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- – यह भजन भगवान शिव (भोलेनाथ) की महिमा और उनकी कृपा की प्रार्थना करता है।
- – भगीरथ द्वारा गंगा को धरती पर लाने की कथा का उल्लेख है, जो पापों को धोने वाली है।
- – शिव जी के स्वरूप का वर्णन है, जैसे गोरा बदन, भस्म, रुण्ड माला, डमरू और काल नाग।
- – भांग, धतूरा, विष आदि का सेवन करने वाले भोलेनाथ को दीनदयाल और दयालु बताया गया है।
- – भजन में भोलेनाथ से पार लगाने और जीवन में सुख-शांति देने की विनती की गई है।
- – गायक का नाम श्याम जी वैष्णव है, जिन्होंने इस भजन को प्रस्तुत किया है।

मैं आधीन तुम्हारा जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
गंगा ने भगीरथ लायो,
रेवे जटा बीच धारा रे,
अनेक पापी आपने तारे,
माने थे पार उतारो जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
गोरा बदन पर भस्म रमावत,
गले सोवे रुण्ड माला जी,
डमरू बजावत शंकर देखो,
पार्वती का प्यारा रे,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
हे भांग धतूरा अमल अरोगे,
विष रा करत आहारा रे,
कालो नाग थोरे गले विराजे,
आप हो दीनदयाला जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
हे खांड खोपरा घिरत मिठाई,
और दुधन कि धारा रे,
तान सेन थारो जस गावे,
बेड़ा थे पार लगावो जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
मैं आधीन तुम्हारा जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
गायक – श्याम जी वैष्णव।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
