दूज तिथि, जिसे द्वितीया तिथि भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग में महीने में दो बार आती है—एक बार शुक्ल पक्ष और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में। यह तिथि हर महीने दोहराई जाती है और पूरे साल कुल 24 बार पड़ती है। इस लेख में, हम 2025 में दूज तिथि की तारीखों, उनके महत्व, और विशेष वार की जानकारी प्रदान करेंगे।
दूज तिथि का महत्व
दूज तिथि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इसे धार्मिक कार्यों, पूजा, और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है। शुक्ल पक्ष की दूज को चंद्र दर्शन का दिन भी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की दूज से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।
2025 में दूज तिथि का विवरण
2025 में आने वाली दूज तिथियों की पूरी सूची नीचे दी गई है। इसमें तिथियों के साथ उनका वार भी शामिल है।
2025 में दूज की तिथियां (Dooj Dates 2025)
नीचे 2025 के पूरे वर्ष की दूज तिथियों का विवरण दिया गया है। इसमें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की दूज की तारीखें और संबंधित वार शामिल हैं:
तारीख | तिथि का पक्ष | वार |
---|---|---|
11 जनवरी 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | शनिवार |
26 जनवरी 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | रविवार |
10 फरवरी 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | सोमवार |
25 फरवरी 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | मंगलवार |
12 मार्च 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | बुधवार |
27 मार्च 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | गुरुवार |
10 अप्रैल 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | गुरुवार |
25 अप्रैल 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | शुक्रवार |
10 मई 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | शनिवार |
25 मई 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | रविवार |
9 जून 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | सोमवार |
24 जून 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | मंगलवार |
9 जुलाई 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | बुधवार |
24 जुलाई 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | गुरुवार |
7 अगस्त 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | गुरुवार |
22 अगस्त 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | शुक्रवार |
6 सितंबर 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | शनिवार |
21 सितंबर 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | रविवार |
6 अक्टूबर 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | सोमवार |
21 अक्टूबर 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | मंगलवार |
5 नवंबर 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | बुधवार |
20 नवंबर 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | गुरुवार |
5 दिसंबर 2025 | कृष्ण पक्ष की दूज | शुक्रवार |
20 दिसंबर 2025 | शुक्ल पक्ष की दूज | शनिवार |
महत्व और विशेषता
- धार्मिक दृष्टिकोण:
दूज तिथि को विशेष रूप से भाई दूज और गोवर्धन पूजा जैसे उत्सवों के लिए जाना जाता है। यह तिथि भाई-बहन के प्रेम को समर्पित है और इसे मनाने से पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं। - ज्योतिषीय महत्व:
दूज तिथि पर धार्मिक कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस दिन ग्रहों की स्थिति शांत रहती है, जिससे पूजा-पाठ और व्रत सफल माने जाते हैं। - पारंपरिक मान्यताएं:
शुक्ल पक्ष की दूज को शुभ माना जाता है और इस दिन नए कार्य शुरू किए जाते हैं, जबकि कृष्ण पक्ष की दूज पर लोग विशेष पूजा और व्रत करते हैं।
महीनेवार दूज तिथियां (2025 में)
यदि आप महीनेवार दूज की जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दी गई सूची देखें:
- जनवरी 2025:
- कृष्ण पक्ष: 11 जनवरी (शनिवार)
- शुक्ल पक्ष: 26 जनवरी (रविवार)
- फरवरी 2025:
- कृष्ण पक्ष: 10 फरवरी (सोमवार)
- शुक्ल पक्ष: 25 फरवरी (मंगलवार)
- मार्च 2025:
- कृष्ण पक्ष: 12 मार्च (बुधवार)
- शुक्ल पक्ष: 27 मार्च (गुरुवार)
- अप्रैल 2025:
- कृष्ण पक्ष: 10 अप्रैल (गुरुवार)
- शुक्ल पक्ष: 25 अप्रैल (शुक्रवार)
- मई 2025:
- कृष्ण पक्ष: 10 मई (शनिवार)
- शुक्ल पक्ष: 25 मई (रविवार)
- जून 2025:
- कृष्ण पक्ष: 9 जून (सोमवार)
- शुक्ल पक्ष: 24 जून (मंगलवार)
- जुलाई 2025:
- कृष्ण पक्ष: 9 जुलाई (बुधवार)
- शुक्ल पक्ष: 24 जुलाई (गुरुवार)
- अगस्त 2025:
- कृष्ण पक्ष: 7 अगस्त (गुरुवार)
- शुक्ल पक्ष: 22 अगस्त (शुक्रवार)
- सितंबर 2025:
- कृष्ण पक्ष: 6 सितंबर (शनिवार)
- शुक्ल पक्ष: 21 सितंबर (रविवार)
- अक्टूबर 2025:
- कृष्ण पक्ष: 6 अक्टूबर (सोमवार)
- शुक्ल पक्ष: 21 अक्टूबर (मंगलवार)
- नवंबर 2025:
- कृष्ण पक्ष: 5 नवंबर (बुधवार)
- शुक्ल पक्ष: 20 नवंबर (गुरुवार)
- दिसंबर 2025:
- कृष्ण पक्ष: 5 दिसंबर (शुक्रवार)
- शुक्ल पक्ष: 20 दिसंबर (शनिवार)
निष्कर्ष
2025 में दूज तिथि हर महीने दो बार आती है, जिसमें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की दूज का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इन तिथियों के माध्यम से, शुभ अवसर और त्योहार मनाने का सही समय तय किया जाता है।
महत्वपूर्ण सुझाव: धार्मिक कार्यों और व्रत-त्योहारों की योजना बनाते समय दूज तिथि की जानकारी का उपयोग करें।