भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा मंत्र in Hindi/Sanskrit
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ।
नम्मम्म नी सौभाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
हेज्जेय मेले हेज्जेयनिक्कुत
गेज्जे काल्गळ ध्वनिय तोरुत ।
सज्जन साधु पूजेय वेळेगे
मज्जिगेयोळगिन बेण्णेयन्ते ॥ 1 ॥
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
कनक वृष्टिय करेयुत बारे
मनकामनेय सिद्धिय तोरे ।
दिनकर कोटि तेजदि होळेयुव
जनकरायन कुमारि बेग ॥ 2 ॥
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
अत्तित्तलगदे भक्तर मनेयलि
नित्य महोत्सव नित्य सुमन्गळ ।
सत्यव तोरुव साधु सज्जनर
चित्तदि होळेयुव पुत्थळि बोम्बे ॥ 3 ॥
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
सङ्ख्येयिल्लद भाग्यव कोट्टु
कङ्कण कैय तिरुवुत बारे ।
कुङ्कुमाङ्किते पङ्कज लोचने
वेङ्कटरमणन बिङ्कद राणी ॥ 4 ॥
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
सक्करे तुप्पद कालुवे हरिसि
शुक्रवारद पूजेय वेळेगे ।
अक्करेयुळ्ळ अळगिरि रङ्गन
चोक्क पुरन्दर विठ्ठलन राणी ॥ 5 ॥
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ।
नम्मम्म नी सौभाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥
Bhagyada Lakshmi Baaramma in English
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Nammamma ni Saubhagyada Lakshmi Baramma.
Hejjeye mele hejjeyanikkuta
Gejje kalgala dhwaniya toruta.
Sajjana sadhu pujeya velege
Majjigeyolagina benneyante.
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Kanaka vrishtiya kareyuta bare
Manakamneya siddhiya tore.
Dinkara koti tejadi holeyuva
Janakarayana Kumari bega.
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Attittalagade bhaktara maneyali
Nitya mahotsava nitya sumangala.
Satyava toruva sadhu sajjanara
Chittadi holeyuva putthali bombe.
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Sankhyeyillada bhagyava kottu
Kankana kaiya tiruvuta bare.
Kunkumankite pankaja lochane
Venkataramanana binkada rani.
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Sakkare tuppada kaluve harisi
Shukravarada pujeya velege.
Akkareyulla Alagiri Rangana
Chokka Purandara Vitthalana rani.
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Bhagyada Lakshmi Baramma.
Nammamma ni Saubhagyada Lakshmi Baramma.
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भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा: का अर्थ
परिचय
“भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा” एक अत्यंत लोकप्रिय कन्नड़ भक्ति गीत है, जो विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा में गाया जाता है। यह गीत पुरंदरदास द्वारा रचित है, जो कन्नड़ साहित्य और भक्तिसंगीत में एक प्रमुख स्थान रखते हैं। यह गीत मुख्य रूप से लक्ष्मी देवी के स्वागत और उनकी कृपा से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति का प्रतीक है।
देवी लक्ष्मी को हिंदू धर्म में धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। इस गीत में, भक्त देवी लक्ष्मी को उनके भक्तों के घर में प्रवेश करने और उनके जीवन को धन, धान्य और सौभाग्य से भरने के लिए आमंत्रित करते हैं।
गीत का सारांश
पहला पद: देवी लक्ष्मी का स्वागत
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा, नमम्म नी सौभाग्यद लक्ष्मी बारम्मा
इस पंक्ति में, भक्त देवी लक्ष्मी से प्रार्थना कर रहे हैं कि वह उनके घर में आकर सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करें।
हेज्जेय मेले हेज्जेयनिक्कुत, गेज्जे काल्गळ ध्वनिय तोरुत
