भगवान गणेश की आभा और कान्ति बहुत तेजस्वी है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह अपने भक्तों को भी अपनी आभा और तेज से प्रकाशमान करते हैं। कान्तिमते नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें जीवन में आंतरिक और बाहरी उज्ज्वलता प्राप्त होती है।

धृतिमते (ॐ धृतिमते नमः)

धृतिमते का अर्थ है “धैर्य और सहनशीलता वाले।” भगवान गणेश का यह नाम उनकी असीम धैर्य शक्ति का प्रतीक है। उनका यह स्वरूप दर्शाता है कि वे हर परिस्थिति में अडिग और शांत रहते हैं। यह नाम हमें सिखाता है कि जीवन में धैर्य का महत्व अत्यधिक है। धृतिमते हमें यह प्रेरणा देता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें अपनी सहनशीलता और धैर्य बनाए रखना चाहिए।

कामिने (ॐ कामिने नमः)

कामिने का अर्थ है “सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले।” भगवान गणेश की कृपा से उनके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह नाम हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और विश्वास के साथ की गई पूजा से हमारी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। भगवान गणेश की यह विशेषता हमें जीवन में आशा और विश्वास का महत्व सिखाती है।

कपित्थपनसप्रिय (ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः)

कपित्थपनसप्रिय का अर्थ है “कपित्थ (लकड़ी सेब) और पनस (कटहल) के प्रिय।” भगवान गणेश को मोदक के साथ-साथ कपित्थ और पनस फल भी अत्यंत प्रिय हैं। यह नाम हमें बताता है कि भगवान गणेश को भोग लगाने से हमें उनकी कृपा मिलती है और हमारे जीवन में संतुलन और समृद्धि आती है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि ईश्वर को प्रेमपूर्वक समर्पित किया गया भोग उन्हें प्रसन्न करता है।

ब्रह्मचारिण (ॐ ब्रह्मचारिणे नमः)

ब्रह्मचारिण का अर्थ है “जो ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।” भगवान गणेश अपने इस स्वरूप में संयम और ब्रह्मचर्य का प्रतीक हैं। यह नाम हमें सिखाता है कि जीवन में आत्मसंयम और अनुशासन के बिना सच्ची सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। ब्रह्मचारिण नाम हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन में अनुशासन और संयम का पालन करना चाहिए।

ब्रह्मरूपिण (ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः)

ब्रह्मरूपिण का अर्थ है “जो ब्रह्म स्वरूप हैं।” भगवान गणेश को ब्रह्म का प्रतीक माना जाता है, जो संपूर्ण सृष्टि के अधिपति और ज्ञानी हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश समस्त ज्ञान के स्रोत हैं और उनकी कृपा से हमें जीवन के हर क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त होता है। ब्रह्मरूपिण नाम हमें सिखाता है कि हमें जीवन में सच्चा ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

ब्रह्मविद्यादि दानभुव (ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः)

ब्रह्मविद्यादि दानभुव का अर्थ है “ब्रह्म विद्या और अन्य ज्ञान के दाता।” भगवान गणेश ब्रह्मविद्या और अन्य सभी प्रकार के ज्ञान के प्रदाता हैं। उनका यह नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें शिक्षा और ज्ञान प्राप्त होता है, जो जीवन को सही दिशा में ले जाता है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि हमें सच्चे ज्ञान और शिक्षा के लिए भगवान गणेश की भक्ति करनी चाहिए।

जिष्णु (ॐ जिष्णवे नमः)

जिष्णु का अर्थ है “विजयी।” भगवान गणेश को सभी संकटों और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने वाला माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनके आशीर्वाद से हम किसी भी समस्या या चुनौती का सामना करके विजयी हो सकते हैं। जिष्णु नाम से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें जीवन में साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हर चुनौती का सामना करना चाहिए।

विष्णुप्रिय (ॐ विष्णुप्रियाय नमः)

विष्णुप्रिय का अर्थ है “भगवान विष्णु के प्रिय।” भगवान गणेश और विष्णु का संबंध अत्यधिक घनिष्ठ माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश को विष्णु के साथ विशेष स्थान प्राप्त है। विष्णुप्रिय नाम हमें सिखाता है कि हमें सभी देवताओं का आदर और सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वे सभी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भक्त जीवित (ॐ भक्त जीविताय नमः)

