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नाम रामायणम in Hindi/Sanskrit

॥ बालकाण्डः ॥
शुद्धब्रह्मपरात्पर राम् ॥ १ ॥
कालात्मकपरमेश्वर राम् ॥ २ ॥
शेषतल्पसुखनिद्रित राम् ॥ ३ ॥
ब्रह्माद्यामरप्रार्थित राम् ॥ ४ ॥
चण्डकिरणकुलमण्डन राम् ॥ ५ ॥
श्रीमद्दशरथनन्दन राम् ॥ ६ ॥
कौसल्यासुखवर्धन राम् ॥ ७ ॥
विश्वामित्रप्रियधन राम् ॥ ८ ॥
घोरताटकाघातक राम् ॥ ९ ॥
मारीचादिनिपातक राम् ॥ १० ॥
कौशिकमखसंरक्षक राम् ॥ ११ ॥
श्रीमदहल्योद्धारक राम् ॥ १२ ॥
गौतममुनिसम्पूजित राम् ॥ १३ ॥
सुरमुनिवरगणसंस्तुत राम् ॥ १४ ॥
नाविकधावितमृदुपद राम् ॥ १५ ॥
मिथिलापुरजनमोहक राम् ॥ १६ ॥
विदेहमानसरञ्जक राम् ॥ १७ ॥
त्र्यम्बककार्मुकभञ्जक राम् ॥ १८ ॥
सीतार्पितवरमालिक राम् ॥ १९ ॥
कृतवैवाहिककौतुक राम् ॥ २० ॥
भार्गवदर्पविनाशक राम् ॥ २१ ॥
श्रीमदयोध्यापालक राम् ॥ २२ ॥
राम् राम् जय राजा राम्।
राम् राम् जय सीता राम् ॥

॥ अयोध्याकाण्डः ॥
अगणितगुणगणभूषित राम् ॥ २३ ॥
अवनीतनयाकामित राम् ॥ २४ ॥
राकाचन्द्रसमानन राम् ॥ २५ ॥
पितृवाक्याश्रितकानन राम् ॥ २६ ॥
प्रियगुहविनिवेदितपद राम् ॥ २७ ॥
तत्क्षालितनिजमृदुपद राम् ॥ २८ ॥
भरद्वाजमुखानन्दक राम् ॥ २९ ॥
चित्रकूटाद्रिनिकेतन राम् ॥ ३० ॥
दशरथसन्ततचिन्तित राम् ॥ ३१ ॥
कैकेयीतनयार्थित राम् ॥ ३२ ॥
विरचितनिजपितृकर्मक राम् ॥ ३३ ॥
भरतार्पितनिजपादुक राम् ॥ ३४ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ॥

॥ अरण्यकाण्डः ॥
दण्डकवनजनपावन राम् ॥ ३५ ॥
दुष्टविराधविनाशन राम् ॥ ३६ ॥
शरभङ्गसुतीक्ष्णार्चित राम् ॥ ३७ ॥
अगस्त्यानुग्रहवर्धित राम् ॥ ३८ ॥
गृध्राधिपसंसेवित राम् ॥ ३९ ॥
पञ्चवटीतटसुस्थित राम् ॥ ४० ॥
शूर्पणखार्तिविधायक राम् ॥ ४१ ॥
खरदूषणमुखसूदक राम् ॥ ४२ ॥
सीताप्रियहरिणानुग राम् ॥ ४३ ॥
मारीचार्तिकृदाशुग राम् ॥ ४४ ॥
विनष्टसीतान्वेषक राम् ॥ ४५ ॥
गृध्राधिपगतिदायक राम् ॥ ४६ ॥
शबरीदत्तफलाशन राम् ॥ ४७ ॥
कबन्धबाहुच्छेदक राम् ॥ ४८ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ॥

॥ किष्किन्धाकाण्डः ॥
हनुमत्सेवितनिजपद राम् ॥ ४९ ॥
नतसुग्रीवाभीष्टद राम् ॥ ५० ॥
गर्वितवालिसंहारक राम् ॥ ५१ ॥
वानरदूतप्रेषक राम् ॥ ५२ ॥
हितकरलक्ष्मणसंयुत राम् ॥ ५३ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ॥

॥ सुन्दरकाण्डः ॥
कपिवरसन्ततसंस्मृत राम् ॥ ५४ ॥
तद्‍गतिविघ्नध्वंसक राम् ॥ ५५ ॥
सीताप्राणाधारक राम् ॥ ५६ ॥
दुष्टदशाननदूषित राम् ॥ ५७ ॥
शिष्टहनूमद्‍भूषित राम् ॥ ५८ ॥
सीतावेदितकाकावन राम् ॥ ५९ ॥
कृतचूडामणिदर्शन राम् ॥ ६० ॥
कपिवरवचनाश्वासित राम् ॥ ६१ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ॥

