- – यह गीत श्याम भगवान के कीर्तन की महिमा और भक्तों में उत्पन्न हुई मस्ती का वर्णन करता है।
- – श्याम के नाम का रस और उनकी सलोनी सूरत भक्तों के मन को आनंदित करती है।
- – श्याम के दरबार को खूब सजाया गया है और वहाँ का संसार भक्तों के लिए दिवाना है।
- – कीर्तन की रात में भक्तों के मन में श्याम के प्रति गहरा प्रेम और उत्साह व्याप्त होता है।
- – यह गीत भक्तों की आध्यात्मिक अनुभूति और श्याम के प्रति उनकी भक्ति भावनाओं को उजागर करता है।

श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है,
ओ की मस्ती छाई है,
मस्ती छाई है,
श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
तर्ज – काली कमली वाला मेरा यार।
श्याम नाम रस बरस रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
श्याम नाम रस बरस रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
श्याम सलोनी सूरत,
दिल में समाई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे किर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
खूब सजा दरबार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
खूब सजा दरबार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
श्याम दीवानो ने,
क्या धूम मचाई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे किर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
खोले किस्मत का ये ताला,
ऐसा है दरबार निराला,
ऐसा है दरबार निराला,
खोले किस्मत का ये ताला,
ऐसा है दरबार निराला,
ऐसा है दरबार निराला,
‘चित्र विचित्र’ के सदा ही,
श्याम सहाई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे किर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है,
ओ की मस्ती छाई है,
मस्ती छाई है,
श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