भक्त जीवित का अर्थ है “जो अपने भक्तों के लिए जीवन का आधार हैं।” भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं और उनके जीवन का आधार होते हैं। यह नाम हमें सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से ही जीवन में सच्ची सफलता और संतोष प्राप्त होता है। भक्त जीवित नाम हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन में भगवान गणेश की भक्ति को सर्वोपरि रखना चाहिए।

जितमन्मध (ॐ जितमन्मधाय नमः)

जितमन्मध का अर्थ है “काम (मन्मध) पर विजय पाने वाले।” भगवान गणेश को उन देवताओं में से एक माना जाता है जिन्होंने मनुष्य की इच्छाओं और कामनाओं पर विजय प्राप्त की है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाकर आत्म-संयम और ध्यान में स्थित होना चाहिए। जितमन्मध नाम हमें यह सिखाता है कि जीवन में सच्ची सफलता पाने के लिए इच्छाओं पर विजय प्राप्त करना आवश्यक है।

ऐश्वर्यकारण (ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः)

ऐश्वर्यकारण का अर्थ है “संपत्ति और ऐश्वर्य का स्रोत।” भगवान गणेश को संपत्ति, वैभव, और समृद्धि का दाता माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी कृपा से भक्तों को ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है। ऐश्वर्यकारण नाम हमें यह सिखाता है कि सही मार्ग पर चलकर और भगवान गणेश की भक्ति से जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।

ज्यायस (ॐ ज्यायसे नमः)

ज्यायस का अर्थ है “श्रेष्ठ और महान।” भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वश्रेष्ठ और महान माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह सभी से ऊपर हैं और उनके बिना कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता। ज्यायस नाम हमें यह सिखाता है कि हमें भी अपने जीवन में श्रेष्ठता की ओर अग्रसर होना चाहिए और अपने कार्यों में महानता का प्रदर्शन करना चाहिए।

यक्षकिन्नेर सेवित (ॐ यक्षकिन्नेर सेविताय नमः)

यक्षकिन्नेर सेवित का अर्थ है “यक्ष और किन्नर द्वारा सेवित।” भगवान गणेश की सेवा देवताओं, यक्षों और किन्नरों द्वारा की जाती है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की महिमा पूरे ब्रह्मांड में फैली हुई है, और सभी उनके प्रति आदर रखते हैं। यक्षकिन्नेर सेवित नाम से यह सिखने को मिलता है कि हमें भी अपने जीवन में सभी के प्रति सेवा और भक्ति का भाव रखना चाहिए।

गङ्गा सुत (ॐ गङ्गा सुताय नमः)

गङ्गा सुत का अर्थ है “गंगा नदी का पुत्र।” भगवान गणेश का यह नाम उनकी पवित्रता और दिव्यता को दर्शाता है। यह नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हम जीवन में पवित्रता और शुद्धता प्राप्त कर सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे गंगा जल हमें पवित्र करता है। गङ्गा सुत नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में शुद्ध और पवित्र विचारों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

गणाधीश (ॐ गणाधीशाय नमः)

गणाधीश का अर्थ है “गणों के स्वामी।” भगवान गणेश को गणों का अधिपति कहा जाता है। वह सभी देवताओं और गणों के नेता माने जाते हैं। गणाधीश नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश के नेतृत्व में सभी कार्य सफल होते हैं और उनके मार्गदर्शन में सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। यह नाम हमें यह सिखाता है कि नेतृत्व करने के लिए विवेक, सहनशीलता, और न्याय आवश्यक गुण हैं।

गम्भीर निनद (ॐ गम्भीर निनदाय नमः)

गम्भीर निनद का अर्थ है “गम्भीर आवाज़ वाले।” भगवान गणेश की आवाज़ में गंभीरता और शक्ति होती है, जो उनकी दिव्य सत्ता का प्रतीक है। यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी पूजा से जीवन में गंभीरता और स्थिरता आती है। गम्भीर निनद नाम हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में गंभीरता और धैर्य के साथ हर कार्य को करना चाहिए।

वटव (ॐ वटवे नमः)

वटव का अर्थ है “वट वृक्ष के समान स्थिर।” भगवान गणेश की शक्ति और स्थिरता को वटव के रूप में पूजा जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश वट वृक्ष की तरह अटल और स्थिर हैं, जो सभी परिस्थितियों में अपने भक्तों का संरक्षण करते हैं। वटव नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें भी जीवन में धैर्य और स्थिरता का पालन करना चाहिए।

