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हार के आया मैं जग सारा,
तेरी चौखट पर,
तुमसे ही है सारी उम्मीदें,
तुम ही लोगे खबर,
सब कहते है अपने भगत की,
श्याम हमेशा पत रखता है,
हारे का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है ॥

जग से रिश्ता तोड़ दिया है,
तुझसे नाता जोड़ लिया है,
तुझको ही माना साथी अपना,
तुझपे ही सबकुछ छोड़ दिया है,
तेरी दया से मेरा दीपक,
तूफानों में भी जलता है,
हारें का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है ॥

कलयुग की सरकार तू ही है,
जीवन का आधार तू ही है,
क्यों भटकूं मैं दर दर जाकर,
श्याम मेरा संसार तू ही है,
तेरी कृपा का हाथ है जबसे,
हर संकट खुद ही टलता है,
हारें का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है ॥

हार के आया मैं जग सारा,
तेरी चौखट पर,
तुमसे ही है सारी उम्मीदें,
तुम ही लोगे खबर,
सब कहते है अपने भगत की,
श्याम हमेशा पत रखता है,
हारे का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है ॥

हार के आया मैं जग सारा: गहन अर्थ और गूढ़ विश्लेषण

यह भजन केवल श्याम की महिमा नहीं गाता, बल्कि यह भक्ति, आत्मसमर्पण, और भक्त और भगवान के बीच के दिव्य संवाद को दर्शाता है। इसमें छिपे गहरे अर्थ हमें न केवल भक्ति का महत्व समझाते हैं, बल्कि जीवन की जटिलताओं से मुक्त होने का मार्ग भी बताते हैं। आइए भजन को एक उच्चतर स्तर पर समझने का प्रयास करें।


प्रथम पद: हार के आया मैं जग सारा

हार के आया मैं जग सारा, तेरी चौखट पर

यह पंक्ति केवल हार की अभिव्यक्ति नहीं है। यह उस आत्मबोध को दर्शाती है जो एक भक्त को तब होता है जब वह समझता है कि सांसारिक प्रयास व्यर्थ हैं।
गहरी दृष्टि:

  • संसार की सारी इच्छाएँ और भौतिक लक्ष्य केवल अस्थायी सुख देते हैं।
  • जब भक्त कहता है कि “हार के आया”, इसका अर्थ है कि उसने अहंकार, अपने कर्म और अपनी सीमाओं को पहचान लिया है।
  • “तेरी चौखट पर” आने का तात्पर्य है कि अब वह पूरी तरह से भगवान के चरणों में समर्पित है।

तुमसे ही है सारी उम्मीदें, तुम ही लोगे खबर

यह पंक्ति भगवान पर अडिग विश्वास का प्रतीक है।
गहराई:

  • “तुमसे ही है सारी उम्मीदें” – यह कहना, सांसारिक स्रोतों से मुंह मोड़कर ईश्वर को ही जीवन का केंद्र मान लेना है।
  • “तुम ही लोगे खबर” – भक्त यह मानता है कि भगवान उसके मन की हर भावना, हर कठिनाई को बिना बताए समझते हैं। यह अभिव्यक्ति केवल विश्वास नहीं, बल्कि भगवान के साथ एक आंतरिक संवाद है।

सब कहते है अपने भगत की, श्याम हमेशा पत रखता है

यह पंक्ति भगवान के साथ भक्त के रिश्ते का सामूहिक अनुभव है।
आध्यात्मिक दृष्टि:

  • “पत रखता है” का अर्थ केवल सम्मान बनाए रखना नहीं है। यह भगवान के प्रति हमारे कर्मों और उनकी अनुग्रह शक्ति के बीच संतुलन का प्रतीक है।
  • यह हमें यह भी सिखाता है कि भगवान केवल उन भक्तों की मदद करते हैं जो सच्चे हृदय से समर्पण करते हैं।

हारे का सहारा मेरा श्याम, हमेशा मेरी लाज रखता है

यह केवल एक प्रार्थना नहीं है। यह एक विश्वास है जो कठिन समय में भक्त को स्थिरता प्रदान करता है।
गहरी व्याख्या:

  • “हारे का सहारा” – इसका अर्थ है, भगवान हमारे जीवन के अंतिम सहारा हैं, जब संसार के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।
  • “लाज रखता है” – यह केवल बाहरी प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि आंतरिक आत्मसम्मान और आध्यात्मिक शुद्धता को भी बनाए रखने की बात है।

द्वितीय पद: जग से रिश्ता तोड़ दिया है

जग से रिश्ता तोड़ दिया है, तुझसे नाता जोड़ लिया है

यह सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठने की स्थिति है।
आध्यात्मिक गहराई:

  • “जग से रिश्ता तोड़ना” – इसका तात्पर्य केवल भौतिक वस्तुओं से दूर होना नहीं है। यह हमारे भीतर के लोभ, मोह, और स्वार्थ जैसे गुणों को त्यागने का संकेत है।
  • “तुझसे नाता जोड़ना” – यह नाता आत्मा और परमात्मा के बीच का है। यह उस शाश्वत संबंध का प्रतीक है, जिसे संसार के किसी भी प्रलोभन से विचलित नहीं किया जा सकता।