॥ युद्धकाण्डः ॥
रावणनिधनप्रस्थित राम् ॥ ६२ ॥
वानरसैन्यसमावृत राम् ॥ ६३ ॥
शोषितसरिदीशार्थित राम् ॥ ६४ ॥
विभीषणाभयदायक राम् ॥ ६५ ॥
पर्वतसेतुनिबन्धक राम् ॥ ६६ ॥
कुम्भकर्णशिरच्छेदक राम् ॥ ६७ ॥
राक्षससङ्घविमर्दक राम् ॥ ६८ ॥
अहिमहिरावणचारण राम् ॥ ६९ ॥
संहृतदशमुखरावण राम् ॥ ७० ॥
विधिभवमुखसुरसंस्तुत राम् ॥ ७१ ॥
खस्थितदशरथवीक्षित राम् ॥ ७२ ॥
सीतादर्शनमोदित राम् ॥ ७३ ॥
अभिषिक्तविभीषणनत राम् ॥ ७४ ॥
पुष्पकयानारोहण राम् ॥ ७५ ॥
भरद्वाजादिनिषेवण राम् ॥ ७६ ॥
भरतप्राणप्रियकर राम् ॥ ७७ ॥
साकेतपुरीभूषण राम् ॥ ७८ ॥
सकलस्वीयसमानत राम् ॥ ७९ ॥
रत्नलसत्पीठास्थित राम् ॥ ८० ॥
पट्टाभिषेकालङ्कृत राम् ॥ ८१ ॥
पार्थिवकुलसम्मानित राम् ॥ ८२ ॥
विभीषणार्पितरङ्गक राम् ॥ ८३ ॥
कीशकुलानुग्रहकर राम् ॥ ८४ ॥
सकलजीवसंरक्षक राम् ॥ ८५ ॥
समस्तलोकाधारक राम् ॥ ८६ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ॥

॥ उत्तरकाण्डः ॥
आगतमुनिगणसंस्तुत राम् ॥ ८७ ॥
विश्रुतदशकण्ठोद्भव राम् ॥ ८८ ॥
सीतालिङ्गननिर्वृत राम् ॥ ८९ ॥
नीतिसुरक्षितजनपद राम् ॥ ९० ॥
विपिनत्याजितजनकज राम् ॥ ९१ ॥
कारितलवणासुरवध राम् ॥ ९२ ॥
स्वर्गतशम्बुकसंस्तुत राम् ॥ ९३ ॥
स्वतनयकुशलवनन्दित राम् ॥ ९४ ॥
अश्वमेधक्रतुदीक्षित राम् ॥ ९५ ॥
कालावेदितसुरपद राम् ॥ ९६ ॥
आयोध्यकजनमुक्तिद राम् ॥ ९७ ॥
विधिमुखविबुधानन्दक राम् ॥ ९८ ॥
तेजोमयनिजरूपक राम् ॥ ९९ ॥
संसृतिबन्धविमोचक राम् ॥ १०० ॥
धर्मस्थापनतत्पर राम् ॥ १०१ ॥
भक्तिपरायणमुक्तिद राम् ॥ १०२ ॥
सर्वचराचरपालक राम् ॥ १०३ ॥
सर्वभवामयवारक राम् ॥ १०४ ॥
वैकुण्ठालयसंस्थित राम् ॥ १०५ ॥
नित्यानन्दपदस्थित राम् ॥ १०६ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ॥ १०७ ॥
राम् राम् जय सीता राम् ॥ १०८ ॥
राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ॥
॥ इति नामरामायणम् सम्पूर्णम् ॥

Nama Ramayanam in English

॥ Balakand ॥
Shuddhabrahmaparatpara Ram ॥ 1 ॥
Kalatmakaparameshwar Ram ॥ 2 ॥
Sheshatalpasukhanidrita Ram ॥ 3 ॥
Brahmadyamaraprarthita Ram ॥ 4 ॥
Chandrakiranakulamandana Ram ॥ 5 ॥
Shrimad Dasharathanandana Ram ॥ 6 ॥
Kausalyasukhavardhana Ram ॥ 7 ॥
Vishwamitrapriyadhana Ram ॥ 8 ॥
Ghoratatakaghataka Ram ॥ 9 ॥
Marichadinipataka Ram ॥ 10 ॥
Kaushikamakhashamrakshaka Ram ॥ 11 ॥
Shrimadahalyoddharaka Ram ॥ 12 ॥
Gautamunisanpoojita Ram ॥ 13 ॥
Suramunivaraganasamstuta Ram ॥ 14 ॥
Navikadhavitamrudupada Ram ॥ 15 ॥
Mithilapurajanamohaka Ram ॥ 16 ॥
Videhamanasaranjaka Ram ॥ 17 ॥
Tryambakakarmukabhanjaka Ram ॥ 18 ॥
Sitarpitavaramalika Ram ॥ 19 ॥
Kritavaivahikakautuka Ram ॥ 20 ॥
Bhargavadarpavinashaka Ram ॥ 21 ॥
Shrimadayodhyapalaka Ram ॥ 22 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram ॥

॥ Ayodhyakand ॥
Aganitagunaganabhushita Ram ॥ 23 ॥
Avanitanayakamita Ram ॥ 24 ॥
Rakachandrasamanana Ram ॥ 25 ॥
Pitravakyashritakanan Ram ॥ 26 ॥
Priyaguhaviniveditapada Ram ॥ 27 ॥
Tatkshalitanijamrudupada Ram ॥ 28 ॥
Bharadwajamukhanandaka Ram ॥ 29 ॥
Chitrakutadri Niketana Ram ॥ 30 ॥
Dasharathasantatachintita Ram ॥ 31 ॥
Kaikeyitanayarthita Ram ॥ 32 ॥
Virachitanijapitrukarmaka Ram ॥ 33 ॥
Bharatarpitanijapaduka Ram ॥ 34 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram ॥

