- – यह गीत माँ और मातृत्व के प्रेम और ममता की भावना को दर्शाता है।
- – कन्हैया (कृष्ण) किसे माँ कहेगा, यह प्रश्न माँ के जन्म देने और पालने के बीच के रिश्ते को समझने की कोशिश करता है।
- – देवकी ने जन्म दिया, जबकि यशोदा ने कृष्ण को पाला और उनका पालन-पोषण किया।
- – ममता और प्यार का संबंध जन्म से नहीं, बल्कि स्नेह और देखभाल से होता है।
- – गीत में यह संदेश है कि जो भी माँ का प्यार देता है, वही असली माँ होती है।
- – जन्म और पालन दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, लेकिन माँ का प्यार और ममता सबसे बड़ा है।

कन्हैया किसको कहेगा तू मैया,
जिसने तुझको जनम दिया की,
जिसने तुझको पाला,
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया।।
मानी मानताए और देवी देव पूजे,
पीर सही देवकी ने,
दूध में नहलाने का गोद में खिलाने का,
सुख पाया जशोदा जी ने,
एक ने तुझको जीवन दिया रे,
एक ने जीवन संभाला,
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया।।
मरने के डर से भेज दिया घर से,
देवकी ने रे गोकुल में
बिना दिए जनम यशोदा बनी माता,
तुझको छुपाया आँचल मे,
एक ने तन को रूप दिया रे,
एक ने मन को ढाला,
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया।।
जन्म दिया हो चाहे पाला हो किसी ने,
भेद ये ममता ना जाने,
कोई भी हो जिसने दिया हो प्यार माँ का,
मन तो माँ उसी को माने,
एक ने तुझको दी है आँखे,
एक ने दिया उजाला,
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया।।
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया,
जिसने तुझको जनम दिया की,
जिसने तुझको पाला,
कन्हैया किसको कहेगा तू मैया।।
