- – भजन में सांवरिया गिरधारी जी से विनती की गई है कि वे भक्त की “हुंडी” (प्रार्थना या अर्ज़ी) स्वीकार करें।
- – भजन में भक्त अपनी लाज और सम्मान की रक्षा करने की भी प्रार्थना करता है।
- – भजन में यह भी कहा गया है कि प्रभु सभी भक्तों के कार्यों को सँवारते हैं और उनकी मर्जी सर्वोपरि है।
- – भक्त अपने दुःख और परेशानियों को दूर करने के लिए प्रभु पर भरोसा जताता है।
- – भजन में नरसी और अन्य भक्तों का भी उल्लेख है, जो प्रभु पर विश्वास रखते हैं।
- – यह भजन हरमिंदर सिंह रोमी जी द्वारा गाया गया है।

सांवरिया गिरधारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो,
हुंडी स्वीकारो म्हारी हुंडी स्वीकारो,
हुंडी स्वीकारो म्हारी हुंडी स्वीकारो,
राखो लाज हमारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो।bd।
हमने तो लिख दी है चरणों में अर्जी,
तारो ना तारो प्रभु तेरी मर्जी,
अर्जी पे मर्जी तुम्हारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो,
साँवरिया गिरधारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो।bd।
गणिका गिद्ध अजामिल तारे,
सब भक्तो के काज सँवारे,
आई प्रभु जी म्हारी बारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो,
साँवरिया गिरधारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो।bd।
नरसी को प्रभु तेरा भरोसा,
लाज रखो म्हारी ओ सांवल सा,
हर लो मेरी दुश्वारी जी,
Bhajan Diary Lyrics,
म्हारी हुंडी स्वीकारो,
साँवरिया गिरधारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो।bd।
सांवरिया गिरधारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो,
हुंडी स्वीकारो म्हारी हुंडी स्वीकारो,
हुंडी स्वीकारो म्हारी हुंडी स्वीकारो,
राखो लाज हमारी जी,
म्हारी हुंडी स्वीकारो।bd।
Singer – Harminder Singh Romi Ji