॥ Aranyakand ॥
Dandakavanajanapavana Ram ॥ 35 ॥
Dushtaviradhavinashana Ram ॥ 36 ॥
Sharabhangasutikshnarchita Ram ॥ 37 ॥
Agastyanugrahavardhita Ram ॥ 38 ॥
Gridhradhipasansevita Ram ॥ 39 ॥
Panchavatitatashusthita Ram ॥ 40 ॥
Shurpanakhartividhayaka Ram ॥ 41 ॥
Kharadushanamukhasudaka Ram ॥ 42 ॥
Sitapriyaharinanuga Ram ॥ 43 ॥
Marichartikridashuga Ram ॥ 44 ॥
Vinashitaseetanveshaka Ram ॥ 45 ॥
Gridhradhipagatidayaka Ram ॥ 46 ॥
Shabaridattafalashana Ram ॥ 47 ॥
Kabandhabahuchchedaka Ram ॥ 48 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram ॥

॥ Kishkindhakand ॥
Hanumatsevitanijapada Ram ॥ 49 ॥
Natasugrivabhishtada Ram ॥ 50 ॥
Garvitavalisamharaka Ram ॥ 51 ॥
Vanaradutapreshaka Ram ॥ 52 ॥
Hitakaralakshmanasanyuta Ram ॥ 53 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram ॥

॥ Sundarakand ॥
Kapivarasantatasamsmrita Ram ॥ 54 ॥
Tadgativighnadhvansaka Ram ॥ 55 ॥
Sitapranadharaka Ram ॥ 56 ॥
Dushtadashananadushita Ram ॥ 57 ॥
Shishtahanumadbhooshita Ram ॥ 58 ॥
Sitaveditakakavana Ram ॥ 59 ॥
Kritachudamanidarshana Ram ॥ 60 ॥
Kapivaravachanashvasita Ram ॥ 61 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram ॥

॥ Yuddhakand ॥
Ravananidhanaprasthita Ram ॥ 62 ॥
Vanarasainyasamavrita Ram ॥ 63 ॥
Shoshitasaridisharthita Ram ॥ 64 ॥
Vibhishanabhayadayaka Ram ॥ 65 ॥
Parvatasetunibandhaka Ram ॥ 66 ॥
Kumbhakarnashirachchedaka Ram ॥ 67 ॥
Rakshasasanghavimardaka Ram ॥ 68 ॥
Ahimahiravancharana Ram ॥ 69 ॥
Samhritadashamukharavana Ram ॥ 70 ॥
Vidhibhavamukhasurasamstuta Ram ॥ 71 ॥
Khasthitadarsharathavikshita Ram ॥ 72 ॥
Sitadarshanamodita Ram ॥ 73 ॥
Abhishtivibhishanata Ram ॥ 74 ॥
Pushpakayanarohana Ram ॥ 75 ॥
Bharadwajadinishevna Ram ॥ 76 ॥
Bharatapranapriyakara Ram ॥ 77 ॥
Saketapuribhooshana Ram ॥ 78 ॥
Sakalasviyasamanata Ram ॥ 79 ॥
Ratnalasatpeethasthita Ram ॥ 80 ॥
Pattabhishekaalankrita Ram ॥ 81 ॥
Parthivakulasammanita Ram ॥ 82 ॥
Vibhishanarparitarangaka Ram ॥ 83 ॥
Kishakulanugrahakara Ram ॥ 84 ॥
Sakalajivasanrakshaka Ram ॥ 85 ॥
Samastalokadharaka Ram ॥ 86 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram ॥

॥ Uttarakand ॥
Agatamuniganasamstuta Ram ॥ 87 ॥
Vishrutadashakanthodbhava Ram ॥ 88 ॥
Sitalingananiwruta Ram ॥ 89 ॥
Neetisurakshitajanapada Ram ॥ 90 ॥
Vipinityajitananakaja Ram ॥ 91 ॥
Karitalavanasuravadha Ram ॥ 92 ॥
Swargatashambukasanstuta Ram ॥ 93 ॥
Swatanayakushalanandita Ram ॥ 94 ॥
Ashwamedhkratudeekshita Ram ॥ 95 ॥
Kalaveditasurapada Ram ॥ 96 ॥
Ayodhyakajanamuktida Ram ॥ 97 ॥
Vidhimukhavibudhanandaka Ram ॥ 98 ॥
Tejomayanijaroopaka Ram ॥ 99 ॥
Samsritibandhvimochaka Ram ॥ 100 ॥
Dharmasthapanatatpara Ram ॥ 101 ॥
Bhaktiparayanamuktida Ram ॥ 102 ॥
Sarvacharacharapalaka Ram ॥ 103 ॥
Sarvabhavamayavaraka Ram ॥ 104 ॥
Vaikunthalayasamsthita Ram ॥ 105 ॥
Nityanandapadasthita Ram ॥ 106 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram ॥ 107 ॥
Ram Ram Jai Sita Ram ॥ 108 ॥
Ram Ram Jai Raja Ram।
Ram Ram Jai Sita Ram॥
॥ Iti Namaramayanam Sampurnam ॥

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नामरामायणम् का विस्तृत अर्थ और व्याख्या

परिचय

नामरामायणम् भगवान श्रीराम के जीवन, चरित्र, और लीलाओं का संगीतमय और सारगर्भित वर्णन है। इसमें श्रीराम के बाल्यकाल से लेकर उनके वैकुण्ठ गमन तक की कथा को आठ काण्डों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक श्लोक भगवान राम के अद्वितीय गुणों, लीलाओं, और महिमा का वर्णन करता है। यह भक्तिपूर्ण पाठ श्रीराम की भक्ति और उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए आदर्श है।


