धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें
Join Now
- – शिव पंचाक्षर स्तोत्र में भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है।
- – प्रत्येक श्लोक में शिव के अलग-अलग नामों और उनके विशेषताओं का उल्लेख है, जैसे त्रिलोचन, महेश्वर, नीलकण्ठ, जटाधर आदि।
- – स्तोत्र में शिव को भस्मांग, मन्दाकिनी, मन्दारपुष्प, गौरीवदन, वृषध्वज, पिनाकहस्त आदि से संबोधित किया गया है।
- – इस स्तोत्र का पाठ करने से शिव के सान्निध्य में पुण्य प्राप्त होता है और शिवलोक की प्राप्ति होती है।
- – शिव पंचाक्षर स्तोत्र का गायन या पाठ शिवभक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र,
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय,
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय,
नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय,
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय,
तस्मै मकाराय नम: शिवाय।।
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय,
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै शिकाराय नम: शिवाय।।
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय,
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय,
तस्मै वकाराय नम: शिवाय।।
यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय,
दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै यकाराय नम: शिवाय।।
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ,
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
Singer – Sooryagayathri
Upload By – Aruna Rathi
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
