- – भाई का संबंध सबसे अनमोल और महत्वपूर्ण होता है, जो जीवन की कठिनाइयों में सहारा देता है।
- – राम और लक्ष्मण के उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि भाईचारा और साथ हमेशा संकट में काम आता है।
- – रावण की हार में भी भाई के सम्मान और ज्ञान की अहमियत को दर्शाया गया है।
- – अपने दुखों को सहन करना और भाई के साथ खड़ा रहना जीवन की सच्ची सीख है।
- – भाईचारे में विश्वास और मन का मेल होना आवश्यक है, धोखा देना रिश्तों को कमजोर करता है।
- – नीरज शर्मा ने इस कविता के माध्यम से भाई के महत्व और उसकी अहमियत को सुंदर शब्दों में प्रस्तुत किया है।

भाई जैसी चीज न जग में,
चाहे आजमा देख लो,
भीड़ पड़ी में काम आवे,
चाहे देख लेख लो।।
लक्ष्मण के जब मूर्छा छाई राम,
रो रो नीर बहावे था,
देख के ने भाई की हालत,
पाट कालजा आवे था,
इस घड़ी ने देख के हा,
बदली अपनी देख लो,
भीड़ पड़ी में काम आवे,
चाहे देख लेख लो।।
एक भाई कारण रावण हारया,
जो सभ ते बड़ा गयानी था,
उसने सम्मान दिया ना,
ज्ञान संग अभिमानी था,
में के धोरे वो नहीं से,
सिख तुम देख लो,
भीड़ पड़ी में काम आवे,
चाहे देख लेख लो।।
अपना मारे छा में गेरे,
दूसरे का के कहना,
भाई मैं जे दुख भी हो ते,
अपने में ते पड़े सहना,
भाई हो से अनमोल गहना,
मेरी सुन एक लो,
भीड़ पड़ी में काम आवे,
चाहे देख लेख लो।।
एक दूजे में मन मिल जाते,
भाई बराबर होया करे,
अपना बन के दगा करे जो,
उस की के कहया करे,
नीरज शर्मा कलम उठा के,
के लिखेगा देख लो,
भीड़ पड़ी में काम आवे,
चाहे देख लेख लो।।
भाई जैसी चीज न जग में,
चाहे आजमा देख लो,
भीड़ पड़ी में काम आवे,
चाहे देख लेख लो।।
लेखक / गायक – नीरज शर्मा खेड़का।
9728792190
प्रेषक – अनुपम शर्मा।
7988430353
