- – यह गीत श्रद्धा और भक्ति की भावना को व्यक्त करता है, जिसमें भक्त अपने प्रभु के लिए दो सुमन (फूल) और वन्दना लेकर आता है।
- – गीत में भक्त अपनी दीनता और दया की प्रार्थना करता है, प्रभु से ज्ञान, मार्गदर्शन और करुणा की कामना करता है।
- – विपत्तियों और दुखों के समय में भी भक्त प्रभु की शरण में जाकर शांति और राहत की उम्मीद करता है।
- – यह गीत भक्ति के सरल और सच्चे भाव को दर्शाता है, जिसमें भौतिक वस्तुओं की बजाय भावना और श्रद्धा को महत्व दिया गया है।
- – गायक विकास रघुवंशी जी द्वारा प्रस्तुत यह भजन श्रद्धा और समर्पण की भावना को प्रेरित करता है।

लाया हूँ श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए,
वन्दना तेरे लिए है,
और नमन तेरे लिए,
लाया हूं श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए।।
तर्ज – हर करम अपना करेंगे।
दास हूँ तेरा कन्हैेया,
कुछ दया कर दीजिए,
मैने फैलाई है झौली,
दे के वर भर दीजिए,
मांगता हूँ ये करूं मैं,
गुण कथन तेरे लिए,
लाया हूं श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए।।
शीश दानी हो प्रभु तुम,
काम मेरे आइये,
ज्ञान का देकर ऊजाला,
रास्ता दिखलाइये,
है नहीं मुशिकल हे दाता,
इक किरन तेरे लिए,
लाया हूं श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए।।
उड गये सुख साज सारे,
एक आंधी वो चली,
आ चुभी सीने मेरे,
घोर विपदा की शली,
चैन मिल जाये करूं मैं,
यूं रूदन तेरे लिए,
लाया हूं श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए।।
है नहीं मिष्ठान मेवा,
ना ही धन लाया हूँ मैं,
भावना के टूक सुखे,
लेके बस आया हूँ मैं,
अब ‘गजेसिहं’ भेट में दे,
क्या रतन तेरे लिए,
लाया हूं श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए।।
लाया हूँ श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए,
वन्दना तेरे लिए है,
और नमन तेरे लिए,
लाया हूं श्रद्धा के दाता,
दो सुमन तेरे लिए।।
गायक – विकास रघुवंशी जी।
9910764854
