- – यह भजन बाबा श्याम जी की महिमा और उनके भक्तों के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करता है।
- – खाटु धाम में विराजमान बाबा श्याम जी की पूजा और उनके चमत्कारों का वर्णन है।
- – भजन में बाबा श्याम जी के विभिन्न रूपों और उनके दिव्य गुणों का उल्लेख है, जैसे गोपीनाथ, त्रिपुरारी और डोड्या हनुमत।
- – फागण के मेले में भक्तों का नाचना-गाना और बाबा के चरणों में शीश नवाना दर्शाया गया है।
- – भक्तों की संकटमोचन शक्ति के रूप में बाबा श्याम जी की महिमा का गुणगान किया गया है।
- – यह भजन भक्तों को बाबा श्याम जी के नाम का स्मरण कर उनके दर्शन के लिए प्रेरित करता है।
खाटु में बिराजे म्हारा,
बाबा श्याम जी,
ओ दुनिया,
दुनिया दर्शन करने आवे,
सुनकर थारो नाम जी,
थारो नाम जी ओ बाबा,
थारो नाम जी,
दुनिया दर्शन करने आवे,
सुनकर थारो नाम जी।।
तर्ज – पल्लो लटके।
मकराणे को मंदिर थारो,
ध्वजा फरुखे भारी,
दायी भुजा गोपीनाथ विराजे,
बायीं भुजा त्रिपुरारी,
ओ थारे,
ओ थारे डोड्या हनुमत नाचे,
म्हारा बाबा श्याम जी।।
केसरिया थारे बागो सोवे,
गले पुष्पन की माला,
मोरछड़ी थारे हाथा सोवे,
भगता रा रखवाला,
ओ थारे,
ओ थारे लीले की असवारी,
म्हारा बाबा श्याम जी।।
फागण के मेले के माहि,
भगत नाचता आवे,
नाचत कूदत जावे धाम में,
चरणा शीश नवावे,
ओ थारे,
ओ थारे गा गा कर रिझावे,
म्हारा बाबा श्याम जी।।
श्याम भगत थारी महिमा गावे,
सुणलो जी गिरधारी,
सबका संकट मिटो बाबा,
शरण पड़्या हाँ थारी,
ओ थारा,
ओ थारा रामकिशन गुण गावे,
म्हारा बाबा श्याम जी।।
खाटु में बिराजे म्हारा,
बाबा श्याम जी,
ओ दुनिया,
ओ दुनिया दर्शन करने आवे,
सुनकर थारो नाम जी,
थारो नाम जी ओ बाबा,
थारो नाम जी,
दुनिया दर्शन करने आवे,
सुनकर थारो नाम जी।।