- – यह गीत कान्हा (कृष्ण) और राधा के प्रेम और स्नेह को दर्शाता है, जिसमें राधा कान्हा को बरसाने आने का निमंत्रण देती है।
- – गीत में कान्हा की विभिन्न आवश्यकताओं जैसे भूख, प्यास, ठंड, गर्मी और नींद का ध्यान रखने की बात कही गई है।
- – राधा कान्हा के लिए माखन मिश्री, ठंडा पानी, कंबल, पंखा और मखमली गद्दे जैसी चीजें लेकर आने का आग्रह करती है।
- – यह गीत प्रेम और सेवा की भावना को उजागर करता है, जिसमें राधा कान्हा की हर स्थिति में देखभाल करती है।
- – गीत की पुनरावृत्ति और सरल भाषा इसे भक्ति और लोकगीत की शैली में प्रस्तुत करती है।

कान्हा बरसाने में आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने में आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी
बुलाई गई राधा प्यारी,
बुलाई गई राधा प्यारी,
ओ कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।।
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
आहा माखन मिशरी खाए जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।।
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी
आहा ठंडा पानी पी जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।।
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
आहा काली कंबलिया ले जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।।
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी
आहा मोर का पंखा ले जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।।
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी
आहा मखमली गद्दे पे सो जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।।
