श्री बाबोसा भगवान के 108 नाम: नामावली in Hindi/Sanskrit
ओंकाराय नमः ।
ॐ बाबोसा देवाय नमः ।
ॐ पन्नाय नमः ।
ॐ छगनी सुताय नमः ।
ॐ चूरू निवासाय नमः ।
ॐ गदाधराय नमः ।
ॐ कृपाकराय नमः ।
ॐ ब्र्हमाचारिण नमः ।
ॐ कुमाराय नमः ।
ॐ घेवरचंद नन्दनाय नमः । 10
ॐ रोग्नाशनाय नमः ।
ॐ हनुमत रूपाय नमः ।
ॐ हनुमत प्रियाय नमः ।
ॐ जीवन दात्रे नमः ।
ॐ मृत्यु हराय नमः ।
ॐ जयाय नमः ।
ॐ विजयाय नमः ।
ॐ भक्त मनः स्थिताय नमः ।
ॐ कष्ट हराय नमः ।
ॐ संकट विमोचनाय नमः । 20
ॐ शांति दूताय नमः ।
ॐ बाला रूपाय नमः ।
ॐ महाबलाय नमः ।
ॐ वरदाय नमः ।
ॐ कलियुग वरदाय नमः ।
ॐ भक्त ईष्ट देवता रूपाय नमः ।
ॐ भक्त कुल देवता रूपाय नमः ।
ॐ तपस्फलाय नमः ।
ॐ कोठारी कुल दीपाय नमः ।
ॐ हनुमत नाम जपकराय नमः । 30
ॐ हनुमत ह्रदय स्थिताय नमः ।
ॐ नीलवर्ण अश्वारूढाय नमः ।
ॐ प्रत्यक्ष देवताय नमः ।
ॐ वंश वृद्धिकराय नमः ।
ॐ सौभाग्य दात्रे नमः ।
ॐ दुर्भाग्य नाशनाय नमः ।
ॐ सुख समृद्धि प्रदायकाय नमः ।
ॐ जन्मान्तर ऋण विमोचनाय नमः ।
ॐ सौम्य मूर्तिने नमः ।
ॐ शांति स्वरूपाय नमः । 40
ॐ ज्योति स्वरूपाय नमः ।
ॐ भक्त वत्सलाय नमः ।
ॐ लोक नायकाय नमः ।
ॐ लोक रक्षकाय नमः ।
ॐ भय नाशनाय नमः ।
ॐ तंत्र शक्ति हरायकाय नमः ।
ॐ भूत प्रेत पिशाच नाशनाय नमः ।
ॐ स्वर्ण मुकुट धारणाय नमः ।
ॐ कर्ण कुंडल धारणाय नमः ।
ॐ आत्म शुद्धाय नमः । 50
ॐ काम क्रोध नाशनाय नमः ।
ॐ मातृ पितृ भक्ताय नमः ।
ॐ कालान्तकाय नमः ।
ॐ कालहराय नमः ।
ॐ कारागृह विमोक्त्रे नमः ।
ॐ चिरंजीविने नमः ।
ॐ उज्ज्वलाय नमः ।
ॐ कीर्तर्ये नमः ।
ॐ भक्त मान संरक्षणाय नमः ।
ॐ शरणागत रक्षकाय नमः । 60
ॐ त्रैलोक्य अधिपतये नमः ।
ॐ सर्व देव स्वरूपाय नमः ।
ॐ बुद्धि दात्रे नमः ।
ॐ रिद्धि सिद्धि दात्रे नमः ।
ॐ विद्या दात्रे नमः ।
ॐ शांति दात्रे नमः ।
ॐ योग मूर्तये नमः ।
ॐ धर्म रक्षकाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः ।
ॐ मार्ग बंधवे नमः । 70
ॐ मार्ग दर्शकाय नमः ।
ॐ दुर्विचार नाशनाय नमः ।
ॐ सदगति प्रदाय नमः ।
ॐ अतुल्याय नमः ।
ॐ जितेन्द्रियाय नमः ।
ॐ प्रसादाय नमः ।
ॐ दुष्ट गृह निहन्त्रे नमः ।
ॐ पिशाच गृह घातकाय नमः ।
ॐ बाल गृह विनाशाय नमः ।
ॐ सचिदानान्दाय नमः । 80
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः ।
ॐ सर्वभोमाया नमः ।
ॐ उत्तम श्री परिवाराय नमः ।
ॐ राम चरित्र भजनाय नमः ।
ॐ अपार करुणामूर्तये नमः ।
ॐ धैर्य प्रदायकाय नमः ।
ॐ सूर्य कोटिप्रकाशाय नमः ।
ॐ मंगल प्रदायकाय नमः ।
ॐ माया निकृत्तकाय नमः ।
ॐ अभस्मराय नमः । 90
ॐ ज्ञान विग्रहाय नमः ।
ॐ एकाय नमः ।
ॐ अनेकाय नमः ।
ॐ गुणाय नमः ।
ॐ गुण निधवे नमः ।
ॐ जगत गुरुवे नमः ।
ॐ दिव्य औषधि बसाय नमः ।
ॐ शोकहारिणे नमः ।
ॐ मिष्ठान प्रियाय नमः ।
ॐ बलभुजे नमः । 100
ॐ सन्मार्ग स्थापित नमः ।
ॐ कीर्तन प्रियाय नमः ।
ॐ शाकिनी डाकिनी यक्ष रक्षा भूत प्रपंचनाय नमः ।
