- – यह भजन सतगुरु और बाबा लाल लंगोटे आले की भक्ति में लिखा गया है, जिसमें सतगुरु से मिलने की प्रार्थना की गई है।
- – भजन में गुरु मुरारी और बालाजी के दर्शन की इच्छा व्यक्त की गई है, जो जीवन में अंधकार को दूर करते हैं।
- – सतगुरु के बिना जीवन में अंधकार और भ्रम का अनुभव होता है, इसलिए गुरु की शरण में जाने का आग्रह किया गया है।
- – भजन में गुरु की महिमा और उनके चरणों में बैठने की इच्छा जताई गई है, जो मन को शांति और मार्गदर्शन देते हैं।
- – गायक नरेंद्र कौशिक जी द्वारा प्रस्तुत यह भजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है।
मन्नै मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
तेरी शरण में गुरू मुरारी,
नाम रटैं सं तेरा,
सतगुरु बिन चैल्यां ने दिखे,
जग में घोर अंधेरा,
एक ब दर्शन करवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले,
मन्ने मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
मन्नै बतादे गुरु मुरारी,
कित पावं बालाजी,
तीन पहाड़ और घाटे में ना,
नजर आवं बालाजी,
सिर प हाथ धरादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले,
मन्ने मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
कर्मलीन मेरे सतगुरु होगे,
देते नहीं दिखाई,
दरबारां में टोहे जां सुँ,
होती नहीं समाई,
मन का भम्र मिटादे न,
हो बाबा लाल लंगोटे आले,
मन्ने मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
गुरु मुरारी हे बलकारी,
तन्नै पता स कित सं,
उस मंदिर में मन्नै ले चालो,
मेरे सतगुरु जित सं,
चरणां बीच बैठादे न,
हो बाबा लाल लंगोटे आले,
मन्ने मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
नरैन्द्र कौशिक राजपाल की,
गैल्यां दर्शन करले,
अशोक भक्त थोड़ा सा जीवन,
क्युं ना राम सुमरले,
रस्ता आण दिखादे न,
हो बाबा लाल लंगोटे आले,
मन्ने मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
मन्नै मेरे सतगुरु तं मिलवादे,
हो बाबा लाल लंगोटे आले।।
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान,
9992976579
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