- – यह कविता भगवान कृष्ण के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाती है, जहाँ भक्त ने जीवन में उनके साथ की प्राप्ति को सबसे बड़ा सुख माना है।
- – कवि ने अपने जीवन की सारी चिंताएँ और डर छोड़कर कृष्ण के हाथ थामने का अनुभव साझा किया है, जिससे उसे शांति और सुरक्षा मिली है।
- – दुनिया की स्वार्थी और उलझी हुई परिस्थितियों के बीच, कृष्ण के साथ संबंध ने जीवन को सरल और सार्थक बना दिया है।
- – कृष्ण भक्तों के लिए हमेशा सहायक और संकटमोचक हैं, जो हर मुश्किल में उनका साथ देते हैं।
- – कवि की प्रार्थनाएँ कृष्ण से जुड़ी हैं, जो उसके जीवन को खुशहाल और सफल बनाने की कामना करती हैं।
- – पूरे गीत में कृष्ण को ‘बांके बिहारी’ और ‘माखन चुरैया’ के रूप में प्यार से संबोधित किया गया है, जो उनकी लीलाओं और रूपों की मधुरता को दर्शाता है।

साथ छोड़ा जहा ने तो क्या हैं गिला,
हमसफर साँवरा मुझको ऐसा मिला,
हम दीवानो की रूह जग से न्यारी हो गई,
मेरी बांके बिहारी से यारी हो गई,
मेरी माखन चुरैया से यारी हो गई।।
अब ना डर ना फिकर की ना कोई बात हैं,
जब से ठाकुर ने पकड़ा मेरा हाथ हैं,
मेरी सांसो की पूंजी तुम्हारी हो गई,
मेरी बाँके बिहारी से यारी हो गई,
मेरी माखन चुरैया से यारी हो गई।।
खुदगर्ज सारी दुनिया में उलझा रहा,
अपने रिश्ते की डोरो सुलझा रहा,
बिन तेरे श्याम कैसी लाचारी हो गई,
मेरी बाँके बिहारी से यारी हो गई,
मेरी माखन चुरैया से यारी हो गई।।
प्रभु सब जानते हैं दिलो की बात,
श्याम मुश्किल में देते हैं सबका साथ,
गुफ्तगू श्याम भक्तो से प्यारी हो गई,
मेरी बाँके बिहारी से यारी हो गई,
मेरी माखन चुरैया से यारी हो गई।।
कृष्ण करना करम जीना खुशहाल हो,
मेरी सांसो में तू और तेरा ख्याल हो,
अर्जियाँ ‘सागर’ मंजूर सारी हो गई,
मेरी बाँके बिहारी से यारी हो गई,
मेरी माखन चुरैया से यारी हो गई।।
साथ छोड़ा जहा ने तो क्या हैं गिला,
हमसफर साँवरा मुझको ऐसा मिला,
हम दीवानो की रूह जग से न्यारी हो गई,
मेरी बांके बिहारी से यारी हो गई,
मेरी माखन चुरैया से यारी हो गई।।
Singer – Vishnu Sagar