ॐ भस्मरुपेण औषधि प्रदाय नमः ।
ॐ जल रुपेण व्याधि निवृत्तकाय नमः ।
ॐ मंजु ह्रदया स्थिताय नमः ।
ॐ प्रकाश गृहस्थिताय नमः ।
ॐ मोक्ष दात्रे नमः । 108
Babosa Bhagwan 108 Naam in English
Omkaraya Namah
Om Babosa Devaya Namah
Om Pannaya Namah
Om Chhagani Sutaya Namah
Om Churu Nivasaya Namah
Om Gadadharaya Namah
Om Kripakaraya Namah
Om Brahmacharine Namah
Om Kumaraya Namah
Om Gheverchand Nandanaya Namah (10)
Om Rognashanaya Namah
Om Hanumat Rupaya Namah
Om Hanumat Priyaya Namah
Om Jeevan Datre Namah
Om Mrityu Haraya Namah
Om Jayaya Namah
Om Vijayaya Namah
Om Bhakta Manah Sthitaya Namah
Om Kashta Haraya Namah
Om Sankat Vimochanaya Namah (20)
Om Shanti Dootaya Namah
Om Bala Rupaya Namah
Om Mahabalaya Namah
Om Varadaya Namah
Om Kaliyug Varadaya Namah
Om Bhakta Ishta Devata Rupaya Namah
Om Bhakta Kul Devata Rupaya Namah
Om Tapasphalaya Namah
Om Kothari Kul Deepaya Namah
Om Hanumat Naam Japakaraya Namah (30)
Om Hanumat Hriday Sthitaya Namah
Om Neelvarna Ashvarudhaya Namah
Om Pratyaksha Devataya Namah
Om Vansh Vriddhikaraya Namah
Om Saubhagya Datre Namah
Om Durbhagya Nashanaya Namah
Om Sukha Samriddhi Pradayakaya Namah
Om Janmantar Rin Vimochanaya Namah
Om Saumya Murtine Namah
Om Shanti Swaroopaya Namah (40)
Om Jyoti Swaroopaya Namah
Om Bhakta Vatsalaya Namah
Om Lok Nayakaya Namah
Om Lok Rakshakaya Namah
Om Bhaya Nashanaya Namah
Om Tantra Shakti Harayakaya Namah
Om Bhoot Pret Pishach Nashanaya Namah
Om Swarna Mukut Dharanaya Namah
Om Karna Kundal Dharanaya Namah
Om Atma Shuddhaya Namah (50)
Om Kam Krodha Nashanaya Namah
Om Matru Pitru Bhaktaya Namah
Om Kaalantakaya Namah
Om Kaalaharaya Namah
Om Karagraha Vimoktre Namah
Om Chiranjeevine Namah
Om Ujjvalaya Namah
Om Kirtarye Namah
Om Bhakta Maan Sanrakshanaya Namah
Om Sharanagat Rakshakaya Namah (60)
Om Trailokya Adhipataye Namah
Om Sarva Deva Swaroopaya Namah
Om Buddhi Datre Namah
Om Riddhi Siddhi Datre Namah
Om Vidya Datre Namah
Om Shanti Datre Namah
Om Yoga Murtaye Namah
Om Dharma Rakshakaya Namah
Om Mahaviraya Namah
Om Marg Bandhave Namah (70)
Om Marg Darshakaya Namah
Om Durvichar Nashanaya Namah
Om Sadgati Pradaya Namah
Om Atulaya Namah
Om Jitendriyaya Namah
Om Prasadaya Namah
Om Dushta Graha Nihantre Namah
Om Pishach Graha Ghatakaya Namah
Om Bala Graha Vinashaya Namah
Om Sachidanandaya Namah (80)
Om Purushottamaya Namah
Om Sarvabhaumaya Namah
Om Uttam Shri Parivaraya Namah
Om Ram Charitra Bhajanaya Namah