अभीष्टवरद (ॐ अभीष्टवरदाय नमः)

अभीष्टवरद का अर्थ है “इच्छित वरदान देने वाले।” भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले देवता माने जाते हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से व्यक्ति को इच्छित वरदान प्राप्त होते हैं। अभीष्टवरद नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें जीवन में सफलता और संतोष प्राप्त होता है।

ज्योतिष (ॐ ज्योतिषे नमः)

ज्योतिष का अर्थ है “प्रकाश का स्रोत।” भगवान गणेश को ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि वह अपने भक्तों के जीवन में अज्ञानता के अंधकार को दूर कर प्रकाश का संचार करते हैं। ज्योतिष नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें ज्ञान और समझ की प्राप्ति होती है, जो हमें सही दिशा दिखाती है।

भक्तनिधि (ॐ भक्तनिधये नमः)

भक्तनिधि का अर्थ है “भक्तों का खज़ाना।” भगवान गणेश को भक्तों का खज़ाना माना जाता है, जो अपनी भक्ति के बल पर सभी प्रकार के आशीर्वाद और वरदान प्राप्त कर सकते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से जीवन में सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। भक्तनिधि नाम हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति ही जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है।

भावगम्य (ॐ भावगम्याय नमः)

भावगम्य का अर्थ है “जो भावनाओं द्वारा प्राप्त हो सके।” भगवान गणेश भावनाओं और प्रेम से प्रसन्न होते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा में श्रद्धा और प्रेम का विशेष महत्व है। भावगम्य नाम हमें यह सिखाता है कि ईश्वर की सच्ची भक्ति में हमारे भाव और समर्पण का महत्व सबसे अधिक होता है।

मङ्गलप्रद (ॐ मङ्गलप्रदाय नमः)

मङ्गलप्रद का अर्थ है “मंगलकारी और शुभता प्रदान करने वाले।” भगवान गणेश को शुभता का प्रतीक माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी कृपा से जीवन में शुभता, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। मङ्गलप्रद नाम हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना चाहिए, ताकि हम हर कार्य में सफल हों।

अव्यक्त (ॐ अव्यक्ताय नमः)

अव्यक्त का अर्थ है “जो प्रकट नहीं होते।” भगवान गणेश का यह स्वरूप अदृश्य और अलौकिक है, जिसे समझा या देखा नहीं जा सकता। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की शक्ति और महिमा सीमाओं से परे हैं। अव्यक्त नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि ईश्वर की शक्ति को महसूस किया जा सकता है, भले ही वह प्रत्यक्ष रूप में न दिखे।

अप्राकृत पराक्रम (ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः)

अप्राकृत पराक्रम का अर्थ है “अलौकिक पराक्रम वाले।” भगवान गणेश की शक्ति साधारण मनुष्यों की सीमाओं से परे हैं, और उनके पराक्रम अलौकिक होते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश असंभव को भी संभव बना सकते हैं। अप्राकृत पराक्रम नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चे ईश्वर में विश्वास से हम भी जीवन में असंभव को संभव कर सकते हैं।

सत्यधर्मि (ॐ सत्यधर्मिणे नमः)

सत्यधर्मि का अर्थ है “सच्चे धर्म का पालन करने वाले।” भगवान गणेश सच्चाई और धर्म के प्रतीक हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। सत्यधर्मि नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें जीवन में सच्चाई और धर्म का पालन करना चाहिए, क्योंकि यही मार्ग हमें सच्ची सफलता दिलाता है।

सख (ॐ सखये नमः)

सख का अर्थ है “मित्र।” भगवान गणेश को सच्चे मित्र के रूप में भी पूजा जाता है। वह अपने भक्तों के सच्चे साथी और मार्गदर्शक होते हैं। सख नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश हमेशा अपने भक्तों के साथ होते हैं, उनकी सहायता और मार्गदर्शन करते हैं।

सरसाम्बुनिधि (ॐ सरसाम्बुनिधये नमः)

सरसाम्बुनिधि का अर्थ है “जल के अथाह भंडार जैसे।” भगवान गणेश को सरस और अमृत तुल्य माना जाता है। यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी कृपा से हमें जीवन में सभी आवश्यकताओं और इच्छाओं की पूर्ति होती है, जैसे समुद्र में जल की कमी नहीं होती। सरसाम्बुनिधि नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें जीवन के हर क्षेत्र में पूर्णता और संतुलन प्राप्त होता है।

