चौथ तिथि, जिसे चतुर्थी भी कहते हैं, हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो बार आती है। यह तिथि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में अलग-अलग पड़ती है। इस लेख में, आप चौथ तिथि की महत्व, तिथियों और अन्य संबंधित जानकारियों को विस्तार से जान सकते हैं।
चौथ तिथि का महत्व
चतुर्थी तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह तिथि मुख्यतः भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती है। शुक्ल पक्ष की चौथ को व्रत और पूजा का विधान होता है, जो घर में सुख-समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति प्रदान करती है। कृष्ण पक्ष की चौथ को अक्सर संकटहरण चतुर्थी कहा जाता है, जिसमें व्रत और पूजा से कष्टों का निवारण माना जाता है।
2025 में चौथ तिथियों की सूची
माह | विनायक चतुर्थी (शुक्ल पक्ष) | संकष्टी चतुर्थी (कृष्ण पक्ष) |
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जनवरी | 2 जनवरी 2025 (गुरुवार) | 17 जनवरी 2025 (शुक्रवार) |
फरवरी | 2 फरवरी 2025 (रविवार) | 16 फरवरी 2025 (रविवार) |
मार्च | 3 मार्च 2025 (सोमवार) | 18 मार्च 2025 (मंगलवार) |
अप्रैल | 1 अप्रैल 2025 (मंगलवार) | 17 अप्रैल 2025 (गुरुवार) |
मई | 1 मई 2025 (गुरुवार) | 16 मई 2025 (शुक्रवार) |
जून | 29 जून 2025 (रविवार) | 15 जून 2025 (रविवार) |
जुलाई | 28 जुलाई 2025 (सोमवार) | 14 जुलाई 2025 (सोमवार) |
अगस्त | 27 अगस्त 2025 (बुधवार) | 12 अगस्त 2025 (मंगलवार) |
सितंबर | 26 सितंबर 2025 (शुक्रवार) | 11 सितंबर 2025 (गुरुवार) |
अक्टूबर | 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार) | 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) |
नवंबर | 24 नवंबर 2025 (सोमवार) | 8 नवंबर 2025 (शनिवार) |
दिसंबर | 24 दिसंबर 2025 (बुधवार) | 8 दिसंबर 2025 (सोमवार) |
चतुर्थी व्रत और पूजा का महत्व
चतुर्थी तिथि पर व्रत और पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रती व्यक्ति भगवान गणेश की पूजा कर उनसे कृपा प्राप्त करता है। व्रत में गणेश मंत्र का जाप, प्रसाद चढ़ाना और कथा सुनना विशेष फलदायी माना जाता है।
- शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (विनायक चतुर्थी): यह दिन समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए शुभ है।
- कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (संकटहरण चतुर्थी): इसे भगवान गणेश को प्रसन्न कर जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया जाता है।