Om Apar Karunamurtaye Namah
Om Dhairya Pradayakaya Namah
Om Surya Kotiprakashaya Namah
Om Mangal Pradayakaya Namah
Om Maya Nikrittakaya Namah
Om Abhasmaraya Namah (90)
Om Gyaan Vigrahaya Namah
Om Ekaya Namah
Om Anekaya Namah
Om Gunaya Namah
Om Gun Nidhaye Namah
Om Jagat Gurave Namah
Om Divya Aushadhi Basaya Namah
Om Shokharine Namah
Om Mishtaan Priyaya Namah
Om Balabhuje Namah (100)
Om Sanmarg Sthapit Namah
Om Kirtan Priyaya Namah
Om Shakini Dakini Yaksha Raksha Bhoot Prapanchanaya Namah
Om Bhasmarupen Aushadhi Praday Namah
Om Jal Rupen Vyadhi Nivrittakaya Namah
Om Manju Hridaya Sthitaya Namah
Om Prakash Grah Sthitaya Namah
Om Moksha Datre Namah (108)
श्री बाबोसा भगवान के 108 नाम: नामावली PDF Download
श्री बाबोसा भगवान के 108 नाम: नामावली का अर्थ
यह एक विशेष स्तोत्र है जो भगवान हनुमान और बाबोसा देवता की प्रार्थना और वंदना के लिए रचा गया है। इसमें भगवान हनुमान और बाबोसा देवता के 108 नामों का उल्लेख किया गया है। प्रत्येक नाम के साथ “ॐ … नमः” का उच्चारण किया जाता है, जो इन दिव्य गुणों और शक्तियों को नमन और आदर के रूप में प्रस्तुत करता है। इन नामों का उच्चारण भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति, शांति, और रोगों से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। आइए, इन नामों के अर्थ और महत्व को विस्तार से समझें:
1-10:
ये नाम ओंकाराय से शुरू होते हैं, जो ईश्वर का मूल बीज मंत्र है, और घेवरचंद नन्दनाय तक जाते हैं, जो बाबोसा देवता की विशेषता और उनके सांसारिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। इनमें उनकी कृपा, पवित्रता, और भक्तों की रक्षा करने की शक्ति का गुणगान है।
11-20:
इनमें भगवान हनुमान के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन है जैसे रोग्नाशनाय (रोगों को हरने वाला), हनुमत रूपाय (हनुमान के रूप में), और संकट विमोचनाय (संकटों को दूर करने वाला)। ये नाम भक्तों के संकट हरने और शांति प्रदान करने के गुण को उजागर करते हैं।
21-30:
इस क्रम में शांति दूताय (शांति का दूत), वरदाय (वरदान देने वाला), और भक्त कुल देवता रूपाय (भक्तों के कुलदेवता के रूप में) जैसे नाम हैं जो भगवान हनुमान की कृपा और उनकी भक्तों के प्रति स्नेह को व्यक्त करते हैं।
31-40:
यहां पर भगवान हनुमान की शक्ति और भक्तों को सुख-समृद्धि देने की उनकी क्षमता को दर्शाया गया है। जैसे वर्तमान देवता रूपाय (वर्तमान देवता के रूप में), सौभाग्य दात्रे (सौभाग्य देने वाला), और शांति स्वरूपाय (शांति का स्वरूप)।
41-50:
ये नाम भगवान हनुमान की महिमा, उनकी भक्तवत्सलता और दुष्टों के नाश की क्षमता को प्रकट करते हैं। भूत प्रेत पिशाच नाशनाय और सुख समृद्धि प्रदायकाय जैसे नाम उनके भय निवारण और सुख प्रदान करने की शक्ति को दर्शाते हैं।
