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- – यह गीत महाकाल (भोलेनाथ) की भक्ति में लिखा गया है, जिसमें जीवन को उनकी शरण में समर्पित किया गया है।
- – गीत में भक्त अपनी गलतियों और पापों को स्वीकार करता है और महाकाल से माफी और रहमत की प्रार्थना करता है।
- – महाकाल की करुणा और दया का वर्णन है, जो बिना किसी भेदभाव के सभी की मदद करते हैं।
- – भक्त महाकाल को अपना सहारा मानता है, जो हमेशा उसकी गलतियों के बावजूद उसे संभालते हैं।
- – गीत में यह भी बताया गया है कि महाकाल के दर पर आने वाला कोई भी खाली हाथ नहीं जाता।
- – यह भक्ति गीत छप्पन इंदोरी द्वारा गाया गया है, जो गुरु महाराज के नाम से प्रसिद्ध हैं।

महाकाल डमरू वाले,
भोलेनाथ डमरू वाले,
ये जीवन तेरे हवाले,
महाकाल डमरू वाले।।
तर्ज – गोपाल मुरलिया वाले।
एक मैं हूँ कभी,
शुक्रिया ना किया,
एक तुम हो जो,
रहमत किए जा रहे,
एक मैं हूँ खता पे,
खता कर रहा,
एक तुम हो जो,
माफी दिए जा रहे,
मैंने माना की मैं तो,
गुनहगार हूँ,
मैं गुनहगार हूँ मैं,
खतावार हूँ,
काम नेकी का कोई,
किया ही नहीं,
आप फिर भी सहारा,
दिए जा रहे।।
एक मैं हूँ सदा,
मांगता ही रहा,
एक तुम हो जो,
मांगा दिए जा रहे,
कोई तेरे दर से,
सवाली ना जाए,
सवाली जो आया,
वो खाली ना जाए,
आप से मेरे बाबा,
शिकायत ही क्या,
आप करुणा पे करुणा,
किए जा रहे।।
महाकाल डमरू वाले,
भोलेनाथ डमरू वाले,
ये जीवन तेरे हवाले,
महाकाल डमरू वाले।।
Singer – Chhappan Indori (Guru Maharaj)
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