महेश (ॐ महेशाय नमः)

महेश का अर्थ है “महान ईश्वर।” भगवान गणेश को शिव पुत्र और महान देवता माना जाता है। उनका यह नाम उनके महानता और दिव्यता का प्रतीक है। महेश नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें उनकी महानता और दिव्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह नाम हमें प्रेरित करता है कि हमें भी अपने जीवन में महान कार्यों के लिए समर्पित रहना चाहिए।

दिव्याङ्ग (ॐ दिव्याङ्गाय नमः)

दिव्याङ्ग का अर्थ है “दिव्य अंगों वाले।” भगवान गणेश को दिव्य रूप और अद्वितीय स्वरूप वाला देवता माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनके अंग और स्वरूप अद्वितीय और दिव्य हैं, जो उन्हें विशिष्ट बनाते हैं। दिव्याङ्ग नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें दिव्यता और विशेषता प्राप्त हो सकती है, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाती है।

मणिकिङ्किणी मेखल (ॐ मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः)

मणिकिङ्किणी मेखल का अर्थ है “घुँघरुओं से सजी कमरबंद वाले।” भगवान गणेश के दिव्य स्वरूप को सजावट और अलंकरण के साथ देखा जाता है, जिनमें घुँघरुओं से सजी कमरबंद शामिल होती है। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश सौंदर्य और सज्जा का प्रतीक हैं। मणिकिङ्किणी मेखल नाम हमें यह सिखाता है कि जीवन में सुंदरता और अलंकरण का भी एक स्थान है, जो संतुलन और आकर्षण का प्रतीक है।

समस्त देवता मूर्ति (ॐ समस्त देवता मूर्तये नमः)

समस्त देवता मूर्ति का अर्थ है “सभी देवताओं की मूर्ति।” भगवान गणेश को सभी देवताओं के रूप में माना जाता है। वह संपूर्ण देवताओं के प्रतिनिधि हैं और सभी देवताओं की शक्तियों का संचार करते हैं। समस्त देवता मूर्ति नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमें सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह नाम हमें सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से हमें संपूर्ण देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।

सहिष्णु (ॐ सहिष्णवे नमः)

सहिष्णु का अर्थ है “सहनशील।” भगवान गणेश सहनशीलता के प्रतीक हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह हर परिस्थिति में धैर्य और सहनशीलता के साथ व्यवहार करते हैं। सहिष्णु नाम हमें यह सिखाता है कि जीवन में सहनशीलता और धैर्य का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि इन गुणों के बिना हम किसी भी परिस्थिति का सही समाधान नहीं निकाल सकते।

सततोत्थित (ॐ सततोत्थिताय नमः)

सततोत्थित का अर्थ है “हमेशा खड़े रहने वाले।” भगवान गणेश हमेशा अपने भक्तों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए तैयार रहते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि वह हमेशा जागरूक और सतर्क रहते हैं। सततोत्थित नाम हमें यह सिखाता है कि हमें जीवन में हर समय सतर्क और तैयार रहना चाहिए, ताकि हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकें।

विघातकारि (ॐ विघातकारिणे नमः)

विघातकारि का अर्थ है “विघ्नों का नाश करने वाले।” भगवान गणेश विघ्नों को दूर करने वाले देवता माने जाते हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी पूजा से जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती हैं। विघातकारि नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें जीवन में आने वाली सभी समस्याओं और बाधाओं का सामना करने की शक्ति मिलती है।

विश्वग्दृश (ॐ विश्वग्दृशे नमः)

विश्वग्दृश का अर्थ है “संपूर्ण जगत को देखने वाले।” भगवान गणेश संपूर्ण ब्रह्मांड के दृष्टा हैं, और वह हर परिस्थिति और घटना को देख सकते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी दृष्टि में कुछ भी छिपा नहीं है। विश्वग्दृश नाम हमें यह सिखाता है कि हमें हर परिस्थिति को समग्र दृष्टिकोण से देखना चाहिए और उचित निर्णय लेना चाहिए।

विश्वरक्षाकृत (ॐ विश्वरक्षाकृते नमः)

विश्वरक्षाकृत का अर्थ है “संपूर्ण विश्व की रक्षा करने वाले।” भगवान गणेश को समस्त जगत के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह संपूर्ण सृष्टि की रक्षा करते हैं और अपने भक्तों को हर विपत्ति से बचाते हैं। विश्वरक्षाकृत नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से हम किसी भी संकट से सुरक्षित रह सकते हैं।

