श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे in Hindi/Sanskrit
राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
Shri Ram Raameti Raameti in English
Ram Rameti Rameti, Rame Rame Manorame.
Sahasranam Tattulyam, Ramanam Varanane.
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राम रामेति श्लोक का अर्थ और महत्व
राम नाम का जप और उसकी महिमा भारतीय धर्म और संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस श्लोक में भगवान राम के नाम की महिमा का वर्णन किया गया है। यह श्लोक अत्यधिक प्रचलित है और विष्णु सहस्रनाम के समान राम नाम की शक्ति का बखान करता है।
श्लोक का पूर्ण पाठ:
राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
श्लोक का अर्थ
राम रामेति रामेति:
यहां “राम राम” का बार-बार जप करने का उल्लेख है। इसका मतलब है कि राम नाम को बार-बार जपने से मन आनंदित होता है। “राम” नाम में इतनी शक्ति है कि यह जप करने वाले के मन को शांति और सुख की अनुभूति कराता है।
रमे रामे मनोरमे:
इसका अर्थ है कि मन राम में रम जाता है, अर्थात् भगवान राम के नाम का जप करने से मन प्रसन्न और स्थिर हो जाता है। राम नाम का जप किसी भी व्यक्ति को शांति और आनंद प्रदान कर सकता है।
सहस्रनाम तत्तुल्यं:
इस पंक्ति में कहा गया है कि राम का नाम लेना विष्णु के सहस्रनाम (हजार नामों) के समान फलदायी है। विष्णु सहस्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नामों का जप किया जाता है, लेकिन इस श्लोक में बताया गया है कि सिर्फ “राम” नाम का जप करना सहस्रनाम के समान लाभकारी है।
रामनाम वरानने:
इसका अर्थ है, “हे सुंदर मुखवाली देवी,” भगवान राम का नाम जपना सबसे उत्तम और शुभ है। यहां “वरानने” शब्द से देवी पार्वती को संबोधित किया गया है, जो अत्यंत सुंदर और ज्ञान से परिपूर्ण हैं। श्लोक में पार्वती जी को भगवान शिव ने राम नाम की महिमा समझाई है।
राम नाम की महिमा
राम नाम का जप अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी माना जाता है। इसे धर्म, योग, और अध्यात्म के क्षेत्र में एक साधना के रूप में देखा जाता है। राम नाम के जप से व्यक्ति के अंदर आत्मिक शांति, सच्चा सुख और मानसिक स्थिरता आती है। इसके साथ ही, राम नाम का जप आत्मा को उच्चतर आध्यात्मिक स्तर पर पहुंचाने का साधन भी माना जाता है।
1. मानसिक शांति:
राम नाम का उच्चारण करते समय मन शांत होता है, और व्यक्ति अपने भीतर गहरे स्थिरता का अनुभव करता है।
2. आत्मिक विकास:
राम नाम का नियमित जप व्यक्ति को उसके आत्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। यह भौतिक दुनिया की चंचलता से ऊपर उठने का मार्ग है।
3. सहस्रनाम की तुलना:
जैसा कि श्लोक में कहा गया है, एक बार “राम” का नाम लेने का फल विष्णु के सहस्रनाम के जप के बराबर है। यह राम नाम की अद्वितीय महिमा को दर्शाता है।
राम नाम के उच्चारण के विभिन्न प्रकार
1. मौन जप
मौन जप का अर्थ है मन ही मन राम नाम का स्मरण करना। यह ध्यान की उच्च अवस्था है, जिसमें साधक अपनी इंद्रियों को वश में रखकर केवल राम नाम का अनुभव करता है। यह जप अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।
2. माला जप
माला लेकर राम नाम का उच्चारण करना साधकों के लिए एक साधारण और प्रचलित विधि है। इसमें 108 मनकों की माला का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार जप करने से मन एकाग्र रहता है और राम नाम का प्रभाव और भी गहरा होता है।
3. कीर्तन
राम नाम का कीर्तन सामूहिक रूप से गाया जाता है, जिसमें भक्त मिलकर राम नाम का गुणगान करते हैं। यह विधि भक्तों के बीच एकता और प्रेम की भावना को बढ़ाती है, और स्थान को पवित्र बनाती है।
राम नाम का ऐतिहासिक महत्व
1. रामायण में राम नाम का महत्व
रामायण, जो भगवान राम के जीवन पर आधारित महाकाव्य है, उसमें भी राम नाम की महिमा का वर्णन मिलता है। रामचरितमानस के अनुसार, भगवान शिव ने देवी पार्वती को राम नाम का महत्व समझाते हुए कहा था कि राम नाम का स्मरण स्वयं भगवान राम के समकक्ष है।
2. संत महात्माओं की दृष्टि में
सभी संत महात्माओं ने राम नाम को सर्वोपरि माना है। उन्होंने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति भगवान राम के नाम का जप करता है, तो वह सभी पापों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष
राम नाम का जप केवल एक साधना नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक मार्ग है। यह मार्ग व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से मुक्त कर, आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। इस श्लोक का प्रतिदिन जप करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। राम नाम की महिमा अनंत है, और इसे समझने और अपनाने से ही जीवन में सच्चे आनंद की प्राप्ति हो सकती है।