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श्याम दर्शन,
जरा दिखा जाओ,
दिल की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

मैंने कुटिया बहुत सजाई है,
मैंने कुटिया बहुत सजाई है,
खुशबु अपनी जरा लुटा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

खातरी तेरी सांवरे होगी,
खातरी तेरी सांवरे होगी,
भाव दिल के जरा जगा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी,
कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी,
हमको मदहोश तो बना जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

दील की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं,
दील की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं,
गर कमी है कमी पूरा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

दील की कुटिया करीब है तेरे,
दील की कुटिया करीब है तेरे,
तुम जरा सा करीब आ जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

‘नंदू’ हर हाल में तुम्हे चाहे,
‘नंदू’ हर हाल में तुम्हे चाहे,
प्रेम ऐसा प्रभु जगा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

श्याम दर्शन,
जरा दिखा जाओ,
दिल की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥

दिल की कुटिया, में मेरी आ जाओ: गहन अर्थ और भावार्थ

इस भजन का हर शब्द गहरे आध्यात्मिक भावों से भरा हुआ है। यह केवल एक प्रार्थना नहीं, बल्कि भक्ति का एक ऐसा अनुभव है, जिसमें भक्त भगवान को अपने हृदय में आमंत्रित करते हुए आत्मा की गहराई तक उनसे एकाकार होने की विनती करता है। यहां भजन की हर पंक्ति का विस्तारपूर्वक विश्लेषण प्रस्तुत है।


श्याम दर्शन, जरा दिखा जाओ, दिल की कुटिया, में मेरी आ जाओ

गहन अर्थ:

“श्याम” का संदर्भ भगवान श्रीकृष्ण से है, जो ब्रह्मांड के पालनकर्ता और प्रेम के साक्षात स्वरूप हैं। भजन में “दर्शन” शब्द केवल बाहरी दृष्टि का प्रतीक नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि की मांग है। भक्त अपनी आत्मा की गहराइयों में श्रीकृष्ण के दर्शन करना चाहता है।

  • श्याम दर्शन: यह भक्त की गहन तड़प है, जिसमें वह अपने जीवन को श्याम की कृपा के प्रकाश से आलोकित करने की कामना करता है।
  • दिल की कुटिया: यह हृदय एक पवित्र मंदिर है, जहां भगवान का निवास संभव है। भक्त ने इस स्थान को प्रेम, भक्ति और त्याग से सजाया है।
  • जरा दिखा जाओ: यह संकेत करता है कि भगवान का क्षणिक दर्शन भी भक्त के जीवन में अनंत आनंद और परिवर्तन ला सकता है।

मैंने कुटिया बहुत सजाई है, खुशबू अपनी जरा लुटा जाओ

गहन अर्थ:

यहां भक्त अपने हृदय को भगवान के स्वागत के लिए सजाने की बात करता है। सजावट का अर्थ बाहरी अलंकरण नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धिकरण है। यह पंक्ति यह सिखाती है कि आत्मा को शुद्ध, निर्मल और पवित्र बनाना आवश्यक है, ताकि भगवान उसमें प्रवेश कर सकें।

  • कुटिया का सजाना: यह संकेत करता है कि भक्त ने अपने अहंकार, वासनाओं और अन्य दोषों को त्यागकर हृदय को दिव्य प्रेम के लिए तैयार किया है।
  • खुशबू अपनी लुटा जाओ: भगवान की दिव्यता और कृपा उस सुगंध की तरह है, जो पूरे वातावरण को शुद्ध और आनंदमय बना देती है। भक्त उनसे निवेदन करता है कि उनकी कृपा हृदय में व्याप्त हो जाए।

खातरी तेरी सांवरे होगी, भाव दिल के जरा जगा जाओ

गहन अर्थ:

यहां भक्त भगवान को यह आश्वासन देता है कि वह उनकी शरण में है और हर स्थिति में उनकी इच्छाओं का पालन करेगा। “भाव” का मतलब यहां प्रेम, समर्पण और सेवा के उन गुणों से है, जो आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक हैं।

  • खातरी होगी: यह भगवान पर अडिग विश्वास और भरोसे का प्रतीक है। भक्त को विश्वास है कि उसकी भक्ति भगवान की कसौटी पर खरी उतरेगी।
  • भाव जगाना: हृदय में सुप्त पड़े प्रेम, करुणा और भक्ति के दिव्य गुणों को जागृत करने की प्रार्थना है।

कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी, हमको मदहोश तो बना जाओ

गहन अर्थ:

भक्त भगवान के साथ संवाद स्थापित करना चाहता है। यह संवाद बाहरी बातचीत नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के बीच का मौन वार्तालाप है।

  • कुछ कहेंगे: यह दर्शाता है कि भक्त अपने अनुभवों, समस्याओं और भावनाओं को भगवान के साथ साझा करना चाहता है।
  • मदहोश बनाना: भगवान के प्रेम का रस इतना गहरा है कि यह भक्त को सांसारिक बंधनों और चिंताओं से मुक्त कर देता है। यह आत्मिक आनंद का चरम है।

दिल की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं, गर कमी है कमी पूरा जाओ

गहन अर्थ:

भक्त का आत्मनिरीक्षण यहां परिलक्षित होता है। वह भगवान से पूछता है कि क्या उसका आत्मिक प्रयास पर्याप्त है। यह पंक्ति दर्शाती है कि भक्ति का मार्ग विनम्रता और आत्म-जांच का है।

  • कमी: यह संकेत करता है कि भक्त अपने दोषों को पहचानने के लिए तैयार है और चाहता है कि भगवान उसकी आत्मा को अपनी कृपा से पूर्ण करें।
  • पूरा करना: भक्त की यह प्रार्थना है कि भगवान उसे वह दिव्य बल और समझ प्रदान करें, जो उसे भक्ति में पूर्णता की ओर ले जाए।

दिल की कुटिया करीब है तेरे, तुम जरा सा करीब आ जाओ

गहन अर्थ:

यहां भक्त यह समझाता है कि भगवान और आत्मा के बीच की दूरी केवल आभासी है। वह भगवान को यह याद दिला रहा है कि वे हमेशा उसके करीब हैं, बस उन्हें थोड़ा और प्रकट होने की जरूरत है।

  • दिल की कुटिया करीब: यह भक्त की भगवान के प्रति अनन्य निकटता और जुड़ाव का प्रतीक है।
  • जरा सा करीब आ जाओ: भगवान से आत्मा के साथ पूर्ण मिलन की याचना।

‘नंदू’ हर हाल में तुम्हें चाहे, प्रेम ऐसा प्रभु जगा जाओ

गहन अर्थ:

यहां ‘नंदू’ भक्त का आत्म-परिचय है, जो भगवान से अपने प्रेम को हर परिस्थिति में स्थायी और अडिग बनाए रखने की प्रार्थना करता है।

  • हर हाल में चाहे: भक्ति का यह भाव दर्शाता है कि सच्चा भक्त भगवान को केवल सुख में नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में चाहता है।
  • प्रेम जगा जाओ: प्रेम का वह रूप, जो निरंतर और शुद्ध हो, जिसमें कोई स्वार्थ या अपेक्षा न हो।

समग्र भावार्थ और संदेश

यह भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि आत्मा की गहन पुकार है। यह सिखाता है कि भगवान को पाने के लिए बाहरी साधनों की नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता, समर्पण और प्रेम की आवश्यकता है। “दिल की कुटिया” यहां एक प्रतीक है, जो दर्शाता है कि भगवान का निवास किसी बड़े मंदिर या आश्रम में नहीं, बल्कि एक भक्त के शुद्ध हृदय में है।

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