कल्याणगुरु (ॐ कल्याणगुरवे नमः)

कल्याणगुरु का अर्थ है “कल्याण का मार्गदर्शक।” भगवान गणेश को शुभता और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी पूजा से हमें सही मार्गदर्शन मिलता है, जो हमें कल्याण और सफलता की ओर ले जाता है। कल्याणगुरु नाम हमें यह सिखाता है कि हमें भगवान गणेश के दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए, जो हमें जीवन में सुख और समृद्धि प्रदान करता है।

उन्मत्तवेष (ॐ उन्मत्तवेषाय नमः)

उन्मत्तवेष का अर्थ है “अजीब वेष वाले।” भगवान गणेश का यह स्वरूप उनकी अनोखी और विचित्र विशेषताओं को दर्शाता है। उनका यह नाम यह बताता है कि भगवान गणेश के विभिन्न रूप हैं, जो उनकी शक्ति और दिव्यता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्मत्तवेष नाम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान गणेश की महिमा उनकी अलग-अलग विशेषताओं में छिपी होती है, और हमें हर रूप में उनकी पूजा करनी चाहिए।

अपराजित (ॐ अपराजिताय नमः)

अपराजित का अर्थ है “अजेय।” भगवान गणेश को कोई पराजित नहीं कर सकता, और वह हर परिस्थिति में विजयी होते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी कृपा से हमें भी जीवन में हर चुनौती का सामना करने की शक्ति मिलती है। अपराजित नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से हमें भी जीवन में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा, और हम हमेशा सफल होंगे।

समस्त जगदाधार (ॐ समस्त जगदाधाराय नमः)

समस्त जगदाधार का अर्थ है “संपूर्ण जगत का आधार।” भगवान गणेश को समस्त सृष्टि का आधार और रक्षक माना जाता है। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि वह संपूर्ण सृष्टि के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समस्त जगदाधार नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमारा जीवन संतुलित और सुरक्षित रहेगा।

सर्वैश्वर्यप्रद (ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः)

सर्वैश्वर्यप्रद का अर्थ है “सभी प्रकार के ऐश्वर्य और संपत्ति के दाता।” भगवान गणेश सभी प्रकार की समृद्धि, धन, और ऐश्वर्य प्रदान करने वाले देवता माने जाते हैं। उनका यह नाम यह दर्शाता है कि उनकी कृपा से हमें जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की समृद्धि प्राप्त होती है। सर्वैश्वर्यप्रद नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की भक्ति से हम अपने जीवन में ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति कर सकते हैं।

आक्रान्त चिद चित्प्रभव (ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः)

आक्रान्त चिद चित्प्रभव का अर्थ है “जो चेतना को आच्छादित करते हैं।” भगवान गणेश की शक्ति और ज्ञान सभी प्रकार की चेतना को प्रभावित करते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा से हमें उच्च चेतना और दिव्यता की प्राप्ति होती है। आक्रान्त चिद चित्प्रभव नाम हमें यह सिखाता है कि भगवान गणेश की पूजा से हमारी आत्मा और बुद्धि में जागरूकता का संचार होता है।

श्री विघ्नेश्वर (ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः)

श्री विघ्नेश्वर का अर्थ है “विघ्नों के स्वामी।” भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है, जो सभी विघ्नों और बाधाओं को दूर करते हैं। यह नाम यह दर्शाता है कि जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट और कठिनाइयों को भगवान गणेश की कृपा से हराया जा सकता है। श्री विघ्नेश्वर नाम हमें यह सिखाता है कि हमें हर कार्य में भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए, ताकि हमारे जीवन में कोई भी विघ्न उत्पन्न न हो और हमें सफलता प्राप्त हो।

भगवान गणेश के 108 नामों का महत्व

1. शक्ति और समर्पण का प्रतीक

भगवान गणेश के नामों का उच्चारण उनके प्रति समर्पण और आस्था को दर्शाता है। जब भक्त उनके इन पवित्र नामों का उच्चारण करते हैं, तो वे भगवान गणेश की असीम शक्ति और कृपा को प्राप्त करने के उद्देश्य से समर्पित होते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मनुष्य अपने आत्मिक और शारीरिक कष्टों को दूर कर सकता है।