बालकाण्ड

१. शुद्धब्रह्मपरात्पर राम्

अर्थ: भगवान श्रीराम शुद्ध ब्रह्मस्वरूप हैं और परम तत्व से भी श्रेष्ठ हैं।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम केवल एक राजकुमार नहीं, बल्कि साक्षात ब्रह्म के प्रतीक हैं। वे निर्गुण और सगुण दोनों रूपों में पूजनीय हैं।

२. कालात्मकपरमेश्वर राम्

अर्थ: श्रीराम समय और सृष्टि के अधिपति हैं।
हिंदी व्याख्या: वे सृष्टि, पालन, और संहार के क्रम को नियंत्रित करते हैं। उनके बिना काल का अस्तित्व नहीं हो सकता।

३. शेषतल्पसुखनिद्रित राम्

अर्थ: श्रीराम शेषनाग के शयन पर सुखपूर्वक निवास करते हैं।
हिंदी व्याख्या: यह उनके दिव्य और शांत स्वरूप को दर्शाता है।

४. ब्रह्माद्यामरप्रार्थित राम्

अर्थ: ब्रह्मा और अन्य देवता जिनकी आराधना करते हैं।
हिंदी व्याख्या: उनकी लीला और महिमा को समझने के लिए देवता भी प्रयासरत रहते हैं।

५. चण्डकिरणकुलमण्डन राम्

अर्थ: वे सूर्यवंश के आभूषण हैं।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने गुणों और कार्यों से सूर्यवंश की प्रतिष्ठा को ऊँचाई दी।


६. श्रीमद्दशरथनन्दन राम्

अर्थ: राजा दशरथ के प्रिय पुत्र।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम अपने पिता के लिए धर्म, मर्यादा और संतोष के प्रतीक थे।

७. कौसल्यासुखवर्धन राम्

अर्थ: कौसल्या को हर्षित करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम अपने माता-पिता के प्रेम और आदर्श पुत्रत्व का चरम उदाहरण हैं।


८. विश्वामित्रप्रियधन राम्

अर्थ: विश्वामित्र मुनि के प्रिय धन।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने ऋषि विश्वामित्र के साथ उनके यज्ञ की रक्षा कर ऋषियों का सम्मान बढ़ाया।


९. घोरताटकाघातक राम्

अर्थ: ताड़का राक्षसी का संहार करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने धर्म की रक्षा के लिए हिंसा का उचित उपयोग किया।


१०. मारीचादिनिपातक राम्

अर्थ: मारीच और सुबाहु जैसे राक्षसों का नाश करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम की वीरता और धर्म की रक्षा के लिए उनकी तत्परता का यह प्रतीक है।


११. कौशिकमखसंरक्षक राम्

अर्थ: विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान श्रीराम ने धर्म और साधना की पवित्रता को बनाए रखा।


१२. श्रीमदहल्योद्धारक राम्

अर्थ: अहिल्या का उद्धार करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान श्रीराम ने अहिल्या को उनके तप के माध्यम से पुनः दिव्यता प्रदान की।


१३. गौतममुनिसम्पूजित राम्

अर्थ: गौतम मुनि द्वारा पूजित।
हिंदी व्याख्या: उनके कर्म और गुण ऋषियों के लिए भी पूजनीय हैं।


१४. सुरमुनिवरगणसंस्तुत राम्

अर्थ: देवताओं और मुनियों द्वारा प्रशंसा प्राप्त।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम की महिमा केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि देवगण भी उनकी भक्ति में लीन रहते हैं।


१५. नाविकधावितमृदुपद राम्

अर्थ: नाविक के स्पर्श से पावन चरणों वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान ने निषादराज के हृदय को अपने चरणों के स्पर्श से पवित्र किया, जिससे उनकी विनम्रता और करुणा प्रकट होती है।


१६. मिथिलापुरजनमोहक राम्

अर्थ: मिथिला के लोगों को मोहित करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व इतना आकर्षक था कि मिथिला के हर व्यक्ति ने उन्हें मन, वचन और कर्म से स्वीकारा।


१७. विदेहमानसरञ्जक राम्

अर्थ: जनक के हृदय को आनंदित करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने गुणों और मर्यादा से राजा जनक को प्रभावित किया।


१८. त्र्यम्बककार्मुकभञ्जक राम्

अर्थ: भगवान शिव के धनुष को तोड़ने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने शिवधनुष को तोड़कर सीता का हाथ प्राप्त किया, जो उनके सामर्थ्य और मर्यादा का प्रतीक है।


१९. सीतार्पितवरमालिक राम्

अर्थ: सीता द्वारा वरमाला पहनाए गए।
हिंदी व्याख्या: यह प्रसंग राम-सीता के दिव्य मिलन का प्रतीक है, जिसमें उनका प्रेम और आदर्श प्रकट होता है।


२०. कृतवैवाहिककौतुक राम्

अर्थ: विवाह की रीतियों को पूर्ण करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने सभी विवाह संस्कारों को मर्यादा और धर्म के साथ संपन्न किया।


२१. भार्गवदर्पविनाशक राम्

अर्थ: परशुराम के अहंकार को नष्ट करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अपने धैर्य और विनम्रता से परशुराम का घमंड समाप्त किया।