यहां, देवी लक्ष्मी के आगमन की कल्पना की जा रही है, उनके कदमों की आवाज़ को ‘घुंघरू’ की ध्वनि से जोड़ते हुए। भक्तों को यह प्रतीकात्मक रूप से दर्शाने का प्रयास है कि देवी लक्ष्मी के चरण जहां पड़ते हैं, वहां सुख और समृद्धि आती है।
सज्जन साधु पूजेय वेळेगे, मज्जिगेयोळगिन बेण्णेयन्ते
यह पंक्तियाँ बताती हैं कि जैसे दूध में घी निहित होता है, वैसे ही देवी लक्ष्मी सज्जनों की पूजा में प्रकट होती हैं।
दूसरा पद: कनक वृष्टि (सोने की बारिश)
कनक वृष्टिय करेयुत बारे, मनकामनेय सिद्धिय तोरे
भक्त देवी लक्ष्मी से यह कामना कर रहे हैं कि वह सोने की बारिश की तरह उनके जीवन में आएं और उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करें। देवी लक्ष्मी की कृपा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
दिनकर कोटि तेजदि होळेयुव, जनकरायन कुमारि बेग
यहां देवी लक्ष्मी की तुलना सूर्य के समान अनंत तेज से की गई है।
तीसरा पद: भक्तों के घर में उत्सव
अत्तित्तलगदे भक्तर मनेयलि, नित्य महोत्सव नित्य सुमंगळ
भक्त यह कामना कर रहे हैं कि देवी लक्ष्मी उनके घर में वास करें और वहां हमेशा उत्सव और शुभता का वातावरण बना रहे। यह उनके घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का प्रतीक है।
सत्यव तोरुव साधु सज्जनर, चित्तदि होळेयुव पुत्थळि बोम्बे
इस पंक्ति में कहा गया है कि साधु और सज्जन लोग सत्य का मार्ग दिखाते हैं, और उनकी भक्ति से लक्ष्मी उनके हृदय में मूर्ति रूप में निवास करती हैं।
चौथा पद: अनगिनत सौभाग्य का आशीर्वाद
सङ्ख्येयिल्लद भाग्यव कोट्टु, कङ्कण कैय तिरुवुत बारे
यहां देवी लक्ष्मी से यह प्रार्थना की जा रही है कि वे असीमित सौभाग्य का आशीर्वाद दें और अपने आभूषणों से सुसज्जित होकर भक्तों के घर आएं।
कुङ्कुमाङ्किते पङ्कज लोचने, वेङ्कटरमणन बिङ्कद राणी
देवी लक्ष्मी की सुंदरता का वर्णन किया गया है। उनके माथे पर कुमकुम का चिन्ह और कमल के समान आँखें हैं। वे भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी के रूप में पहचानी जाती हैं।
पाँचवाँ पद: विशेष पूजा का समय
सक्करे तुप्पद कालुवे हरिसि, शुक्रवारद पूजेय वेळेगे
इस पंक्ति में देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष समय बताया गया है, जो शुक्रवार को होता है। इस दिन देवी की पूजा में मीठे व्यंजनों का उपयोग किया जाता है, और उन्हें विशेष रूप से तुप्पा (घी) और सक्करे (चीनी) अर्पित की जाती है।
अक्करेयुळ्ळ अळगिरि रङ्गन, चोक्क पुरन्दर विठ्ठलन राणी
यह पंक्तियाँ अळगिरि रङ्गनाथ और विठ्ठल को संदर्भित करती हैं, जो भगवान विष्णु के रूप हैं। देवी लक्ष्मी उनकी पत्नी के रूप में उनकी महिमा को और बढ़ाती हैं।
गीत की महत्ता
यह गीत केवल एक भक्तिगीत नहीं है, बल्कि देवी लक्ष्मी की शक्ति और उनके आशीर्वाद की महिमा का प्रतीक है। ‘भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा’ गीत के माध्यम से, भक्त देवी लक्ष्मी को अपने घर बुलाकर समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
देवी लक्ष्मी की कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति
यह गीत हमें सिखाता है कि देवी लक्ष्मी केवल धन की देवी नहीं हैं, बल्कि वे हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की भी प्रतीक हैं। जब हम उन्हें सच्चे मन से बुलाते हैं, तो वे हमारे जीवन में अपार खुशियों का आशीर्वाद देती हैं।
लक्ष्मी पूजा का महत्त्व
शुक्रवार का दिन
शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा का महत्त्व होता है। यह दिन समृद्धि और धन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। इसके साथ ही, शुद्धता और भक्ति से की गई पूजा का महत्व बढ़ जाता है।
शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन के साथ, शुद्ध घी और मीठे पदार्थ अर्पित करना विशेष लाभकारी माना जाता है। यह दर्शाता है कि देवी लक्ष्मी को हर प्रकार की शुद्धता और मिठास प्रिय है, चाहे वह हमारे विचार हों या हमारे कर्म।
परिवार और समाज में समृद्धि का प्रवेश
