- – यह गीत भगवान हनुमान की भक्ति और उनके अद्भुत कार्यों का वर्णन करता है।
- – हनुमान जी की मित्रता सुग्रीव के साथ और उनकी वीरता का उल्लेख किया गया है।
- – लक्ष्मण को शक्ति देने और लंका से सीता माता को बचाने के प्रसंग को दर्शाया गया है।
- – माता सीता के सिंदूर से हनुमान की भक्ति और समर्पण की भावना व्यक्त की गई है।
- – गीत में बार-बार हनुमान जी की भक्ति और सियाराम के प्रति उनकी निष्ठा को उजागर किया गया है।
- – गायक मनोहर जी राव द्वारा प्रस्तुत यह गीत भक्ति रस से ओतप्रोत है और हिमांशु चावड़ा द्वारा प्रेषित है।
भक्ति के रंग में रंगे,
हनुमान नज़र आये,
चीर दिया सीना,
सियाराम नजर आए,
भक्ति के रंग मे रंगे,
हनुमान नज़र आये।।
तर्ज – आये हो मेरी जिंदगी में।
सुग्रीव के संग वन में,
हनुमान जी मिले थे,
मित्रता के फूल मन मे,
यही से ही खिले थे,
बने पक्के यार दोनों,
दुनिया मे अमर पाए,
चिर दिया सीना,
सियाराम नजर आए,
भक्ति के रंग मे रंगे,
हनुमान नज़र आये।।
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
श्री राम जी घबराए,
और जा वेद सुषेण को,
लंका से उठा लाए,
वो पहाड़ उठा लाये,
महावीर यूँ कहलाये,
चिर दिया सीना,
सियाराम नजर आए,
भक्ति के रंग मे रंगे,
हनुमान नज़र आये।।
एक दिन माता सीता,
श्रृंगार कर रही थी,
मांग में वो अपने,
सिंदूर भर रही थी,
ये देख कर के हनुमत,
सिंदूर में नहाए,
चिर दिया सीना,
सियाराम नजर आए,
भक्ति के रंग मे रंगे,
हनुमान नज़र आये।।
भक्ति के रंग में रंगे,
हनुमान नज़र आये,
चीर दिया सीना,
सियाराम नजर आए,
भक्ति के रंग मे रंगे,
हनुमान नज़र आये।।
गायक – मनोहर जी राव।
प्रेषक – हिमांशु चावड़ा।
https://youtu.be/VmUXydX9-JE