२२. श्रीमदयोध्यापालक राम्

अर्थ: अयोध्या के रक्षक।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अयोध्या को मर्यादा, धर्म और न्याय का आदर्श स्थान बनाया।


अयोध्याकाण्ड

२३. अगणितगुणगणभूषित राम्

अर्थ: श्रीराम अनगिनत गुणों से विभूषित हैं।
हिंदी व्याख्या: उनकी विशेषताएँ इतनी असंख्य हैं कि उनका वर्णन करना भी कठिन है। वे आदर्श राजा, पुत्र, पति और मित्र के रूप में पूजनीय हैं।

२४. अवनीतनयाकामित राम्

अर्थ: पृथ्वी की पुत्री (सीता) द्वारा वांछित।
हिंदी व्याख्या: यह भगवान राम और देवी सीता के दिव्य प्रेम का प्रतीक है, जो सांसारिक प्रेम से परे है।

२५. राकाचन्द्रसमानन राम्

अर्थ: पूर्णिमा के चंद्रमा के समान मुखमंडल वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम का तेजस्वी मुख उनकी दिव्यता को प्रकट करता है, जो सभी को शीतलता और शांति प्रदान करता है।

२६. पितृवाक्याश्रितकानन राम्

अर्थ: पिता के वचन के पालन हेतु वनगमन करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने पिता के वचन को निभाने के लिए राजमहल का त्याग कर वनवास को स्वीकार किया, जो उनके कर्तव्यनिष्ठ स्वभाव का प्रतीक है।

२७. प्रियगुहविनिवेदितपद राम्

अर्थ: निषादराज गुह द्वारा सेवा किए गए।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने गुह के प्रेम और समर्पण को स्वीकार कर सामाजिक समानता और करुणा का उदाहरण प्रस्तुत किया।

२८. तत्क्षालितनिजमृदुपद राम्

अर्थ: गुह ने जिनके चरण धोकर पवित्र किए।
हिंदी व्याख्या: यह प्रसंग दिखाता है कि भगवान राम सभी को स्नेह और आदर देते हैं, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो।


२९. भरद्वाजमुखानन्दक राम्

अर्थ: भरद्वाज मुनि के मुख में आनंद भरने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने दिव्य चरित्र और आचरण से ऋषियों और मुनियों के हृदय को प्रसन्न किया।

३०. चित्रकूटाद्रिनिकेतन राम्

अर्थ: चित्रकूट पर्वत पर निवास करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने चित्रकूट में निवास कर अपनी सरलता और सौम्यता का परिचय दिया, जहाँ सभी उनसे मिलने आते थे।

३१. दशरथसन्ततचिन्तित राम्

अर्थ: जिनकी चिंता दशरथ सदा करते रहे।
हिंदी व्याख्या: अपने पुत्र राम के वियोग में दशरथ ने अपने जीवन का त्याग किया। यह उनके अटूट प्रेम को दर्शाता है।


३२. कैकेयीतनयार्थित राम्

अर्थ: कैकेयी के पुत्र भरत के कारण वनगमन करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने भरत की इच्छा और प्रेम के बावजूद अपने धर्म का पालन किया और वनवास जारी रखा।

३३. विरचितनिजपितृकर्मक राम्

अर्थ: पिता के लिए अंतिम संस्कार करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने दशरथ के लिए विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया, जो पुत्र धर्म का आदर्श उदाहरण है।

३४. भरतार्पितनिजपादुक राम्

अर्थ: भरत को अपनी पादुकाएँ सौंपने वाले।
हिंदी व्याख्या: उन्होंने भरत को अपनी पादुकाएँ देकर अयोध्या के शासन की जिम्मेदारी दी, जो उनके त्याग और विनम्रता का प्रतीक है।


अरण्यकाण्ड

३५. दण्डकवनजनपावन राम्

अर्थ: दण्डकारण्य के निवासियों को पवित्र करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने वनवास के दौरान ऋषि-मुनियों और वनवासियों को अपने सत्संग और सुरक्षा से पवित्र किया।

३६. दुष्टविराधविनाशन राम्

अर्थ: दुष्ट विराध का नाश करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने धर्म की स्थापना के लिए दुष्ट राक्षसों का संहार किया।

३७. शरभङ्गसुतीक्ष्णार्चित राम्

अर्थ: ऋषि शरभंग और सुतीक्ष्ण द्वारा पूजित।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने ऋषियों को आशीर्वाद देकर उनके तप और साधना का सम्मान किया।


३८. अगस्त्यानुग्रहवर्धित राम्

अर्थ: अगस्त्य मुनि से आशीर्वाद प्राप्त करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अगस्त्य मुनि से दिव्य अस्त्र-शस्त्र प्राप्त कर धर्म के कार्य को आगे बढ़ाया।

३९. गृध्राधिपसंसेवित राम्

अर्थ: गृध्रराज जटायु द्वारा सेवा किए गए।
हिंदी व्याख्या: जटायु ने अपने प्राण त्यागकर सीता की रक्षा की। श्रीराम ने उनका सम्मान करते हुए उन्हें दिव्य लोक प्रदान किया।

४०. पञ्चवटीतटसुस्थित राम्

अर्थ: पञ्चवटी के किनारे निवास करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने लक्ष्मण और सीता के साथ पञ्चवटी में निवास किया, जहाँ उनकी कई दिव्य लीलाएँ हुईं।


