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भजन: बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई – Bhajn: Bansi Bajake Meri Nindiya Churai – Bhajan: Bansi Baja Ke Meri Nindiya Churai – Hinduism FAQ

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मुख्य बिंदु

  • – यह गीत भगवान कृष्ण की बंसी की मधुर धुन और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है।
  • – राधा की कृष्ण के प्रति गहरी प्रेम भावना और उनकी खोज की अभिव्यक्ति है।
  • – गीत में कृष्ण और राधा के बीच की नजदीकी और उनकी मुरली की मधुरता को दर्शाया गया है।
  • – महारास के समय की खुशियों और गोपियों के साथ कृष्ण की लीला का स्मरण किया गया है।
  • – यह भक्ति गीत कृष्ण की दिव्यता और उनके प्रति भक्तों के प्रेम को उजागर करता है।

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भजन के बोल

बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई,
लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी,
कहाँ गिरधारी मेरे कहाँ गिरधारी ॥
आँख मिचौली काहे खेले तु कान्हा,
पलके बिछाए बैठी तेरी में राधा,
काश में तेरी बन जाती बंसुरिया,
अधरों से तेरे लग जाती में सांवरिया,
नैना निहारे पन्थ आओ मुरारी,
कहाँ गिरधारी मेरे कहाँ गिरधारी ॥
याद जो आये मोहे पल महारास के,
थिरके पायलिया मृदंग ताल पे,
जितनी गोपिया उतने गोविन्दा,
कण कण में हे जेसे भगवंता,
पल ना पड़े अब कान्हा पल पल भारी,
कहाँ गिरधारी मेरे कहा गिरधारी ॥
बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई,
लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी,
कहाँ गिरधारी मेरे कहाँ गिरधारी ॥
BhaktiBharat Lyrics

भजन वीडियो

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