जब हम देवी लक्ष्मी को अपने जीवन में आमंत्रित करते हैं, तो केवल भौतिक सुख ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी प्राप्त होती है। यह गीत हमें बताता है कि लक्ष्मी के आने से हमारे जीवन में न केवल धन की वृद्धि होती है, बल्कि हमारे मन में शांति और संतोष का भाव भी आता है।
सज्जन और साधुजन की पूजा
गीत में यह बताया गया है कि सज्जन और साधुजन की पूजा करने से, सत्य और धर्म का पालन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसका अर्थ यह है कि सच्चे मन से धर्म का पालन करने और सज्जनों का आदर करने से ही हम देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। देवी लक्ष्मी न केवल भौतिक रूप से धन देती हैं, बल्कि सच्चाई और धर्म की राह पर चलने वालों को मन की शांति और सुख भी प्रदान करती हैं।
जीवन में लक्ष्मी की स्थिरता
भाग्य का अनमोल उपहार
सङ्ख्येयिल्लद भाग्यव कोट्टु
यह पंक्ति यह दर्शाती है कि देवी लक्ष्मी जब प्रसन्न होती हैं, तो वे अनगिनत सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। यह केवल भौतिक धन तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक संतुष्टि का भी प्रतीक होता है। भक्त प्रार्थना करते हैं कि लक्ष्मी उन्हें इतना सौभाग्य दें कि उसे गिना न जा सके।
कङ्कण कैय तिरुवुत बारे
यहां लक्ष्मी के आभूषणों का उल्लेख किया गया है, जो समृद्धि का प्रतीक हैं। यह पंक्तियां लक्ष्मी की दिव्यता और उनकी सुंदरता को भी चित्रित करती हैं।
लक्ष्मी के स्वागत की विधि
पूजा का विशेष रूप
“भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा” गीत यह भी बताता है कि देवी लक्ष्मी की पूजा विधि कैसी होनी चाहिए। भक्त उन्हें विशेष तौर पर मिठाइयों, फूलों और दीपों से पूजा अर्पित करते हैं।
पूजा में देवी को प्रसन्न करने के लिए कुङ्कुम, हल्दी, और चंदन का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। लक्ष्मी को कमल के फूल बहुत प्रिय होते हैं, क्योंकि यह उनकी दिव्यता का प्रतीक होता है।
दैनिक जीवन में लक्ष्मी की कृपा
देवी लक्ष्मी को केवल पूजा के समय ही नहीं बुलाया जाता, बल्कि भक्त उनके नाम का ध्यान रोज़मर्रा के जीवन में करते हैं। यह गीत हमें यह सिखाता है कि देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हमें अपने विचारों, कर्मों और व्यवहार में भी पवित्रता और सच्चाई रखनी चाहिए। केवल धन की पूजा करना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि हमारे कर्म और विचार भी पवित्र होने चाहिए।
गीत का आध्यात्मिक महत्व
“भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा” का एक और महत्वपूर्ण पहलू इसका आध्यात्मिक महत्व है। यह केवल धन और समृद्धि की देवी की आराधना नहीं है, बल्कि यह गीत हमें यह सिखाता है कि हमारे जीवन में सच्चा सौभाग्य केवल तब आता है जब हम अपने विचारों में सच्चाई और धर्म को जगह देते हैं। देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए भौतिक पूजा से ज्यादा ज़रूरी है कि हम अपने जीवन को सत्य और धर्म की राह पर चलाएं।
निष्कर्ष
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा गीत केवल एक प्रार्थना नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में सौभाग्य, शांति, और समृद्धि को आमंत्रित करने का एक साधन है। इस गीत के माध्यम से, भक्त देवी लक्ष्मी से यह प्रार्थना करते हैं कि वे उनके जीवन में प्रवेश करें और उन्हें सुख, शांति और सौभाग्य का आशीर्वाद दें।
देवी लक्ष्मी की कृपा केवल भौतिक धन तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह हमें मानसिक और आत्मिक संतुष्टि भी प्रदान करती है। यही कारण है कि यह गीत सदियों से भक्तों के बीच लोकप्रिय है, और आज भी इसे विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा में गाया जाता है।
इस प्रकार, “भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा” गीत देवी लक्ष्मी की कृपा और सौभाग्य की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।