- – यह भजन भगवान गणेश (गजानंद) की स्तुति में लिखा गया है, जो विघ्न विनाशक और बुद्धि के दाता हैं।
- – भजन में गणेश जी को चांदी की चौकी पर बिठाकर, तिलक और फूलों का हार पहनाकर पूजा करने का वर्णन है।
- – भजन में भगवान से सभी कार्यों को सफल बनाने और विपदाओं को दूर करने की प्रार्थना की गई है।
- – भक्त प्रेम भाव से गणेश जी की सेवा और पूजा करने की इच्छा व्यक्त करता है।
- – भजन में गणेश जी से मान बढ़ाने, लाज रखने और सभी की पुकार सुनने की भी विनती की गई है।
- – यह भजन उपासना मेहता द्वारा गाया गया है और इसमें गणेश जी के रिद्धि-सिद्धि संग विराजमान होने का आह्वान है।

गजानंद तुम्हे पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी,
आओ विराजो बिच सभा में,
रिद्धि सिद्धि संग लाना जी,
गजानंद तुम्हें पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी।bd।
तर्ज – गजानंद महाराज पधारो।
चांदी की चौकी पे बैठा के,
माथे तिलक लगाएंगे,
फूलों का तुमको हार पहना के,
लड्डुवन भोग लगाएंगे,
विघ्न विनाशक गौरी नंदन,
मेरी विपदा मिटाओ जी,
गजानंद तुम्हें पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी।bd।
बल बुद्धि के दाता हो तुम,
तीनों लोक अधिकार तेरा,
प्रथम हो पूजा तेरी देवा,
आके बढ़ा दो मान मेरा,
हाथ जोड़ के सब ही पुकारे,
लाज हमारी रखना जी,
गजानंद तुम्हें पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी।bd।
प्रेम भाव से करूँ मैं वंदना,
नैनो में बस जाओ तुम,
‘अर्चू’ तेरी करेगी सेवा,
घर में एक बार आओ तुम,
शाम सवेरे फेरूंगी माला,
मन में ज्योत जलाओ जी,
Bhajan Diary Lyrics,
गजानंद तुम्हें पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी।bd।
गजानंद तुम्हे पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी,
आओ विराजो बिच सभा में,
रिद्धि सिद्धि संग लाना जी,
गजानंद तुम्हें पहले मनाएं,
कारज सारे बनाना जी।bd।
Singer – Upasana Mehta