51-60:
इनमें हनुमानजी के मातृ-पितृ भक्ति, कालहराय (समय का विनाशक), भक्त मान संरक्षणाय (भक्तों का मान-सम्मान सुरक्षित रखने वाला) और शरणागत रक्षकाय (शरणागत की रक्षा करने वाला) जैसे नाम उनके भक्तों के प्रति समर्पण और उनकी शक्तियों का वर्णन करते हैं।
61-70:
यहां भगवान हनुमान को त्रैलोक्य अधिपतये (तीनों लोकों के स्वामी), सर्व देव स्वरूपाय (सभी देवताओं के स्वरूप) और मार्ग दर्शकाय (मार्गदर्शन करने वाला) जैसे नामों से पुकारा गया है, जो उनके संपूर्ण सृष्टि के प्रति दायित्व को दर्शाते हैं।
71-80:
इन नामों में भगवान हनुमान को सचिदानान्दाय (सच्चिदानंद स्वरूप), पुरुषोत्तमाय (श्रेष्ठ पुरुष) और राम चरित्र भजनाय (राम के चरित्र का भजन करने वाला) जैसे नामों से पुकारा गया है, जो उनके दिव्य स्वरूप और राम भक्ति को प्रकट करते हैं।
81-90:
यहां भगवान हनुमान की विशेषताओं को उजागर किया गया है जैसे धैर्य प्रदायकाय (धैर्य प्रदान करने वाला), मंगल प्रदायकाय (मंगल करने वाला) और ज्ञान विग्रहाय (ज्ञान का साक्षात रूप)।
91-100:
इन नामों में भगवान हनुमान के विभिन्न गुणों जैसे गुण निधवे (गुणों का भंडार), शोकहारिणे (शोक नाशक) और सन्मार्ग स्थापित नमः (सन्मार्ग को स्थापित करने वाला) का वर्णन है।
101-108:
अंतिम नाम भगवान हनुमान के लिए हैं, जिनमें वे मोक्ष दात्रे (मोक्ष देने वाला), मंजु ह्रदया स्थिताय (मधुर ह्रदय में स्थित), और माया निकृत्तकाय (माया का नाश करने वाला) जैसे नामों से पूजे गए हैं।
यह सम्पूर्ण स्तोत्र भक्तों को हनुमान और बाबोसा देवता की कृपा प्राप्त करने, उनके आशीर्वाद से जीवन के कष्टों को दूर करने और शांति, सुख-समृद्धि और भक्ति प्राप्त करने के उद्देश्य से रचा गया है। प्रत्येक नाम का उच्चारण भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव और लाभकारी माना जाता है।
बाबोसा देवता स्तोत्र
यह स्तोत्र मुख्य रूप से बाबोसा देवता और भगवान हनुमान की उपासना के लिए बनाया गया है। यह एक विशेष प्रकार का स्तोत्र है जिसमें विभिन्न नामों के माध्यम से उनकी शक्तियों, गुणों और दिव्य स्वरूप की स्तुति की जाती है। आइए, कुछ और गहन विवरणों पर नज़र डालते हैं:
बाबोसा देवता की महिमा:
- बाबोसा देवता को राजस्थान में प्रमुख रूप से पूजा जाता है। इन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है, जो विशेष रूप से संकटों का नाश करने और भक्तों को रोगों से मुक्त करने के लिए जाने जाते हैं।
- इस स्तोत्र में बाबोसा देवता के कई नाम जैसे ओंकाराय, बाबोसा देवाय, पन्नाय, और घेवरचंद नन्दनाय हैं, जो उनके दिव्य स्वरूप और उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को दर्शाते हैं। ये नाम उनके जीवन और चरित्र की विशेषताओं को उजागर करते हैं, जैसे कि उनकी करुणा, भक्ति और समर्पण।