४१. शूर्पणखार्तिविधायक राम्

अर्थ: शूर्पणखा का घमंड चूर करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने शूर्पणखा के अनुचित प्रस्ताव को अस्वीकार कर धर्म और मर्यादा का पालन किया।

४२. खरदूषणमुखसूदक राम्

अर्थ: खर और दूषण का वध करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने दुष्ट राक्षसों का वध कर साधुओं की रक्षा की।

४३. सीताप्रियहरिणानुग राम्

अर्थ: सीता के प्रिय स्वर्णमृग का पीछा करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने स्वर्णमृग को पकड़ने का प्रयास किया, जो रावण की छल-क्रीड़ा थी।


४४. मारीचार्तिकृदाशुग राम्

अर्थ: मारीच को बाण से मारने वाले।
हिंदी व्याख्या: मारीच को मारकर श्रीराम ने रावण की योजना को विफल करने का प्रयास किया।

४५. विनष्टसीतान्वेषक राम्

अर्थ: लुप्त सीता की खोज करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने सीता को ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किया, जो उनके प्रेम और समर्पण को दर्शाता है।

४६. गृध्राधिपगतिदायक राम्

अर्थ: जटायु को दिव्य गति प्रदान करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने जटायु के बलिदान को सराहा और उसे मोक्ष प्रदान किया।


किष्किन्धाकाण्ड

४९. हनुमत्सेवितनिजपद राम्

अर्थ: हनुमान द्वारा सेवा किए गए।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अपने भक्त हनुमान को अपनी सेवा का अधिकार दिया, जो भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।

५०. नतसुग्रीवाभीष्टद राम्

अर्थ: झुके हुए सुग्रीव को इच्छित फल प्रदान करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने सुग्रीव की सहायता कर उन्हें किष्किंधा का राजा बनाया, जो उनकी करुणा और मित्रता का उदाहरण है।

५१. गर्वितवालिसंहारक राम्

अर्थ: गर्व से भरे वाली का वध करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अन्याय और अधर्म का नाश करते हुए सुग्रीव को न्याय दिलाया।

५२. वानरदूतप्रेषक राम्

अर्थ: वानर दूत (हनुमान) को सीता की खोज के लिए भेजने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने हनुमान को सीता की खोज में भेजा, जो उनके रणनीतिक और नेतृत्व गुणों को दर्शाता है।

५३. हितकरलक्ष्मणसंयुत राम्

अर्थ: लक्ष्मण के साथ हितकारी कार्य करने वाले।
हिंदी व्याख्या: लक्ष्मण ने हर स्थिति में भगवान राम का साथ दिया, और राम ने उन्हें अपने जीवन का अभिन्न अंग माना।


सुन्दरकाण्ड

५४. कपिवरसन्ततसंस्मृत राम्

अर्थ: वानर श्रेष्ठ हनुमान द्वारा सदा स्मरण किए जाने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम की भक्ति में हनुमान सदा लीन रहे और उनके हर कार्य में राम के नाम का स्मरण किया।

५५. तद्‍गतिविघ्नध्वंसक राम्

अर्थ: हनुमान की राह के विघ्नों को दूर करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने हर संकट में अपने भक्तों की रक्षा की और उनके मार्ग को सरल बनाया।

५६. सीताप्राणाधारक राम्

अर्थ: सीता के जीवन और आशा के आधार।
हिंदी व्याख्या: सीता ने श्रीराम के प्रति अटूट प्रेम और विश्वास बनाए रखा, और राम ने उनके उद्धार के लिए हर संभव प्रयास किया।

५७. दुष्टदशाननदूषित राम्

अर्थ: रावण द्वारा पीड़ित सीता के उद्धारकर्ता।
हिंदी व्याख्या: रावण के छल और अत्याचार के बावजूद, राम ने धर्म और सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा।

५८. शिष्टहनूमद्‍भूषित राम्

अर्थ: विनम्र हनुमान के द्वारा सम्मानित।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने हनुमान के बलिदान और समर्पण को स्वीकार किया, जिससे उनकी महानता और स्पष्ट होती है।


५९. सीतावेदितकाकावन राम्

अर्थ: सीता द्वारा काकासुर की कथा सुनने वाले।
हिंदी व्याख्या: काकासुर की कथा राम-सीता के प्रेम और उनकी भक्ति के महत्व को उजागर करती है।

६०. कृतचूडामणिदर्शन राम्

अर्थ: सीता द्वारा भेजे गए चूड़ामणि को देखकर आश्वस्त होने वाले।
हिंदी व्याख्या: चूड़ामणि ने भगवान राम को सीता के जीवित होने की पुष्टि दी और उन्हें प्रेरणा प्रदान की।

६१. कपिवरवचनाश्वासित राम्

अर्थ: हनुमान के वचनों से आश्वस्त होने वाले।
हिंदी व्याख्या: हनुमान के प्रयास और उत्साह ने श्रीराम को सीता तक पहुंचने का संबल दिया।


युद्धकाण्ड

६२. रावणनिधनप्रस्थित राम्

अर्थ: रावण के वध के लिए प्रस्थान करने वाले।
हिंदी व्याख्या: धर्म की स्थापना के लिए भगवान राम ने लंका की ओर कूच किया।