तुझको ही माना साथी अपना, तुझपे ही सबकुछ छोड़ दिया है

यह पंक्ति भक्त और भगवान के बीच पूर्ण विश्वास की पराकाष्ठा को दर्शाती है।
गहरा भाव:

  • “साथी अपना” – यहाँ भगवान को न केवल ईश्वर के रूप में, बल्कि एक मित्र, मार्गदर्शक, और सहायक के रूप में स्वीकार किया गया है।
  • “सबकुछ छोड़ दिया है” – यह उस आत्मसमर्पण का प्रतीक है, जहाँ भक्त अपने अहंकार, इच्छाओं और यहाँ तक कि अपने भय को भी भगवान के चरणों में अर्पित कर देता है।

तेरी दया से मेरा दीपक, तूफानों में भी जलता है

यह पंक्ति भगवान की कृपा के महत्व को दर्शाती है।
गहराई से समझें:

  • “दीपक” – यह दीपक हमारे भीतर की आत्मा है, जो कठिन समय में भी भगवान की कृपा से जलती रहती है।
  • “तूफान” – यह हमारे जीवन के संघर्ष, विपत्तियाँ और मानसिक क्लेश हैं।
  • “जलता है” – यह इस बात का प्रतीक है कि भगवान की कृपा हमें स्थिरता, साहस और प्रकाश देती है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों।

हारे का सहारा मेरा श्याम, हमेशा मेरी लाज रखता है

यह पंक्ति भक्ति और भगवान की अनुकंपा के बीच का गहरा रिश्ता व्यक्त करती है।
विश्लेषण:

  • यह हमें यह सिखाती है कि भगवान केवल उन भक्तों की मदद करते हैं जो अपनी हार को स्वीकार कर उनकी शरण में आते हैं।

तृतीय पद: कलयुग की सरकार तू ही है

कलयुग की सरकार तू ही है, जीवन का आधार तू ही है

इस पंक्ति में भगवान श्याम को कलयुग का शासक और जीवन का मूल आधार माना गया है।
गहरा अर्थ:

  • “कलयुग की सरकार” – भगवान श्याम को मान्यता दी गई है कि इस युग में वे ही सबसे सुलभ, सरल और कृपालु देवता हैं।
  • “जीवन का आधार” – भक्त यह स्वीकार करता है कि श्याम के बिना उसका जीवन अधूरा है।

क्यों भटकूं मैं दर दर जाकर, श्याम मेरा संसार तू ही है

यह पंक्ति भक्ति के परम शिखर को दर्शाती है।
गहरी दृष्टि:

  • “दर दर जाकर” – संसार की इच्छाओं और समस्याओं के पीछे भागने का प्रतीक।
  • “श्याम मेरा संसार” – भगवान के साथ का यह रिश्ता भक्त को हर सांसारिक मोह से मुक्त करता है।

तेरी कृपा का हाथ है जबसे, हर संकट खुद ही टलता है

भगवान की कृपा से जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
गहरा भाव:

  • “कृपा का हाथ” – यह प्रतीक है कि भगवान की शक्ति और मार्गदर्शन हमेशा उनके भक्तों के साथ रहता है।
  • “हर संकट टलता है” – यह विश्वास का प्रतीक है कि भगवान की कृपा से किसी भी समस्या का समाधान संभव है।

हारे का सहारा मेरा श्याम, हमेशा मेरी लाज रखता है

यह पुनः भगवान के प्रति भक्त का अडिग विश्वास और समर्पण व्यक्त करता है।


भजन का आध्यात्मिक सार

  1. सांसारिक मोह से मुक्ति:
    भजन हमें यह सिखाता है कि संसार की वस्तुएँ और रिश्ते अस्थायी हैं। केवल भगवान ही सच्चा आधार हैं।
  2. आत्मा और परमात्मा का संबंध:
    यह भजन भक्त और भगवान के बीच उस अनोखे रिश्ते को दर्शाता है, जिसमें प्रेम, समर्पण और विश्वास का संपूर्ण समावेश है।
  3. भगवान की कृपा का महत्व:
    कठिनाइयों और असफलताओं के समय भगवान की कृपा ही हमें शक्ति और समाधान प्रदान करती है।
  4. शरणागति और विश्वास:
    भजन में बार-बार यह बात सामने आती है कि भगवान की शरण में जाने से हर समस्या का हल संभव है।

समापन

यह भजन गहरी भक्ति, विश्वास और भगवान के साथ हमारे आंतरिक संबंध का परिचायक है। यह हमें सिखाता है कि जब हम अपनी हार मानकर भगवान के चरणों में समर्पण करते हैं, तो वे हमें सहारा देते हैं और हमारी रक्षा करते हैं। भजन के हर शब्द में भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान की झलक है, जो हमें अपने जीवन में नई प्रेरणा और शांति प्रदान करता है।

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