भगवान हनुमान का स्तुतिपाठ:
- भगवान हनुमान को शक्ति, साहस, भक्ति, और विद्या के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इस स्तोत्र में उनके कई नाम जैसे रोग्नाशनाय (रोगों का नाश करने वाला), संकट विमोचनाय (संकट हरने वाला), और भूत प्रेत पिशाच नाशनाय (असुरी शक्तियों का नाश करने वाला) का उल्लेख है।
- प्रत्येक नाम उनके एक विशिष्ट गुण को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, महाबलाय नाम से उनकी महान शक्ति की महिमा की जाती है, और जीवन दात्रे नाम से उनके जीवन देने वाले गुण का गुणगान किया जाता है।
स्तोत्र का महत्त्व:
- यह स्तोत्र भक्तों को संजीवनी शक्ति और मानसिक शांति प्रदान करने में सक्षम माना जाता है। जो व्यक्ति इस स्तोत्र का नित्य पाठ करता है, उसे जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं से लड़ने की शक्ति और आत्मबल मिलता है।
- स्तोत्र के अंतर्गत आने वाले नामों का उच्चारण ध्यान, मंत्रोच्चारण और भक्ति के रूप में किया जाता है, जो मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
- इसमें मोक्ष और जीवन के कष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई है।
विविध गुणों का उल्लेख:
- इस स्तोत्र में हनुमान जी और बाबोसा देवता के 108 नामों के माध्यम से उनकी शक्ति, करुणा, भक्ति, रक्षा और शांति के गुणों का वर्णन है।
- इन नामों का उच्चारण भक्तों के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। उदाहरण के लिए, विनयांजनाय का अर्थ है विनम्रता का प्रतीक, जबकि महावीराय का अर्थ है महान वीरता का प्रतीक।
स्तोत्र पाठ के लाभ:
- यह माना जाता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से इस स्तोत्र का पाठ करता है, वह जीवन में आने वाली हर तरह की समस्याओं, संकटों और बाधाओं से मुक्त हो सकता है।
- यह भय, रोग, और दुष्ट शक्तियों के प्रभाव से भी रक्षा करता है और जीवन में सुख-शांति लाता है।
- साथ ही, यह स्तोत्र पाठक को धैर्य, साहस, और सद्गुणों की प्राप्ति में भी सहायक होता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ:
- राजस्थान और अन्य कई भारतीय राज्यों में, इस प्रकार के स्तोत्र का उपयोग धार्मिक समारोहों, त्योहारों, और विशेष अवसरों पर किया जाता है।
- इसे मुख्य रूप से नवरात्रि, हनुमान जयंती, और रामनवमी जैसे पर्वों पर भी पढ़ा जाता है।
- इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से गृहशांति, आरोग्यता, और परिवार की समृद्धि में वृद्धि होती है।
यह सम्पूर्ण स्तोत्र, भक्ति और श्रद्धा के साथ, भगवान हनुमान और बाबोसा देवता के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह न केवल एक प्रार्थना है, बल्कि एक मार्गदर्शक भी है, जो जीवन की हर चुनौती से निपटने की प्रेरणा देता है।