मुख्य बिंदु
- – बजरंग बली की अपार शक्ति और अद्भुत क्षमता का वर्णन किया गया है, जो असंभव कार्य भी पल में कर सकते हैं।
- – सालासर के महल और मेहंदीपुर के अखाड़े में उनकी महिमा का उल्लेख है, जहाँ उन्होंने भूत-प्रेत और दुष्टों को हराया।
- – त्रेता युग से लेकर कलयुग तक बजरंग बली जैसे वीर नहीं हुए, जो दुष्टों के काल हो और संत जनों के हितकारी हों।
- – बजरंग बली रामचंद्र और सीता के प्रिय भक्त हैं और राम से मिलने का माध्यम भी हैं।
- – भक्तों को विश्वास है कि बजरंग बली की कृपा से वे एक दिन राम से मिलेंगे।
- – यह गीत बजरंग बली की अजेय शक्ति और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का उत्सव मनाता है।

भजन के बोल
ऐसा तेरा बल है बजरंग,
कोई जान ना पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
सालासर में महल तुम्हारा,
मेहंदीपुर में अखाडा है,
भुत प्रेत दुष्टों दानव को,
तुमने पल में पछाड़ा है,
त्रेता से कलयुग तक तुमसा,
त्रेता से कलयुग तक तुमसा,
वीर नहीं हो पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
संत जनो के हो हितकारी,
और दुष्टों के काल हो तुम,
रामचन्द्र के भक्त सिया के,
सबसे प्यारे लाल हो तुम,
राम से मिलने का माध्यम,
राम से मिलने का माध्यम,
कलयुग में तुम्हे बताया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
ऐसा कौन सा काम है जो,
बजरंगी ना कर पाओगे,
हमको है विश्वास की एक दिन,
राम से हमको मिलाओगे,
ये आशा लेकर के ‘सूरज’,
ये आशा लेकर के ‘सूरज’,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
ऐसा तेरा बल है बजरंग,
कोई जान ना पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
