- – यह गीत भगवान श्याम (सांवरिया) की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा को दर्शाता है।
- – भक्त के दुख और आंसुओं को श्याम जी स्वयं देख कर उसे मोती में बदल देते हैं।
- – श्याम जी अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं, भले ही वे खुद कुछ कह न पाएं।
- – भगवान श्याम और भक्त के बीच जन्म जन्म का गहरा नाता होता है, जो दुखों को सहन नहीं करता।
- – गीत में भक्त का समर्पण और विश्वास प्रकट होता है कि श्याम जी हर परिस्थिति में साथ देते हैं।
- – गायक गोपाल परजापति द्वारा प्रस्तुत यह भजन श्याम जी की लीला और करुणा का बखान करता है।

आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,
मुंह से तेरे बात ना निकले,
यह पूरी कर जाता है,
आकर देखों श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है।।
तर्ज – मैं हूँ तेरा नौकर बाबा।
जिस दिन तूने श्याम के दर पर,
अपना माथा टेक दिया,
तेरी आंख का एक भी आंसू,
सांवरिया ने देख लिया,
दौड़ पड़ेगा लीले चढ़ कर,
ये नहीं देर लगाता है,
आकर देखों श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है।।
जो भी तुझको पढ़े जरूरत,
मुख से अपने बोल जरा,
लेकिन इसकी शर्त एक है,
दिल का द्वारा खोल जरा,
तेरी आंख का हर एक आंसू,
यह मोती कर जाता है,
आकर देखों श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है।।
भगत तेरा जो हो प्यारा वो,
दुखी कभी नहीं रह सकता,
तेरे दिल का दर्द यह बाबा,
श्याम कभी नहीं सह सकता,
कहे गोपाल कि तेरा मेरा,
जन्म जन्म का नाता है,
आकर देखों श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है।।
आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,
मुंह से तेरे बात ना निकले,
यह पूरी कर जाता है,
आकर देखों श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है।।
– गायक एवं प्रेषक –
Gopal Parjapati meerut
8533026845