2. आध्यात्मिक शांति का स्रोत

हर एक नाम भगवान गणेश के गुणों और दिव्यता को उजागर करता है। जब भक्त इन नामों को मन से जपता है, तो वह अपनी आत्मा को शुद्ध करता है और मानसिक शांति प्राप्त करता है। इन नामों का उच्चारण आत्मा की शुद्धि और ध्यान की गहराई को बढ़ाता है।

3. व्यवहारिक जीवन में सफलता

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सफलता का दाता माना जाता है। उनके 108 नामों का नियमित रूप से जप करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है। यह नाम जीवन में मानसिक स्थिरता और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करते हैं, जिससे व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।

4. भक्तों का संरक्षक

भगवान गणेश अपने भक्तों के सच्चे संरक्षक माने जाते हैं। उनका नाम मात्र सुनने से ही भक्तों के दिलों में विश्वास और सुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है। उनकी भक्ति से भय और संकट का नाश होता है और व्यक्ति जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकता है।

5. आध्यात्मिक और भौतिक लाभ

भगवान गणेश के 108 नामों का पाठ न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए किया जाता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी माध्यम है। यह नाम हमें जीवन की असली सच्चाई से परिचित कराते हैं और हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की समृद्धि की प्राप्ति संभव है।

6. जीवन में सकारात्मक बदलाव

भगवान गणेश के नामों का जप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। यह नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह नाम हमें सिखाते हैं कि किस तरह से भगवान गणेश की कृपा से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

पूजा की विधि में 108 नामों का महत्व

भगवान गणेश की पूजा करते समय उनके 108 नामों का उच्चारण करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जब इन नामों का सही और नियमित रूप से उच्चारण किया जाता है, तो भगवान गणेश स्वयं प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

1. संपूर्ण पूजा विधि

भगवान गणेश की पूजा में उनके 108 नामों का पाठ करना पूजा को संपूर्ण बनाता है। इन नामों का उच्चारण न केवल पूजा की शुद्धता को बढ़ाता है, बल्कि इसे आध्यात्मिक रूप से भी और अधिक प्रभावशाली बनाता है।

2. मानसिक और शारीरिक शुद्धि

इन नामों का उच्चारण मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्यक्ति के मन और आत्मा को शुद्ध करता है और उसे भगवान गणेश के प्रति समर्पित करता है। नामों का जाप करने से व्यक्ति के भीतर की नकारात्मकता समाप्त होती है।

3. सकारात्मक ऊर्जा का संचार

भगवान गणेश के नामों का उच्चारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नाम ब्रह्मांडीय शक्ति को आकर्षित करते हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली, सफलता और समृद्धि लाते हैं। इस प्रकार यह पूजा के दौरान सकारात्मकता और शक्ति को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है।

4. विघ्नों का नाश

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और उनके 108 नामों का जप जीवन के सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान गणेश के इन नामों का जप करता है, उसके जीवन में कोई विघ्न उत्पन्न नहीं होता है।

भगवान गणेश के नामों का आध्यात्मिक महत्व

भगवान गणेश के हर नाम के पीछे गहरा आध्यात्मिक संदेश छिपा होता है। यह नाम हमें न केवल भौतिक जीवन में सफलता दिलाने के लिए हैं, बल्कि यह हमें आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी ले जाते हैं। उदाहरण के तौर पर:

  • गजानन नाम हमें बताता है कि ज्ञान और विवेक के बिना किसी भी कार्य की शुरुआत नहीं की जा सकती।
  • विनायक नाम हमें नेतृत्व की क्षमता और सही दिशा दिखाने की प्रेरणा देता है।
  • विघ्नराज नाम यह सिखाता है कि हर विघ्न के पीछे एक सीख होती है, और भगवान गणेश की कृपा से हर विघ्न का सामना कर उसे हराया जा सकता है।
  • सुमुख नाम हमें सिखाता है कि सौम्यता और सौंदर्य का महत्व जीवन में कितना आवश्यक है।

निष्कर्ष

भगवान गणेश के 108 नाम उनकी शक्तियों, गुणों, और रूपों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हैं। इन नामों का उच्चारण करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। भगवान गणेश के हर नाम के पीछे छिपा आध्यात्मिक संदेश हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को सही ढंग से समझने और जीवन को सफल बनाने की प्रेरणा देता है। इन नामों का निरंतर जप हमारे जीवन में समृद्धि, सुख, शांति, और सफलता लाने का एक अचूक साधन है।

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