६३. वानरसैन्यसमावृत राम्

अर्थ: वानर सेना से घिरे हुए।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने वानरों की सहायता से विशाल सेना बनाई और उन्हें युद्ध में नेतृत्व प्रदान किया।

६४. शोषितसरिदीशार्थित राम्

अर्थ: समुद्र से मार्ग मांगने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अपने धैर्य और तप से समुद्र को भी अपनी सहायता के लिए प्रेरित किया।


६५. विभीषणाभयदायक राम्

अर्थ: विभीषण को अभय देने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने विभीषण को शरण दी और लंका का राजा बनाने का वचन दिया, जो उनकी करुणा को दर्शाता है।

६६. पर्वतसेतुनिबन्धक राम्

अर्थ: पर्वतों से पुल बनवाने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने समुद्र पर सेतु बनाकर अपनी सेना के साथ लंका तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया।

६७. कुम्भकर्णशिरच्छेदक राम्

अर्थ: कुम्भकर्ण का सिर काटने वाले।
हिंदी व्याख्या: अधर्म के प्रतीक कुम्भकर्ण का वध कर भगवान राम ने धर्म की विजय सुनिश्चित की।


६८. राक्षससङ्घविमर्दक राम्

अर्थ: राक्षसों की सेना को नष्ट करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने रावण की सेना को हराकर सत्य और न्याय की स्थापना की।

६९. अहिमहिरावणचारण राम्

अर्थ: अहिरावण और महिरावण का संहार करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान ने अपनी शक्ति और बुद्धि से अपने भाई लक्ष्मण और सेना की रक्षा की।

७०. संहृतदशमुखरावण राम्

अर्थ: दशमुख रावण का वध करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने रावण का वध कर अधर्म का अंत किया और सीता का उद्धार किया।


७१. विधिभवमुखसुरसंस्तुत राम्

अर्थ: ब्रह्मा, शिव, और अन्य देवताओं द्वारा स्तुत भगवान राम।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने रावण का वध कर देवताओं को भयमुक्त किया, जिससे सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की।

७२. खस्थितदशरथवीक्षित राम्

अर्थ: आकाश से दशरथ द्वारा देखे गए।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम के रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद, उनके पिता दशरथ ने दिव्य रूप से उन्हें आशीर्वाद दिया।

७३. सीतादर्शनमोदित राम्

अर्थ: सीता के दर्शन से प्रसन्न हुए।
हिंदी व्याख्या: लंबे वियोग के बाद भगवान राम ने सीता को देखा और उनके प्रेम और समर्पण की पुनः अनुभूति की।


७४. अभिषिक्तविभीषणनत राम्

अर्थ: विभीषण को लंका का राजा बनाने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने विभीषण को लंका का राजा बनाकर सत्य और धर्म की स्थापना की।

७५. पुष्पकयानारोहण राम्

अर्थ: पुष्पक विमान में चढ़ने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने लंका से अयोध्या लौटने के लिए रावण के पुष्पक विमान का उपयोग किया, जो उनकी विजय और दिव्यता का प्रतीक है।

७६. भरद्वाजादिनिषेवण राम्

अर्थ: भरद्वाज आदि ऋषियों द्वारा सेवा किए गए।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अयोध्या लौटते समय ऋषियों और मुनियों से आशीर्वाद लिया, जो उनके साधु-संगति और धर्मनिष्ठ जीवन को दर्शाता है।


७७. भरतप्राणप्रियकर राम्

अर्थ: भरत के जीवन में प्रिय आनंद लाने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम के लौटने से भरत ने अपने जीवन की संपूर्णता प्राप्त की और अपने भाई के प्रति अपने समर्पण को दर्शाया।

७८. साकेतपुरीभूषण राम्

अर्थ: अयोध्या (साकेतपुरी) के भूषण।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अयोध्या की शोभा को पुनः बढ़ाया और उसे धर्म, न्याय, और करुणा का केंद्र बनाया।

७९. सकलस्वीयसमानत राम्

अर्थ: सभी अपने (प्रजा) को समान रूप से देखने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपनी प्रजा में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया और सभी को समान प्रेम और न्याय दिया।


८०. रत्नलसत्पीठास्थित राम्

अर्थ: रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम का राजतिलक उनकी दिव्यता और महानता का प्रतीक है, जिससे पूरी अयोध्या में आनंद छा गया।

८१. पट्टाभिषेकालङ्कृत राम्

अर्थ: राज्याभिषेक से अलंकृत।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अपने राज्याभिषेक से अयोध्या को पुनः धर्म, मर्यादा और समृद्धि का आदर्श राज्य बनाया।

८२. पार्थिवकुलसम्मानित राम्

अर्थ: पृथ्वी के सभी राजाओं द्वारा सम्मानित।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम की ख्याति और गुणों ने उन्हें समस्त राजाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनाया।


८३. विभीषणार्पितरङ्गक राम्

अर्थ: विभीषण को रत्न भेंट करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने विभीषण को उनकी सेवा और निष्ठा के लिए उपहार देकर उनकी भक्ति का सम्मान किया।

८४. कीशकुलानुग्रहकर राम्

अर्थ: वानरों के कुल पर कृपा करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने वानरों की भक्ति, साहस और समर्पण को स्वीकार कर उन्हें आशीर्वाद दिया।

८५. सकलजीवसंरक्षक राम्

अर्थ: समस्त जीवों की रक्षा करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम समस्त प्राणियों के जीवन और कल्याण के लिए सदा तत्पर रहते हैं।


८६. समस्तलोकाधारक राम्

अर्थ: पूरे संसार का आधार।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम केवल एक राजा नहीं, बल्कि सृष्टि के आधार और पालक हैं।


उत्तरकाण्ड

८७. आगतमुनिगणसंस्तुत राम्

अर्थ: सभी ऋषियों और मुनियों द्वारा प्रशंसित।
हिंदी व्याख्या: उत्तरकाण्ड में भगवान राम ने सभी ऋषियों को सम्मान और आदर दिया, जो उनके विनम्र स्वभाव का परिचायक है।

८८. विश्रुतदशकण्ठोद्भव राम्

अर्थ: रावण के वंश का इतिहास बताने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने रावण के वंश और उसकी महानता का वर्णन कर यह दिखाया कि वे सभी के गुणों को पहचानते हैं।

८९. सीतालिङ्गननिर्वृत राम्

अर्थ: सीता के आलिंगन से प्रसन्न।
हिंदी व्याख्या: वनवास के बाद श्रीराम ने सीता को गले लगाकर अपने प्रेम और समर्पण का प्रदर्शन किया।


९०. नीतिसुरक्षितजनपद राम्

अर्थ: नीति द्वारा सुरक्षित राज्य चलाने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने शासन में धर्म और नीति के अनुसार प्रजा का कल्याण किया।

९१. विपिनत्याजितजनकज राम्

अर्थ: जिन्होंने सीता को वनवास दिया।
हिंदी व्याख्या: लोकमत के कारण सीता को वनवास देना श्रीराम की मर्यादा और धर्म का पालन था, जो उनके कठिन निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है।

९२. कारितलवणासुरवध राम्

अर्थ: लवणासुर का वध करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपनी शक्ति से लवणासुर का अंत कर प्रजा की रक्षा की।


९३. स्वर्गतशम्बुकसंस्तुत राम्

अर्थ: शम्बूक को स्वर्ग भेजने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने शम्बूक के अंतिम संस्कार कर यह दिखाया कि वे सभी के कल्याण के लिए तत्पर रहते हैं।

९४. स्वतनयकुशलवनन्दित राम्

अर्थ: अपने पुत्रों के कौशल और निपुणता से आनंदित।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने लव और कुश के माध्यम से अपने वंश को धर्म का आदर्श रूप दिया।

९५. अश्वमेधक्रतुदीक्षित राम्

अर्थ: अश्वमेध यज्ञ का आयोजन करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने यज्ञ के माध्यम से धर्म और सत्य की स्थापना की।

९६. कालावेदितसुरपद राम्

अर्थ: काल द्वारा स्वर्ग जाने के लिए प्रेरित।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अपने समय की समाप्ति पर धरती को छोड़ स्वर्ग का मार्ग अपनाया।


९७. आयोध्यकजनमुक्तिद राम्

अर्थ: अयोध्या के लोगों को मोक्ष प्रदान करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपनी प्रजा को धर्म, मोक्ष और परोपकार का मार्ग दिखाया।

९८. विधिमुखविबुधानन्दक राम्

अर्थ: ब्रह्मा और देवताओं को आनंदित करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम का कृतित्व देवताओं और ऋषियों के लिए भी प्रेरणादायक था।

९९. तेजोमयनिजरूपक राम्

अर्थ: तेज से युक्त अपने दिव्य रूप में स्थित।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने तेजोमय रूप से यह दिखाया कि वे साक्षात ब्रह्म हैं।


१००. संसृतिबन्धविमोचक राम्

अर्थ: संसार के बंधनों से मुक्त करने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने भक्तों को संसार के मोह और बंधन से मुक्त किया।

१०१. धर्मस्थापनतत्पर राम्

अर्थ: धर्म की स्थापना के लिए समर्पित।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने हर कार्य धर्म और मर्य

ादा के अनुरूप किया।

१०२. भक्तिपरायणमुक्तिद राम्

अर्थ: भक्ति के द्वारा मोक्ष देने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम ने अपने भक्तों को भक्ति के माध्यम से मोक्ष का वरदान दिया।

१०३. सर्वचराचरपालक राम्

अर्थ: चल और अचल प्राणियों के रक्षक।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम सभी जीवों की रक्षा करते हैं, चाहे वे चर हों या अचर।

१०४. सर्वभवामयवारक राम्

अर्थ: सभी दुखों को हरने वाले।
हिंदी व्याख्या: श्रीराम अपने भक्तों के सभी कष्टों को समाप्त करते हैं।

१०५. वैकुण्ठालयसंस्थित राम्

अर्थ: वैकुण्ठ में निवास करने वाले।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम ने अंततः वैकुण्ठ धाम की ओर प्रस्थान किया।

१०६. नित्यानन्दपदस्थित राम्

अर्थ: नित्य आनंद में स्थित।
हिंदी व्याख्या: भगवान राम सदा आनंदित अवस्था में रहते हैं और अपने भक्तों को भी वही आनंद प्रदान करते हैं।


समाप्ति

राम् राम् जय राजा राम्। राम् राम् जय सीता राम्।
यह श्लोक श्रीराम और सीता की महिमा को समर्पित है। इसका पाठ करने से भक्ति, ज्ञान, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नामरामायणम् सम्पूर्णम्।

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